गाजियाबाद। विश्व विख्यात महाकवि डॉ. कुंअर बेचैन जयंती उत्सव का छठा कार्यक्रम देवप्रभा प्रकाशन ने शालीमार गार्डन में मनाया। इसमें सुविख्यात कवि चेतन आनंद के गजल संग्रह ‘नीलकमल खवाबों के’ और सुविख्यात कवयित्री डॉ. तूलिका सेठ के बाल कविता संग्रह ‘महकी बगिया खिलते फूल’ का लोकार्पण, रचनाकारों का सम्मान और भव्य काव्य गोष्ठी का आयोजन किया। कार्यक्रम में 40 से अधिक साहित्यकारों ने शिरकत की। सभी को अंगवस्त्र, स्मृति चिह्न और मोतियों की माला भेंटकर सम्मानित किया गया। आमंत्रित अतिथियों ने एक स्वर में कहा कि महाकवि डॉ. कुंअर बेचैन लिखित साहित्य समाज को नई दिशा देने वाला है। उनका जो साहित्य अप्रकाशित है, उसे भी प्रकाश में आना जरूरी है। कार्यक्रम की अध्यक्षता सुप्रसिद्ध कवयित्री डॉ. रमा सिंह ने की। गजरौला से सुविख्यात कवयित्री डॉ. मधु चतुर्वेदी ने मुख्य अतिथि पद संभाला। हिन्दी अकादमी दिल्ली के उपसचिव ऋषि कुमार शर्मा, आकाशवाणी केन्द्र नई दिल्ली के सहायक निदेशक रामावतार बैरवा, मशहूर शायर मासूम गाजियाबादी, गोविन्द गुलशन, अखिल भारतीय साहित्य परिषद मेरठ प्रांत के अध्यक्ष महाकवि देवेन्द्र देव मिर्जापुरी, बीके वर्मा शैदी, डॉ. राकेश सक्सेना, डॉ. सुनीता सक्सेना, प्रमोद कुमार कुश एवं वरिष्ठ पत्रकार ओम प्रकाश प्रजापति बतौर विशिष्ट अतिथि कार्यक्रम में शामिल हुए। इस अवसर पर सभी ने महाकवि कुंअर बेचैन की स्मृतियों को नमन किया और मधुर काव्य पाठ से कार्यक्रम में चार चांद लगा दिये। काव्य पाठ करने वालों में डॉ. मनोज कामदेव, डॉ. तूलिका सेठ, शोभा सचान, राजेश मयंक, गार्गी कौशिक, डॉ. सुरुचि सैनी, ज्योति राठौर, डॉ. सुधीर त्यागी, डॉ. मधुबाला श्रीवास्तव, शैलजा सक्सेना, सीमा सागर शर्मा, संगीता वर्मा, भूपेन्द्र राघव, उदय रस्तोगी, दीपिका वलदिया, पूनम सागर, पूजा श्रीवास्तव, अर्चना झा, मंजुला रॉय आदि थे। कुशल संचालन सुप्रसिद्ध कवयित्री ममता लड़ीवाल ने किया। लगभग पांच घंटे चले इस कार्यक्रम के संयोजक चेतन आनंद ने अंत में सभी का आभार व्यक्त किया।