की पावन पंक्तियों के साथ साहित्य मंडल श्री नाथद्वारा के तत्वावधान में हिंदी पुरोधा राष्ट्रभाषा सेनानी साहित्य वाचस्पति श्री भगवती प्रसाद जी देवपुरा स्मृति एवं राष्ट्रीय बाल साहित्य समारोह 2023 का आयोजन दिनांक 6 जनवरी को साहित्य मंडल के प्रेक्षागार में प्रारंभ हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गाजियाबाद उत्तर प्रदेश से पधारे विख्यात साहित्यकार डॉ सुभाष चंदर ने कहा कि साहित्य मंडल परम श्रद्धेय श्री भगवती प्रसाद देवपुरा जी की कर्मभूमि है । श्री देवपुरा जी ने हिंदी भाषा को समृद्धि एवं शक्ति प्रदान की है उसी का परिणाम है कि आज हिंदी भाषा सेवी एवं हिंदी प्रेमी श्री नाथद्वारा के इस पावन परिसर में आकर प्रेरणा प्राप्त करते हैं
। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पंडित मदन मोहन जी ने कहा श्री देवपुरा जी एक व्यक्ति नहीं बल्कि संपूर्ण संस्था थे। आज उनकी प्रेरणा उनके विशिष्ट गुणों से परिपूर्ण हैं। उनका चिंतन और आत्मदर्शन ज्ञान के अक्षय कोष से सज्जित आज भी दिखाई देता है। वे साहित्य प्रेमियों के कल्याण में उदारता से सदैव समर्पित रहे हैं एवं इस परिपाटी को उनके सुपुत्र श्री श्याम प्रकाश देवपुरा पूर्णतया निर्वहन कर रहे हैं।
कार्यक्रम का प्रारंभ सरस्वती पूजन, सरस्वती वंदना एवं श्रीनाथ वंदना के साथ हुआ। भीलवाड़ा की साहित्यकार श्रीमती रेखा लोढ़ा स्मित ने सरस्वती वंदना की। भरतपुर के कवि श्री हरि ओम हरि ने श्रीनाथ वंदना से सभी के मन को भावविभोर किया। गाजियाबाद से पधारे श्री सत्य प्रकाश शर्मा ने ब्रज वंदना की। श्री रामेश्वर शर्मा रामू भैया कोटा द्वारा रचित कीर्ति कुसुमावली का भीलवाड़ा के साहित्यकार श्री वीरेंद्र लोढा जी ने सस्वर वाचन कर शब्द श्रद्धांजलि प्रस्तुत की । इस अवसर पर श्री भगवती प्रसाद जी देवपुरा के कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर आधारित साहित्यार्चन भी किया गया। डॉ जयप्रकाश शाकद्विपीय उदयपुर द्वारा मेरे आदर्श श्री भगवती प्रसाद जी देवपुरा , डॉ इंद्रप्रकाश श्रीमाली उदयपुर द्वारा कर्म योगी श्री भगवती प्रसाद जी देवपुरा , श्री राजमल परिहार घाणेराव सादड़ी द्वारा देवपुरा की पावन स्मृतियां एवं श्री कृष्ण शरद कासगंज द्वारा विविध आयामी साहित्य पुरोधा बाबूजी विषय पर साहित्यार्चन किया गया। इस अवसर पर श्री बंसी लाल लड्ढा कपासन एवं डॉ अंजीव रावत दौसा ने काव्यार्चन किया।
इस अवसर पर विभिन्न साहित्यकारों को उनकी हिंदी सेवा के लिए सम्मानित किया गया । गाजियाबाद उत्तर प्रदेश के जाने-माने व्यंग्यकार श्री सुभाष चंदर को श्री रवींद्र गुर्जर स्मृति सम्मान, डॉ पवन विजय गाजियाबाद को श्री ललित शंकर दीक्षित स्मृति सम्मान , श्री शिव मृदुल चित्तौड़गढ़ राजस्थान को श्री राम रघुनाथ स्मृति सम्मान, श्री प्रतीक शर्मा श्री नाथद्वारा को श्रीमती शशि कला मेहता स्मृति सम्मान से समलंकृत किया गया।
इस अवसर पर मंचासीन अतिथि डॉक्टर पवन विजय, डॉ जयप्रकाश शाकद्विपीय एवं श्री शिव मृदुल ने अपने उद्बोधन में आदरणीय श्री भगवती प्रसाद जी देवपुरा, हिंदी साहित्य एवं हिंदी सेवा पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
दोपहर के सत्र में कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कोटा से पधारे श्री जितेंद्र निर्मोही, कपासन के साहित्यकार श्री बंसीलाल लड्ढा , उत्तर प्रदेश सण्डीला से पधारे से रूद्र प्रकाश गुप्त, चित्तौड़गढ़ के साहित्यकार श्री रमेश मयंक, श्री वीरेंद्र लोढा एवं राजमल परिहार ने विविध विषयों को लेकर अपने विचार प्रस्तुत किए । इस सत्र में विविध मानद उपाधियों से साहित्यकारों का सम्मान किया गया। डॉ सत्यवीर सिंह कोटपुतली, डॉ राजीव कुमार पांडे गाजियाबाद ,डॉ राजीव शर्मा आगरा को साहित्य सुधाकर, डॉ आशा शर्मा जयपुर, डॉ नीना छिब्बर जोधपुर, श्रीमती मनु वशिष्ट कोटा को साहित्य कुसुमाकर, श्रीमती आरती तिवारी सनत, दिल्ली, श्रीमती कलावती कर्वा षोडशकला कूचबिहार, श्री गंगाधर शर्मा हिंदुस्तान अजमेर को साहित्य सौरभ , श्री किशोर पारीक किशोर जयपुर ,डॉ गोविंद कुमार द्विवेदी औरैया, श्री मनोज कुमार पुरोहित अलीपुरद्वार को काव्य कलाधर, श्रीमती मधु भूतड़ा अक्षरा जयपुर, श्रीमती प्रीति दुबे हर्ष नागपुर ,श्री नरेश चावला स्नेहदिल जोधपुर को काव्य कौस्तुभ, श्रीमती शशि लाहोटी कोलकाता, श्रीमती स्वाति मानधना बालोतरा, श्रीमती स्वाति सरु जैसलमेरिया जोधपुर को काव्य कुसुम, श्रीमती माधुरी घोष बड़ौदा, श्री अंजनी कुमार चतुर्वेदी औरैया, को संपादक श्री, डॉ अखिल बंसल जयपुर, श्री राकेश कुमार शर्मा जयपुर ,श्री सुभाष शर्मा उदयपुर को पत्रकार प्रवर की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया।
रात्रि कालीन सत्र में सुर संगम ग्रुप श्री नाथद्वारा के तत्वावधान में एक भव्य संगीत संध्या का आयोजन किया गया।
शनिवार 7 जनवरी 2023 को कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती वंदना, श्रीनाथ वंदना एवं ब्रज वंदना के साथ शुरू हुई। इस अवसर पर डॉ इंद्रप्रकाश श्रीमाली ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ मंजू चतुर्वेदी उदयपुर ने कहा बाल साहित्य आज की महती आवश्यकता है ।बाल साहित्य के द्वारा आज बच्चों को नैतिक एवं चारित्रिक मूल्यों से अवगत कराना अति आवश्यक है। विशिष्ट अतिथि विख्यात साहित्यकार श्री राजकुमार जैन राजन ने कहां बाल साहित्य की रचना करना एक कठिन कर्म है ।बाल साहित्य के प्रति आज सभी बड़े लेखकों का भी रुझान हुआ है। आज के दौर में जहां बालक मोबाइल और टीवी से चिपक कर सामाजिकता एवं नैतिकता को भूलता जा रहा है आज उसे किताबों के निकट लाने का कार्य बाल साहित्यकारों का ही होगा। जाने-माने कथा वाचक श्री सोनू भैया ने कहां भगवान कृष्ण का जीवन एक संपूर्ण बालक का जीवन है। जिसमें भगवान कृष्ण ने बालक को संसार का सर्वश्रेष्ठ एवं सर्वशक्तिमान रूप में स्थापित किया है। भगवान कृष्ण ने अपने बालपन में आधे से अधिक कार्य पूर्ण कर दिए थे। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में सत्य प्रकाश शर्मा ने भी विचार उद्धृत किए।
कार्यक्रम में बाल साहित्य के विविध विषयों पर आलेख वाचन किए गए। रायपुर के जाने-माने साहित्यकार डॉ सत्यनारायण सत्य द्वारा अमृत महोत्सव की परिकल्पना को साकार करता राजस्थान का बाल साहित्य, डॉनगेंद्र मेहता भव्य श्री नाथद्वारा द्वारा बाल साहित्य लेखन वर्तमान समय की आवश्यकता , श्री प्रकाश तातेड उदयपुर द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव और बाल पत्रिकाओं में राष्ट्रीय चेतना, श्री राजकुमार जैन राजन अकोला द्वारा बालकों का पुस्तक संस्कृति से जुड़ाव जरूरी, श्रीमती रेखा लौढा स्मित भीलवाड़ा द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव और बाल कविताओं में राष्ट्रप्रेम, श्रीमती आशा शर्मा जयपुर द्वारा राष्ट्रप्रेम बाल साहित्य की महती आवश्यकता विषय पर शोध आलेख प्रस्तुत किए गए।
इस सत्र में पश्चिम बंगाल कोलकाता के श्री शिखर चंद जैन ,संडीला उत्तर प्रदेश के रुद्र प्रकाश गुप्त सरस ,विदिशा मध्य प्रदेश से श्री राजेंद्र प्रसाद श्रीवास्तव, मुरैना मध्य प्रदेश से डॉ कैलाश गुप्ता सुमन, करौली के नमो नाथ अवस्थी, उदयपुर के प्रकाश तातेड़, ऋषभदेव केसरियाजी के श्री उपेंद्र अणु, कपासन के श्री बंसीलाल लड्ढा, चित्तौड़गढ़ के श्री नंदकिशोर निर्झर, उदयपुर के श्री तरुण दाधीच, कोटा की श्रीमती श्यामा शर्मा एवं अजमेर की श्रीमती अनीता गंगाधर को भगवती प्रसाद देवपुरा बाल साहित्य भूषण की मानद उपाधि से अलंकृत किया गया। उपरोक्त सभी कार्यक्रमों का संचालन श्यामप्रकाश देवपुरा ने किया। साहित्यकारों के परिचय का वाचन हरिओम हरि ने किया।
कार्यक्रम के अंतिम सत्र में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया ।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विख्यात व्यंग्यकार श्री सुभाष चंदर गाजियाबाद एवं अध्यक्षता गाजियाबाद के जाने-माने साहित्यकार डॉ राजीव कुमार पांडे एवं विशिष्ट अतिथि श्री ओम प्रकाश पांडे रहे ।इस अवसर पर डॉ कैलाश गुप्ता सुमन मुरैना, श्री उपेंद्र अणु ऋषभदेव, श्री बंशीलाल लड्ढा कपासन, श्री नंदकिशोर निर्झर चित्तौड़गढ़ , श्रीमती अनीता गंगाधर अजमेर, डॉ सत्यनारायण सत्य रायपुर, श्रीमती आशा शर्मा जयपुर, श्री नरेंद्र निर्मल भरतपुर, डॉ नीना छिब्बर जोधपुर , श्रीमती आरती तिवारी सनत दिल्ली, श्रीमती कलावती करवा षोडशकला कूचबिहार, श्री किशोर पारीक किशोर जयपुर श्री गोविंद कुमार द्विवेदी औरैया, श्रीमती शशि लाहोटी कोलकाता, डॉ अंजीवअंजुम दोसा , शिव मृदुल चित्तौड़गढ़ , श्री रमेश मयंक चित्तौड़गढ़ द्वारा कविता पाठ किया गया। कवि सम्मेलन का संचालन भरतपुर के जाने-माने कवि व्यंगकार श्री हरि ओम हरि ने किया एवं साहित्य मंडल के प्रधानमंत्री श्री श्याम प्रकाश देवपुरा ने आमंत्रित समस्त साहित्यकारों का आभार व्यक्त किया।
रिपोर्ट अंजीव अंजुम