दिल्ली 24दिसंबर:~परमार्थ के मार्ग पर हठ नही सहज योग से ही कल्याण संभव यह संदेश दिया गया स्वामी श्री राजेश्वरानंद जी महाराज द्वारा अनारकली गार्डन जगतपुरी स्थित श्री राजमाता जी मंदिर में अंग्रेजी नववर्ष का सनातनी संस्कृति द्वारा स्वागत संदर्भ में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन साध संगत को।
सदगुरु राजदरबार के प्रबंधक राम वोहरा ने बताया कि स्वामी श्री राजेश्वरानंद जी महाराज के सान्निध्य में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में आज वृंदावन से कथाव्यास मनोज कृष्ण जी ने ध्रुव चरित्र,प्रहलाद चरित्र एवम राजा बलि और वामनावतार प्रसंगों पर चर्चा की।इन्ही विषयों पर तत्वज्ञान देते हुए स्वामी राजेश्वरानंद जी महाराज ने प्रहलाद हिरण्यकश्यप प्रसंग पर शिक्षा देते हुए कहा कि "किसी भी इच्छा के लिए या भगवद प्राप्ति हेतु भी हठ,जिद अच्छी नही होती बल्कि मनुष्य को सहज भाव से रहना चाहिए।जिद हठ करके अगर कुछ प्राप्त कर भी लिया जाए तो क्या निश्चित है कि जो चीज हमने हठ करके प्राप्त की है क्या वह हमारे लिए सुखदाई ही होगी जबकि दूसरी तरफ अगर हम सहज योग के मार्ग पर अग्रसर होते हैं तो यह पक्का है कि हमे जो प्राप्त होगा हम उसी में से कोई न कोई खुशी ज्यादा खोज ही लेंगे।हिरण्यकश्यप ने हठ योग करके हर तरह से मृत्यु से बचाव के रास्ते मांग लिए लेकिन क्या मृत्यु से बच गया?दूसरी तरफ प्रहलाद सहज स्वभाव से हर हाल में भगवान की राज़ी मानकर आगे बढ़ता रहा और धर्म अर्थ काम मोक्ष सभी कुछ पा लिया।
"विशेष:~" क्रिसमिस डे और सेंटा क्लोज विषय पर बोलते हुए स्वामी जी ने कहा कि रात में बच्चों के सिरहाने स्वयं खिलौने रखकर फिर उन्हें झूठा बरगलाना कि रात में सेंटा क्लॉज गिफ्ट रख गए;यानी झूठ।जब बच्चे की नींव में ही झूठ भर रहे हैं तो उम्मीद सच की कैसे कर सकते हैं?
बल्कि बच्चों को ध्रुव,प्रहलाद, गुरु गोविंद सिंह जी के बच्चों की कुर्बानी की कथाएं सुनाते हुए उन्हें सिर्फ झूठे गिफ्ट बटोरने की नहीं बल्कि प्रेम त्याग,बांटने की शिक्षा देने से उनका ओर हमारा अपना भी भविष्य स्वयंमेव सुरक्षित होगा।
कथावाचक आचार्य मनोज कृष्ण जी ने कहा कि "हर व्यक्ति के जीवन में एक तरफ रुचि आकर्षित करती है तो दूसरी तरफ नीतिगत निर्णय लेने से समाज में यश प्रतिष्ठा आदि की बढ़ोतरी होती है। जो व्यक्ति रुचिगत फैंसले लेते हैं वह अशांत,परेशान हो जाते हैं दूसरी तरफ जो रुचि से पहले नीतिगत निर्णय लेने की दिशा में कार्यरत रहते हैं वह स्वयं की उन्नति के साथ समाज को भी प्रेरणा प्रदान करते है।
आज कथा में महामंडलेश्वर स्वामी श्री रामगोविंद दास जी का आगमन हुआ। सदगुरु राजदरबार की ओर से स्वामी जी का स्वागत किया गया।कथाविराम पर श्रीमद्भागवत पुराण जी एवम सदगुरु देव की आरती के बाद सुनील फकीर परिवार द्वारा प्रसाद वितरण कराया गया।
