गाजियाबाद। वसुंधरा के होटल क्रिस्टल पैलेस में देवप्रभा प्रकाशन की ओर से आयोंजित भव्य दोहा सम्मेलन में ‘कविता अविराम-7’ साझा दोहा संग्रह सहित पांच पुस्तकों ‘कृष्णामृत हाला, बूंद-बूंद सागर, सागर की दस लहरों और लोक नाट्य परम्परा’ का लोकार्पण हुआ। इस दौरान तीन दर्जन दोहाकारों का सम्मान किया गया। दोहा पाठ सत्र में दूर-दराज से आये दोहाकारों ने देश-दुनिया के विभिन्न मुद्दों पर दोहे सुनाकर वातावरण को मुखर कर दिया।
सुप्रसिद्ध कवि एवं देवप्रभा प्रकाशन के प्रकाशक डॉ चेतन आनंद ने अपने स्वागत भाषण में सभी गणमान्य आमंत्रित अतिथियों एवं दोहाकारों का सम्मान किया। इस भव्य लोकार्पण कार्यक्रम की अध्यक्षता गजरौला से पधारीं सुविख्यात महाकवयित्री डॉ मधु चतुर्वेदी ने की। मुख्य अतिथि के रूप में दिल्ल्ी से सुप्रसिद्ध दोहाकार, गज़लकार एवं गीतकार नरेश शांडिल्य की गरिमामयी उपस्थिति रही। जबकि एटा उत्तर प्रदेश से अंतर्राष्ट्रीय कवि डॉ. राकेश सक्सेना, साहिबाबाद से बीके वर्मा ‘शैदी’ एवं गाजियाबाद से डॉ. सुरेन्द्र शर्मा ‘रसिक’ विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलन से किया। कवयित्री शोभा सचान ने मधुर सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। मंच संचालन का दायित्व कवयित्री कुसुम लता कुसुम पुंडोरा ‘कुसुम’ ने संभाला। डॉ. चेतन आनंद ने सभी आमंत्रित अतिथियों एवं दोहाकारों का सम्मान अंगवस्त्र, स्मृति चिह्न एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान करके किया। प्रथम सत्र में अतिथियों में डॉ राकेश सक्सेना ने दोहा तकनीक पर प्रकाश डाला। आज के दौर में ग़ज़ल और दोहा तकनीक पर भी कुछ विस्तृत जानकारी प्रदान की। नरेश शांडिल्य ने दोहा के भाव पक्ष व अर्थ से संबंधित बहुत ही सूक्ष्म जानकारी व दोहों के नियमों से परिचित कराया। बीके वर्मा ‘शैदी’ एवं डॉ. मधु चतुर्वेदी ने दोहों की सार्थकता व भाव पक्ष-कला पक्ष की विवेचना की तथा दोहों के मर्म को समझाया। डॉ सुरेंद्र शर्मा ’रसिक’ ने अपनी चारों विमोचित पुस्तकों पर अपने विचार रखे। दूसरे सत्र में दोहा पाठ करने वाले दोहाकारों में डॉ. मनोज कामदेव, डॉ. राजेश जोशी, सुरेश चंद्र जोशी, रजनीश गोयल, डॉ संतोष संप्रीति, डॉ मधुबाला श्रीवास्तव, सिद्धि डोभाल, ज्योति किरन राठौर, मंजुला रॉय, शालिनी शर्मा, अजीत श्रीवास्तव ’नवीन’, मनीषा जोशी, शोभा सचान, दिनेश चंद्र श्रीवास्तव, दीपिका वल्दिया, डॉ. सुरुचि सैनी, सपना दत्ता सुहासिनी, विशाल जैन, युद्धबीर सिंह बिष्ट, सुरेश सेमवाल, रजनी बाला, सीमा सागर शर्मा, कुसुम लता पुंडोरा ’कुसुम’, चेतन आनंद, डॉ. राकेश सक्सेना, नरेश शांडिल्य, बीके वर्मा शैदी, डॉ. मधु चतुर्वेदी इत्यादि रहे। कविता अविराम-7 साझा दोहा संग्रंह का संपादन डॉ. चेतन आनंद, कुसुम लता पुंडोरा कुसुम और डॉ. मनोज कामदेव ने किया।