गाजियाबाद। वसुंधरा स्थित मेवाड़ लॉ इंस्टीट्यूट की ओर से मेवाड़ ऑडिटोरियम में आयोजित मानवाधिकार दिवस समारोह में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य राजीव जैन ने कहा कि मानवाधिकार आयोग को सालभर में देशभर से एक लाख शिकायतें लोगों की मिलती हैं इनमें से 70 हजार मानवाधिकार से संबंधित नहीं होतीं। लिहाजा आयोग उनको या तो रिजेक्ट कर देता है या संबंधित विभागों को भेज देता है। उन्होंने खनन के मामलों में सांस की दिक्कतों, आपसी विद्वेष, बाल एवं महिला यौन शोषण जैसे मामलों पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने अपील की कि सरकारें इन मामलों के प्रति गंभीरता बरतें और सभी नागरिकों को जीने के समान अधिकार दें। मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डॉ. अशोक कुमार गदिया ने कहा कि मानवाधिकारों की सुरक्षा को लेकर देश के लोग जागरूक बनें। इसके लिए मानवाधिकारों की लोगों को सही जानकारी होना ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि मानव के सम्पूर्ण विकास के लिए यह अधिकार अधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि अधिकार वे नहीं जो आपको प्रदान किए जाएं, अधिकार वे हैं जो आपसे कोई छीन न सके। मानवाधिकार कानून मानव को सामाजिक, आर्थिक व सांस्कृतिक सुरक्षा प्रदान करते हैं। अगर 20 प्रतिशत लोग 80 प्रतिशत लोगों के हकों को मारने पर तुले रहे तो हम पाषाण युग की ओर धकेल दिये जाएंगे। सहिष्णुता जैसे मुद्दे को गंभीरता से सोचना होगा। इस मौके पर डा. गदिया एवं मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस की निदेशिका डॉ. अलका अग्रवाल ने मुख्य अतिथि राजीव जैन को मेवाड़ की ओर से गुलदस्ता, शॉल एवं स्मृति चिह्न भेंटकर सम्मानित किया। समारोह में लॉ के विद्यार्थियों आशुतोष रस्तोगी, अक्षत मोंगा, आयुषी त्यागी, खुशी झा, रिमझिम भटनागर आदि ने मानवाधिकारों के महत्व पर अपने-अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर मेवाड़ लॉ इंस्टीट्यूट का शिक्षण स्टाफ व विद्यार्थी मौजूद थे। संचालन यशिका तोमर ने किया। अंत में मेवाड़ ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस की निदेशिका डॉ. अलका अग्रवाल ने सभी का आभार व्यक्त किया।