(रिपोर्ट- विनोद पाराशर)
चिकित्सा के क्षेत्र में डॉक्टर को भगवान का दर्जा दिया गया है। जब कभी हम बीमार पड़ते हैं, तो सीधे डॉक्टर के पास पहुंचते हैं। मरीज और डॉक्टर के बीच एक विश्वास का रिश्ता होता है। मरीज को विश्वास होता है कि डॉक्टर उसे ठीक कर देगा। पैसे की अंधी दौड़ और नैतिक मूल्यों के पतन के कारण,चिकित्सा का पेशा भी अब पहले जैसा नहीं रहा। लालच में आकर कुछ डॉक्टर मरीजों की चिकित्सा में जानबूझकर या अनजाने में लापरवाही बरतते हैं,जिसका खामियाजा मरीज और उसके परिजनों को भुगतना पड़ता है।
चिकित्सा के संबंध में हमारे देश में क्या कानूनी प्रावधान हैं? मरीज की चिकित्सा में यदि डॉक्टर द्वारा कोई लापरवाही की जाती है,तो मरीज और उसके परिजनों द्वारा कहां शिकायत की जा सकती है? एक मरीज के क्या-क्या अधिकार हैं? इन सभी सवालों के जवाब आपको समाजसेवी और लेखक श्री सूरज प्रकाश मनचंदा की नई किताब 'चिकित्सा में लापरवाही' में मिल जायेंगें।
श्री सूरज प्रकाश मनचंदा वरिष्ठ नागरिकों की संस्था 'एल्डरली पीपल फोरम' के महासचिव, एकल वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण और सशक्तिकरण के लिए समर्पित संस्था 'सिंगल सीनियर्स वेलफेयर ट्रस्ट' के अध्यक्ष होने के साथ-साथ, एक लेखक भी हैं। इससे पहले भी, वे पांच पुस्तकें लिख चुके हैं। यह उनकी छटी पुस्तक है।
सिंगल सीनियर्स वेलफेयर ट्रस्ट द्वारा 6 जुलाई 2025, रविवार को क्ले-1 बैंक्वेट हॉल, वज़ीरपुर इंडस्ट्रियल एरिया, अशोक विहार, दिल्ली में, संस्था की ओर से, मई- जून में जन्मे सदस्यों का संयुक्त जन्मदिन समारोह मनाया गया। इसी कार्यक्रम में श्री मानचंदा की उक्त पुस्तक का विमोचन भी किया गया।
मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. जी. एस. ग्रेवाल (चेयरमैन, वेलनेस हेल्थ एंड यू, पूर्व अध्यक्ष - दिल्ली मेडिकल,एसोसिएशन), विशिष्ठ अतिथियों में प्रमुख रूप से श्री वाई. एन. शर्मा, श्री सुभाष शर्मा, श्रीमती सुनीता शर्मा, श्री सतवीर पसरीचा, श्री आर.डी. गर्ग, श्री बी. एस. सचदेव, श्रीमती नीलम मैनी, श्री गुलशन दुआ, श्री ओ. पी. लालवानी, श्री मनमंदिर नरूला , श्री जी पी तायल जितेंद्र शर्मा,श्री दमनेश कुमार और श्री विनोद पाराशर आदि की उपस्थिति रही।