दिल्ली विकास मिश्र
दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित महाविद्यालयों में से एक, दक्षिणी परिसर में स्थित श्री वेंकटेश्वर महाविद्यालय में प्रथम वर्ष के नवप्रवेशी छात्रों के लिए एक भव्य ओरिएंटेशन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम महाविद्यालय के विशाल खेल मैदान में संपन्न हुआ, जिसमें छात्रों के साथ उनके अभिभावकों ने भी उत्साहपूर्वक भाग लिया।कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती की मूर्ति पर प्राचार्य प्रो वी रवि, उप प्राचार्य, प्रो के चंद्रमणि सिंह की पावन उपस्थिति में दीप प्रज्वलन के साथ महाविद्यालय प्रवेश समिति की संयोजिका डॉ. शेफाली शुक्ल के द्वारा स्वागत भाषण से हुई। उन्होंने छात्रों और अभिभावकों को महाविद्यालय की अकादमिक परंपराओं और वातावरण से परिचित कराया। इसके पश्चात उप प्राचार्य प्रो. के. चंद्रमणि सिंह ने छात्रों का उत्साहवर्धन करते हुए उन्हें आगामी शिक्षा यात्रा के लिए प्रेरित किया।
छात्रावास की जानकारी देते हुए, वरिष्ठ अधीक्षक प्रो. मुक्ति कांत शुक्ल की अनुपस्थिति में वार्डन डॉ. पी. देवकी ने छात्रावास प्रवेश प्रक्रिया की संक्षिप्त जानकारी दी और अभिभावकों के प्रश्नों का उत्तर दिया। इसके अतिरिक्त, महाविद्यालय की विभिन्न सक्रिय समितियों जैसे कि फाइन आर्ट्स समिति, खेल समिति, वीमेन डेवलपमेंट सेल, एनसीसी, एनएसएस, और प्लेसमेंट सेल के संयोजकों ने भी मंच से अपने विभागों का परिचय दिया और छात्रों को इनमें सक्रिय भागीदारी के लिए प्रोत्साहित किया।प्रॉक्टर प्रो. नंदिता नारायणा स्वामी ने महाविद्यालय के अनुशासन और आचार संहिता की जानकारी दी, जिससे छात्र नियमों के प्रति सजग रहें।कार्यक्रम के दौरान पूर्व छात्र संगठन के पदाधिकारियों को सम्मानित भी किया गया। प्राचार्य प्रो. वी. रवि ने अपने जोशीले उद्बोधन में कहा, “श्री वेंकटेश्वर महाविद्यालय न केवल दिल्ली विश्वविद्यालय में बल्कि पूरे भारत में अपनी विशिष्ट पहचान रखता है। छात्रों को न्यूनतम उपस्थिति मानदंड का पालन अनिवार्य रूप से करना होगा, अन्यथा वे परीक्षा में सम्मिलित नहीं हो सकेंगे। उन्होंने सभी नवप्रवेशी छात्रों और उनके अभिभावकों का महाविद्यालय परिवार में स्वागत किया और यह आश्वासन दिया कि कॉलेज का प्रत्येक शिक्षक और कर्मचारी छात्रों के उज्ज्वल भविष्य के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है।
कार्यक्रम का समापन उत्साहपूर्ण वातावरण में हुआ और छात्रों में महाविद्यालय जीवन को लेकर विशेष उमंग और उत्साह देखा गया।