- ओमप्रकाश प्रजापति
दिल्ली। दिल्ली वालों ने दिवाली पर दिल से इतने पटाखे जलाए कि एक बार फिर पूरा शहर धुआं-धुआं हो गया। ऐसा नहीं है कि दिल्ली की हवा पहले जहरीली नहीं थी, लेकिन बारिश ने इस जहर को काफी कम कर दिया था। इसी बीच दिवाली आ गई, इस मौके पर लोगों ने जमकर आतिशबाजी की। सुप्रीम कोर्ट के आदेश को धत्ता बताते हुए पटाखों का शोर देर रात तक गूंजता रहा। अब पॉल्यूशन का लेवल एक्यूआई पर 900 पार हो चुका है, ऐसे में लोग कई तरह के तर्क भी देने लगे हैं। राजधानी दिल्ली में पटाखों पर बैन के बावजूद जमकर आतिशबाजी हुई। जिसके बाद एक बार फिर दिल्ली ही नहीं एनसीआर की हवा पूरी तरह से बिगड़ गई है। दिल्ली की वायु गुणवत्ता 900 के पार पहुंच गई है। जिसको देखते हुए सरकार ने बैठक बुलाई है। प्रदूषण में पिछली सुबह से 24 घंटे की अवधि में 140 फीसदी की भारी वृद्धि दर्ज हुई है। 24 घंटे में बदली दिल्ली की आबोहवा, आज AQI 900 के पार हुआ, सांसों में 140 फीसदी घुला जहर। राजधानी दिल्ली में दिवाली की सुबह से अगले 24 घंटे में हवा पूरी तरह से बदल गई। प्रदूषण का स्तर कई इलाकों में 900 के पार पहुंच गया है। वहीं नोएडा में एक्यूआई 500 दर्ज हुआ। दिल्ली के लाजपत नगर और जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम इलाके में प्रदूषण चरम पर है। दिवाली के एक दिन बाद दिल्ली में हवा की गुणवत्ता फिर से खराब स्तर पर पहुंच गई है। दिवाली के एक दिन बाद हवा में मौजूद सभी कणों में सबसे हानिकारक पीएम 2.5 आज सुबह 7 बजे 200.8 दर्ज किया गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के दर्ज आंकड़ों के मुताबिक, दिवाली की सुबह ये आंकड़ा 83.5 था। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़े बताते हैं कि दिल्ली के रोहिणी, आईटीओ और दिल्ली आईजीआई समेत ज्यादातर इलाकों में पीएम 2.5 और पीएम 10 प्रदूषण का स्तर 500 तक पहुंच गया। वहीं दिल्ली के लाजपत नगर और जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम सहित कई इलाकों में एक्यूआई 900 से ऊपर बताया गया। दिल्ली में दिवाली के दिन आठ वर्षों में सबसे अच्छी वायु गुणवत्ता देखी गई, लेकिन एनसीआर में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन होने के बाद आज सुबह अधिकांश इलाकों में एक्यूआई 500 को पार कर गया। हवा की गुणवत्ता के बारे में पता करने के लिए सरकार अलग- अलग जगहों पर एयर क्वालिटी को मापने वाले मीटर को लगाती है। यह एक थर्मामीटर की तरह काम करता है और हवा की गुणवत्ता के बारे में पता करने का काम करता है। हवा की गुणवत्ता खराब होने के कारण आंख, गले और फेफड़े से जुड़ी तकलीफ बढ़ने लगती है। इसका सबसे बड़ा खतरा बच्चों और बूढ़ों पर होता है। इस दौरान कई लोगों को तो खांसी और सांस लेने में तकलीफ का सामना भी करना पड़ता है। दिवाली के पहले ही प्रदूषण से बिगड़ते हालात को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में पटाखों और अतिशबाजी पर रोक लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर में दिल्ली सरकार के पटाखों पर प्रतिबंध में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए कहा था कि लोगों का स्वास्थ्य महत्वपूर्ण है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल दिवाली में दिल्ली में AQI 312 था, 2021 में 382 और 2020 में 414 था। मेरा मानना है कि सरकार को अब CCTV की तरह के हवा की गुणवत्ता जाचने वाले यन्त्र गली- मोहल्ले में लगाने चाहिए ताकि पूरी दिल्ली बदनाम न हो, वो लोग जो प्रदुषण प्रेमी है, पटाखे फोडू हैं या ज्यादा ज्ञानी हैं उनको हवा की गुणवत्ता जाचने वाले यन्त्र कैद किया जा सके।