गाजियाबाद। वसुंधरा स्थित मेवाड ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस में डीएलएड के प्रशिक्षुओं ने पांच दिवसीय स्काउट एवं गाइड शिविर में एकजुट होकर समाज सेवा करने का मकसद समझा। अलग-अलग दिन चले स्काउट एवं गाइड कैंप के दौरान ध्वजारोहण, तंबू लगाना (टेंट पिचिंग), फर्स्ट एड (प्राथमिक चिकित्सा), गांठें लगाना, सिटी के संकेत, खोज के चिह्न, बीपी-6, गैजेट बनाना, विभिन्न प्रकार की तालियां बजाना एवं कैंप फायर जैसी विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से प्रशिक्षुओं को व्यावहारिक अनुभव एवं कौशल प्रदान किया गया।
शिविर के प्रथम दिन भारत स्काउट एवं गाइड, गाजियाबाद के जिला संगठन आयुक्त श्याम सिंह ने प्रशिक्षुओं को स्काउट एवं गाइड के इतिहास, इसके उद्देश्य, स्काउट गाइड के नियमों व प्रतिज्ञाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने प्रशिक्षुओं को विभिन्न समूह (टोली) में विभाजित किया। इस दौरान प्रशिक्षुओं ने भारत के राज्यों महाराष्ट्र, राजस्थान, हरियाणा, पश्चिम बंगाल और पंजाब के थीम अनुसार वहां की संस्कृति, खानपान, वेशभूषा एवं रहन-सहन को प्रतिबिंबित करते अपनी-अपनी टोलियों के टेंट लगाए गए। इन सभी टेंटों का निरीक्षण मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के महासचिव अशोक कुमार सिंघल, निदेशिका डॉ. अलका अग्रवाल एवं विभागाध्यक्षों ने किया। इस अवसर पर अशोक कुमार सिंघल ने प्रशिक्षुओं से स्काउट गाइड कैंप के उद्देश्य एवं महत्व की चर्चा की, हर समय सबके साथ मिलकर नया कुछ सीखने रहने और विषम परिस्थितियों का डटकर मुकाबला करते रहने का आह्वान किया। कैंप फायर के दौरान गीत-संगीत के मनोरंजक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये। अंतिम दिन दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें प्रशिक्षुओं को स्काउट एवं गाइड के नियमों की शपथ दिलाई गई। इस दौरान डॉ अलका अग्रवाल एवं डीएलएड विभागाध्यक्ष अमित कुमार ने संकाय सदस्यों सहित टोली लीडर एवं उनके सदस्यों को बैज पहनाया। इस अवसर डॉ. अलका अग्रवाल ने सभी प्रशिक्षुओं को स्काउट एवं गाइड के नियमों का अनुसरण करते हुए अपने समाज व राष्ट्र के उत्थान में अपना योगदान देने की अपील की। अमित कुमार ने बताया कि स्काउट गाइड का मूल मंत्र समाज सेवा है, इससे छात्रों का सर्वांगीण विकास होता है।