राजू बोहरा / वरिष्ठ संवाददाता नई दिल्ली जानीमानी फिल्म, टीवी, और थियेटर अभिनेत्री कुसुम चौहान का आज नाम किसी परिचय का मौहताज नहीं है। अब तक वह अनेक उत्तराखंडी भाषाओ की फीचर फिल्मो, हिन्दी धारावाहिको, शार्ट फिल्मो, थिएटर नाटकों और टेली फिल्मो में मुख्य और सहयोगी भूमिकाओ को निभा चुकी है और अब वह एक लेखिका के रूप में भी काफी तेजी से अपनी अच्छी पहचान बना रही है क्योकि उनका पहला हिन्दी काव्य संग्रह 'दिल के कोने में' लोगो को खासा पसंद आ रहा है। गौरतलब है की कुसुम चौहान की शुरू से ही अभिनय के साथ-साथ लेखन में भी गहरी रूचि रही है। पिछले साल उनका पहला काव्य संग्रह ‘दिल के कोने में’ आया था जिसका विमोचन देश के पूर्व शिक्षा मंत्री, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. रमेश पोखरियाल "निशंक" ने किया था। नई लेखिका होने के वावजूद कुसुम चौहान ने प्रथम काव्य संग्रह में हर विषय की कविताओं को रचा है जो महिला सशक्तिकरण पर भी जोर देती है। कुसुम चौहान का कहना है की मैने सोचा भी नहीं था की मेरे पहले काव्य संग्रह को लोगो का इतना सारा प्यार मिलेग। कुसुम चौहान ने बताया की ''दिल के कोने में'' काव्य संग्रह मानव जीवन की उन अवस्थाओं के मनोभावों, द्वंद्वात्मक पहलुओं ,जीवन के उतार चढाव, हर्ष उल्लास, विरह वेदना, प्रेम, विछोह, कल्पना, नारी के मन के कुछ सुप्त प्रश्नों को अपनी कलम से व्यक्त करने का एक प्रयास है जो कभी न कभी हर स्त्री-पुरुष, युवक-युवती, किशोर-किशोरी, व उम्र के किसी भी पडाव से गुजरता मनुष्य अनुभव करता है या उन परिस्थितियों की गूंज को चुपचाप सहता चला जाता है I एक नवीन जीवन की कल्पना में या यूँ कहूँ कि एक चमत्कार की आशा में दिल के कोने में मुस्कराता है। अभिनेत्री एवं लेखिका कुसुम चौहान ने अपने, पाठको, दर्शको और सभी सहयोगियों का आभार व्यक्त किया है। उनका यह प्रथम काव्य संग्रह 'दिल के कोने में' अमेज़न पर उपलब्ध है जिसे काफी पाठको ने ऑनलाइन ऑडर करके खरीदा भी है।