सफलता हर व्यक्ति का सपना है। यह केवल धन, पद या शोहरत तक सीमित नहीं, बल्कि आत्मसंतोष, लक्ष्य प्राप्ति और समाज में सार्थक योगदान का नाम है। सफलता पाने का मार्ग सरल नहीं होता, बल्कि संघर्ष, धैर्य और सतत् प्रयास की मांग करता है। दार्शनिकों, महापुरुषों और आधुनिक विद्वानों ने सफलता के कई सूत्र बताए हैं।
1.स्पष्ट लक्ष्य निर्धारण-लक्ष्य ही जीवन की दिशा है। जिस तरह नाव को बंदरगाह तक पहुँचने के लिए रास्ते की पहचान ज़रूरी है, उसी तरह इंसान को जीवन में मंज़िल पाने के लिए लक्ष्य स्पष्ट करना चाहिए। स्वामी विवेकानंद ने कहा था-“उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाए।” सफलता उन्हीं के कदम चूमती है, जो तयशुदा मकसद के साथ आगे बढ़ते हैं।
2.सकारात्मक सोच-विचार ही व्यक्ति के व्यक्तित्व को गढ़ते हैं। कठिनाइयों में भी आशा बनाए रखना ही असली ताकत है। महात्मा गांधी का कथन है-“मनुष्य अपने विचारों का ही परिणाम है, जो वह सोचता है, वही बन जाता है।” इसलिए सकारात्मक दृष्टिकोण ही हर कठिनाई को अवसर में बदल सकता है।
3.निरंतर परिश्रम-बिना मेहनत के कोई उपलब्धि स्थायी नहीं होती। प्रतिभा तभी चमकती है जब उसे परिश्रम का साथ मिले। थॉमस एडीसन ने कहा था-“प्रतिभा एक प्रतिशत प्रेरणा और निन्यानवे प्रतिशत पसीना है।” निरंतर अभ्यास और मेहनत से ही बड़े सपने हकीकत बनते हैं।
4.समय का प्रबंधन-समय ही सबसे बड़ा संसाधन है। जो इसे व्यर्थ गंवाता है, वह अवसरों से वंचित रह जाता है। बेंजामिन फ्रैंकलिन का कथन है-“खोया हुआ समय फिर कभी वापस नहीं आता।” समय का सही उपयोग ही सफलता की गारंटी है। प्राथमिकताओं को समझना और आलस्य से दूर रहना ही असली समय प्रबंधन है।
5.अनुशासन-अनुशासन सफलता की रीढ़ है। बिना अनुशासन के प्रयास बिखरे रहते हैं। अरस्तू ने कहा था-“हम वही बनते हैं, जो हम बार-बार करते हैं। अतः उत्कृष्टता कोई कार्य नहीं, बल्कि एक आदत है।” अनुशासित आदतें ही व्यक्ति को लगातार आगे बढ़ाती हैं।
6.ज्ञान और सीखते रहना-ज्ञान कभी पुराना नहीं होता। बदलते समय के साथ सीखते रहना ही आगे बढ़ने का मंत्र है। कन्फ्यूशियस ने कहा था-“जो सीखता है लेकिन सोचता नहीं, वह खो जाता है। और जो सोचता है लेकिन सीखता नहीं, वह बड़े खतरे में है।” सफलता के लिए सीखते रहने की भूख बनाए रखना ज़रूरी है।
7.आत्मविश्वास-आत्मविश्वास ही वह शक्ति है जो कठिनाइयों के बीच भी इंसान को खड़ा रखती है। हेनरी फोर्ड के अनुसार-“चाहे आप सोचें कि आप कर सकते हैं या सोचें कि आप नहीं कर सकते, दोनों ही स्थितियों में आप सही हैं।” जिसे खुद पर विश्वास है, उसे दुनिया की कोई ताकत रोक नहीं सकती।
8.अच्छे संबंध और सहयोग-मनुष्य अकेले कुछ बड़ा नहीं कर सकता। सहयोग और अच्छे संबंध ही उसे ऊँचाइयों तक ले जाते हैं। आंद्रे मोरोआ का कथन है-“दोस्त बनाना एक कला है, और जीवन की हर सफलता उसी पर निर्भर है।” सफलता के लिए नेटवर्किंग और सहयोग का महत्व उतना ही है जितना व्यक्तिगत परिश्रम का।
9.धैर्य और दृढ़ता-सफलता का मार्ग लंबा होता है। असफलताओं के बावजूद टिके रहना ही विजेता की पहचान है। अब्राहम लिंकन ने कहा था-“मैं धीरे-धीरे चलता हूँ, लेकिन कभी पीछे नहीं मुड़ता।” धैर्य और दृढ़ता से ही सपनों को साकार किया जा सकता है।
सफलता केवल संयोग का परिणाम नहीं, बल्कि यह स्पष्ट लक्ष्य, सकारात्मक सोच, कड़ी मेहनत, समय प्रबंधन, अनुशासन, निरंतर सीखने की प्रवृत्ति, आत्मविश्वास, सहयोग और धैर्य का समन्वय है। डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने कहा था-“सपना वह नहीं जो आप सोते हुए देखते हैं, सपना वह है जो आपको सोने न दे।” यदि इन 9 सूत्रों को जीवन में अपनाया जाए तो सफलता निश्चित ही हमारे कदम चूमेगी।
लेखक
डॉ. चेतन आनंद
(कवि-पत्रकार)