नई दिल्ली।
हिंदी साहित्य के प्रचार-प्रसार को समर्पित प्रतिष्ठित संस्था सुर साहित्य परिषद और शर्मा न्यू आर्ट्स कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में रविवार, 21 दिसंबर 2025 को राजधानी दिल्ली के शर्मा न्यू आर्ट्स कॉलेज, कमला नगर में एक भव्य एवं गरिमामय काव्योत्सव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रातः 11 बजे हुआ और देर शाम तक साहित्यिक रसधारा बहती रही।
काव्योत्सव के आयोजक एवं निवेदक सुर साहित्य परिषद के संस्थापक डॉ संजय जैन रहे। उन्होंने अपने उद्घाटन उद्बोधन में संस्था की साहित्यिक यात्रा, उद्देश्यों तथा हिंदी साहित्य के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम का सुव्यवस्थित संयोजन डॉ. उर्वी ऊदल, ज्ञानेंद्र प्रयागी ,रजनी बाला एवं नयन नीरज नायब द्वारा किया गया, जबकि मंच संचालन की जिम्मेदारी अनुराधा पांडेय एवं ईशा भारद्वाज ने अपनी प्रभावशाली मंचीय दक्षता से निभाई। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार जय सिंह आर्या ने की।
काव्योत्सव में आमंत्रित कवियों के रूप में ज्ञानेन्द्र प्रयागी, नयन नीरज, अनुराधा पाण्डेय, उर्वी ऊदल, ईशा भारद्वाज, डॉ दीपा, रघुवर दत्त शर्मा, नवीन नवल जोशी, आरती झा, बाल कवयित्री सानवी जैन, प्रभास कुमार, स्वाति गोयल, प्रवीण रंजन जौनपुरी, राजरानी भल्ला, राखी चौहान, आरती झा, मोनिका मासूम, प्रवीन गोला, अदिति अस्थाना प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। सभी कवियों ने मंच से कविता, गीत, ग़ज़ल एवं मुक्त छंद में अपनी-अपनी सशक्त रचनाओं का भावपूर्ण पाठ किया।
शर्मा न्यू आर्ट्स कॉलेज के संस्थापक आदरणीय विवेकानंद शर्मा का विशेष सानिध्य प्राप्त हुआ। उन्होंने अपने संबोधन में युवा प्रतिभा और नवांकुर कवियों को प्रोत्साहित करने की बात कही। उन्होंने इस प्रकार के कार्यक्रम को और बढ़ावा देने तथा हिन्दी कविता प्रतियोगिता जैसे कार्यक्रमों के आयोजन का उत्तम प्रस्ताव भी सबके समक्ष रखा।
कवियों की रचनाओं में सामाजिक सरोकार, मानवीय संवेदनाएँ, प्रेम, संघर्ष तथा समकालीन यथार्थ की प्रभावशाली अभिव्यक्ति देखने को मिली। भावप्रवण प्रस्तुति और ओजपूर्ण पाठ ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। प्रत्येक रचना पर सभागार तालियों की गूंज से गूंज उठा। इसके अंत में कार्यक्रम अध्यक्ष श्री जय सिंह आर्या जी ने कार्यक्रम की समीक्षा और अपना काव्य पाठ एक शानदार गीत के रूप में प्रस्तुत किया। जिस पर सभी श्रोता झूम उठे।
काव्योत्सव में बड़ी संख्या में साहित्य प्रेमी, लेखक, कवि उपस्थित रहे। श्रोताओं की सक्रिय सहभागिता ने कार्यक्रम को अत्यंत जीवंत बना दिया। संपूर्ण आयोजन अनुशासन, सौहार्द एवं साहित्यिक गरिमा के साथ सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
सुर साहित्य परिषद ने प्रत्येक कार्यक्रम की भांति इस बार भी सर्वश्रेष्ठ कविता को विशेष पुरस्कार से सम्मानित किया। इस बार पुरस्कार विजेता बाल कवयित्री सानवी जैन और प्रवीण रंजन जौनपुरी संयुक्त रूप से रहे।
कुल मिलाकर, सुर साहित्य परिषद द्वारा आयोजित यह काव्योत्सव हिंदी साहित्य के प्रति बढ़ते रुझान और सृजनात्मक चेतना का सशक्त उदाहरण सिद्ध हुआ।
