युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच , आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना राज्य शाखा एवं केंद्रीय हिंदी संस्थान , हैदराबाद केंद्र (शिक्षा मंत्रालय ,भारत सरकार ) के संयुक्त तत्वावधान में द्वितीय दक्षिण भारतीय साहित्योत्सव 30 जून 2024 (रविवार ) सुबह 10 :00 बजे से केंद्रीय हिंदी संस्थान के सभागार में आयोजित हुआ ।
डॉ. रमा द्विवेदी (अध्यक्ष, आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना राज्य शाखा ) एवं महासचिव दीपा कृष्णदीप ने संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि इस कार्यक्रम प्रो. गंगाधर वानोडे (क्षेत्रीय निदेशक,केन्द्रीय हिन्दी संस्थान, हैदराबाद केंद्र) की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। प्रो. ऋषभदेव शर्मा,परामर्शी ( मौलाना आज़ाद उर्दू विश्वविद्यालय ) मुख्य अतिथि रहे। डॉ अहिल्या मिश्रा (वरिष्ठ साहित्यकार एवं समाज सेवी) राजेश कुमार सिंह `श्रेयस' (अध्यक्ष,युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच, उत्तर प्रदेश शाखा), ओमप्रकाश शुक्ल (महासचिव,युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच, दिल्ली ) विशिष्ट अतिथि रहे। डॉ. सुरभि दत्त (पूर्व प्राचार्या , हिंदी महाविद्यालय ) डॉ राशि सिन्हा (साहित्यकार ) सम्माननीय अतिथि तथा प्रमुख अतिथि रामकिशोर उपाध्याय (संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष, दिल्ली) एवं शाखा अध्यक्षा डॉ रमा द्विवेदी मंचासीन हुए।
कार्यक्रम का शुभारंभ मंचासीन सभी अतिथियों के द्वारा दीप प्रज्ज्वलन से हुआ । छात्रा अद्रिका कुमार ने सरस्वती वंदना प्रस्तुति ।
तत्पश्चात डॉ. रमा द्विवेदी ने अतिथियों के सम्मान में स्वागत भाषण दिया। अतिथियों का सम्मान शॉल,माला, एवं स्मृति चिन्ह द्वारा सभी सद्स्यों के द्वारा किया गया। राष्ट्रीय महासचिव ओमप्रकाश शुक्ल द्वारा संस्था का परिचय एवं उसके उद्देश्यों पर प्रकाश डाला गया एवं इकाई की महासचिव दीपा कृष्णदीप ने शाखा की रिपोर्ट प्रस्तुत की।
तत्पश्चात वरिष्ठ साहित्यकार रामकिशोर उपाध्याय कृत "दस हाथ वाला आदमी" व्यंग्य संग्रह का परिचय देते हुए डॉ.सुरभि दत्त ने कहा कि
आज के परिवेश को शालीनतापूर्वक व्यंग्य के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है । इसमें राजनीतिक, प्रशासनिक, सामाजिक विसंगतियों का उल्लेख किया गया है । इस संदर्भ में हिंदी के प्रसिद्ध व्यंग्यकार कबीरदास का भी उल्लेख किया गया एवं अतिथियों द्वारा पुस्तक का लोकार्पण किया गया । तत्पश्चात पुस्तक के लेखक रामकिशोर उपाध्याय ने पुस्तक पर अपने विचार व्यक्त किए।
वरिष्ठ साहित्यकार राजेश कुमार सिंह `श्रेयस' कृत " चाक सी नाचती जिंदगी " उपन्यास का परिचय देते हुए रामकिशोर उपाध्याय ने कहा कि ``लेखक के अपने जीवन के विविध अनुभव इस उपन्यास में समाहित हैं । उपन्यास में ग्रामीण प्राचीन परिवेश का परिदृश्य प्रस्तुत किया गया है । शिल्प के स्तर पर यह उपन्यास अतिरेक रहित एवं सहज सम्प्रेष्णीय है ।'' सभी अतिथियों के द्वारा पुस्तक का लोकार्पण किया, तत्पश्चात पुस्तक के लेखक राजेश सिंह 'श्रेयस' ने अपनी कृति की रचना प्रक्रिया पर विचार व्यक्त किए।
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. रमा द्विवेदी कृत 'खंडित यक्षिणी' कहानी संग्रह का परिचय देते हुए डॉ.राशि सिन्हा ने कहा कि ``स्त्री का सशक्त रूप एवं द्वंद्वों से मुक्ति की छटपटाहट को इस संग्रह में देखा जा सकता है। लेखिका ने चित्रात्मक शैली के प्रयोग के माध्यम से कहानी संग्रह को जीवंत बना दिया है।'' अतिथियों द्वारा पुस्तक का लोकार्पण किया गया एवं लेखिका ने पुस्तक पर अपने विचार व्यक्त किए।
सभी अतिथियों ने पुस्तकों के लोकार्पण पर सभी लेखकों को बधाई एवं शुभकामनाएं प्रेषित कीं।
नगर की वरिष्ठ कवयित्री श्रीमती विनीता शर्मा जी को केंद्र की तरफ से `लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड' देकर अलंकृत किया गया ।
इस अवसर पर वरिष्ठतम साहित्यकार श्रीमती रत्नकला मिश्रा, डॉ संजीव चौधरी ,छात्रा अद्रिका कुमार , डॉ राजीव सिंह `नयन', तृप्ति मिश्रा का सम्मान किया गया। नंदकिशोर वर्मा (लखनऊ) को जल एवं पर्यावरण संरक्षण में योगदान हेतु सम्मानित किया गया ।
राष्ट्रीय अध्यक्ष राम किशोर उपाध्याय तथा प्रदेश अध्यक्ष डॉ रमा द्विवेदी का सम्मान तेलंगाना हिंदी साहित्य भारती संस्था की प्रदेश प्रभारी डॉ सुरभि दत्त एवं अध्यक्ष डॉ राजीव सिंह `नयन ' द्वारा किया गया।वरिष्ठम साहित्यकार रत्नकला मिश्रा एवं डॉ संगीता शर्मा ने डॉ रमा द्विवेदी का सम्मान किया।
मुख्य अतिथि प्रो. ऋषभदेव शर्मा ने कहा कि विधा कोई भी हो, उसमें केंद्रित होती हैं मानवीय संवेदनाएं , जो इन तीनों सद्यः प्रकाशित संग्रह में दृष्टव्य हैं । उन्होंने कहा कि सत्यम, शिवम, सुंदरम में रचनाकार शिव की कामना से प्रेरित होकर सृजन करता है।
विशिष्ट अतिथि डॉ. अहिल्या मिश्रा जी ने कहा कि व्यंग्य लेखन अत्यंत गूढ़ कार्य है। गद्य में सतर्क रहकर ही व्यंग्य लिखा जा सकता ह । उपन्यास में ग्रामीण जीवन के आदिम युग से लेकर सबको परिचित कराया गया है। डॉ रमा द्विवेदी नारी अस्मिता के प्रति प्रतिबद्ध एवं सजगता पूर्ण लेखन करती हैं। उन्होंने सभी रचनाकारों को बधाई दीं ।
अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रो. गंगाधर वानोडे ने रचनाकारों के कुछ उल्लेखनीय पंक्तियों का उल्लेख करते हुए उन्हें बधाई दी।
इस सत्र का आभार ज्ञापन डॉ. आशा मिश्रा ने दिया एवं संचालन डॉ राजीव सिंह `नयन' ने किया।
दूसरे सत्र में डॉ अहिल्या मिश्रा की अध्यक्षता में काव्य गोष्ठी आयोजित की गई। मुख्य अतिथि प्रो .ऋषभ देव शर्मा ,विशिष्ट अतिथि- डॉ गंगाधर वानोडे , राजेश कुमार सिंह `श्रेयस', ओमप्रकाश शुक्ल, गौरवनीय अतिथि रामकिशोर उपाध्याय एवं सम्माननीय अतिथि- डॉ संजीव चौधरी ,डॉ सुषमा देवी मंचासीन हुए।
उपस्थित सभी रचनाकारओं ने विविध विषयों पर भावपूर्ण रचनाएं प्रस्तुत करके समां बाँध दिया | उमा सोनी, तृप्ति मिश्रा,डॉ सुरभि दत्त , डॉ राशि सिन्हा , डॉ राजीव सिंह `नयन', सरिता दीक्षित, डॉ संगीता शर्मा, प्रियंका पाण्डे, डॉ स्वाति गुप्ता, सविता सोनी, डॉ उषा शर्मा , चंद्रप्रकाश दायमा, नितेश सागर , मोहिनी गुप्ता,दीपा कृष्ण दीप, डॉ रमा द्विवेदी , रेखा अग्रवाल, प्रो.ऋषभदेव शर्मा ,डॉ गंगाधर वानोडे,राजेश कुमार सिंह `श्रेयस', ओमप्रकाश शुक्ल, रामकिशोर उपाध्याय, डॉ संजीव चौधरी ,डॉ सुषमा देवी ने काव्य पाठ करके माहौल को बहुत खुशनुमा बना दिया।
डॉ.अहिल्या मिश्र जी ने अध्यक्षीय काव्यपाठ किया।
इस समारोह में कई गणमान्य व्यक्ति रत्नकला मिश्रा,डॉ आशा मिश्रा , डॉ एस राधा , पंकज यादव ,सजग तिवारी ,शेख मस्तान वली ,डॉ संदीप कुमार , जी परमेश्वर,सन्देश भारद्वाज ,राम सुदिष्ट शर्मा एवं अन्य श्रोता इस समारोह में लगभग 70 लोग उपस्थित रहे।
सत्र का संचालन तृप्ति मिश्रा ने किया एवं प्रियंका पांडे के धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम समाप्त हुआ।
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प्रेषक -
डॉ रमा द्विवेदी , अध्यक्ष /युवा उत्कर्ष मंच