दिल्ली 25मई:~पर्यावरण सुरक्षा का संदेश देती हैं सनातन संस्कृति यह संदेश दिया स्वामी श्री राजेश्वरानंद जी महाराज ने बड़ अमावस्या से पहले बड़ के पौधे वितरीत करते हुए शाहदरा गोरख पार्क स्थित श्री राजमाता झंडेवाला मंदिर में भक्तजनों को।
सदगुरु राजदरबार के प्रबंधक राम वोहरा ने बताया कि स्वामी श्री राजेश्वरानंद जी महाराज के सान्निध्य में बड़ अमावस्या संदर्भ में पौधा वितरण का आयोजन किया गया जिसमें सनातन संस्कृति के पावन पर्व बड़ अमावस्या पर बड़ के वृक्ष की पूजा हेतु बड़ के पौधे विशेष रूप से बांटे गए।इसमें पर्यावरण मित्र संस्था की अध्यक्ष अविता जाट का विशेष सहयोग प्राप्त हुआ।
बड़ अमावस्या से पहले बड़ के पौधे वितरीत करते हुए इस अदभुद कार्यक्रम में भक्तों को संबोधित करते हुए स्वामी श्री राजेश्वरानंद जी महाराज ने कहा कि "सनातन संस्कृति में युगोंपहले ही पर्यावरण सुरक्षा के मद्देनजर पीपल,बड़,केला,बरगद आदि वृक्षों में भगवान की मौजूदगी का संदेश दिया गया। समय समय पर विभिन्न तीज त्यौहार पर्व पर इन वृक्षों की पूजा का महत्व बताया गया कि जिससे सांसारिक लोगों द्वारा वृक्ष रूपी पर्यावरण का संवर्धन एवं संरक्षण होता रहे।याद रखें हमारे आस पास हरियाली है तो हमारे घर परिवार समाज में खुशहाली रहेगी।देखने में आता हैं कि कई लोग पूजा हेतु बड़ के वृक्ष की टहनियां काट लेते है जबकि जीवन का सूत्र बना लेना चाहिए कि "वृक्षों को काटना नहीं बल्कि इनका संरक्षण ओर संवर्धन करना है।" वटवृक्ष को सूत के धागे से बांधने से प्रकृति संरक्षण का संदेश मिलता है। बड़ के पौधे वितरण करते हुए स्वामी राजेश्वरानंद जी महाराज ने कहा कि पहले इन पौधो की पूजा करने के बाद इस पौधे को अपने आस पास या पार्क में रोपिए सिंचिए ओर संरक्षण कीजिए।सप्ताह में एकाध बार इस भगवान रूपी पौधे की सुरक्षा पर कार्य करने से जैसे जैसे यह पौधा वृक्ष का रूप धारण करता चला जाएगा वैसे वैसे ही आपके घर परिवार समाज में खुशहाली प्रत्यक्ष रूप में आपको दिखाई देगी। सुरक्षित वृक्ष ही सुरक्षित भविष्य की गारंटी है।
बड़ अमावस्या संदर्भ में पौधा वितरण कार्यक्रम में शिक्षा सर्वोपरि संस्थान,केसरी युवा,हिंदू युवा वाहिनी एवं विश्वास शुक्ल,विमल गुप्ता,मनोज सिंह राजपूत,दीपक सहगल,आशीष लाकड़ा का विशेष सहयोग प्राप्त हुआ।