नई दिल्ली- हिन्दी भवन के सभागार में प्रसिद्ध पत्रकार, कवि, लेखक, संपादक हिन्दी भवन के स्वप्नदृष्टा, संयोजक तथा हिन्दी भवन न्यास समिति के संस्थापक मंत्री पंडित गोपाल प्रसाद व्यास जी की नौ खण्डों एवं 13 भागों में छपी रचनावली का लोकार्पण करते हुए राज्य सभा के उप-सभापति एवं प्रसिद्ध पत्रकार श्री हरिवंश नारायण सिंह जी ने कहा कि व्यास जी द्वारा रचित साहित्य आज भी उतना ही प्रासंगिक है, जितना पहले था। उन्होंने इस रचनावली के आने पर बधाई देते हुए कहा कि यह रचनावली व्यास जी के असंख्य चाहने वालों के लिए आनंद एवं ज्ञान का स्रोत सिद्ध होगी। कार्यक्रम की अध्यक्षता झारखंड के प्रथम राज्यपाल तथा भारत के कैबिनेट सचिव रहे श्री प्रभात कुमार जी द्वारा की गई। मंच पर हिन्दी भवन के अध्यक्ष डॉ गोपाल चंद्र मिश्र जी भी उपस्थित थे।
इस अवसर पर अत्यंत प्रतिष्ठित लाल किला कवि सम्मेलन के लगातार 25वर्षों तक संयोजक रहे पंडित गोपाल प्रसाद व्यास के साथ अनेक बार कविता पाठ कर चुके प्रसिद्ध कवि श्री सुरेन्द्र शर्मा जी, डॉ अशोक चक्रधर जी, श्री चिराग जैन जी तथा मंच संचालन कर रहे श्री अरुण जैमिनी जी ने श्री व्यास जी के सम्मान में अत्यंत भावभीनी काव्यांजलि प्रस्तुत की। गोपाल प्रसाद व्यास रचनावली के संपादक तथा हिन्दी भवन के मंत्री डॉ गोविंद व्यास जी ने बताया कि 2005 में व्यास जी के निधन के बाद से ही उनके पाठकों की भारी मांग पर रचनावली प्रकाशित किए जाने के प्रयास किए जा रहे थे, परंतु व्यास जी द्वारा रचित विपुल साहित्य का संपादन कोई सहज कार्य नहीं था।
अनेक बार कई जगह बिखरे हुए व्यास जी के रचनाकर्म को सहेजने, उसे क्रमबद्ध किए जाने, जीर्ण-शीर्ण हो जाने के कारण ठीक से पढ़ी न जा सकने वाली रचनाओं को यथासंभव शुद्ध रूप में पाठकों तक पहुंचाने के प्रयासों में, और कई बार अन्य अनेकों अनापेक्षित कारणों से भी विलंब हुआ। डॉ गोविंद व्यास जी ने कहा कि विलंब से ही सही परंतु अंततः कार्य पूर्ण हो जाने का उन्हें संतोष है।
डॉ गोविंद व्यास ने रचनावली के प्रकाशन में सहयोग देने वाले श्री सुरेन्द्र मलिक जी सहित उन सभी लोगों को धन्यवाद दिया, जिन्होंने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इस वृहत कार्य में सहयोग प्रदान किया है। कार्यक्रम में हिन्दी भवन की सहमन्त्री डॉ रत्नावली कौशिक व कोषाध्यक्ष श्री बर्मन जी सहित हिन्दी भवन न्यास के सभी न्यासी, दिल्ली नगर के तथा बाहर से भी आए हुए अनेक गणमान्य व्यक्ति, पत्रकार, कवि व पंडित गोपालप्रसाद व्यास के प्रशंसक ख़ासी संख्या में उपस्थित थे।