हम दुआओं की दौलत कमाते रहे…
2 फ़रवरी 2025, आई पी एक्टेंशन। 144वीं काव्य परम्परा।सन्त कवि रविदास जी को समर्पित संध्या का आरम्भ आईपी एक्सटेंशन निवासी कवि राजेश अग्रवाल ने संचालन के म में सन्त कवि रविदास जी से जुड़े प्रेरक प्रसंगों से किया। इन्दिरपुरम से पधारे नवोदित
शायर ने कहा कि-
खनक सिक्कों की हमको न भाई कभी,
हम दुआओं की दौलत कमाते रहे।
उसके बाद देश की वरिष्ठ कवियत्री मधु “मोहिनी” ने जीवन, प्रेम और शृंगार रचनाओं से
बसंत पंचमी को और सार्थक बना दिया। उनके चिंतन की गहराई देखिए:
कुछ दिन चुप रहने का मन है।
मन में मंथन बहुत गहन है ॥
गहन है जीवन ,गहन सनातन,
इस पर कहना ,सत्य कहन है ॥
अंत में इस गोष्ठी को और ऊँचाई प्रदान की नोएडा से पधारे प्रख्यात कवि चरण जीत चरण
ने।उनकी उम्दा प्रस्तुति की एक की एक बानगी:
यकीं था हम जवानी में मिलेंगे
न सोचा था कहानी में मिलेंगे
सदन में संस्था के सह-संयोजक विकास बंसल और काव्य परंपरा के संरक्षक वरिष्ठ कवि श्री राजेश “चेतन” की गरिमामयीं उपस्थिति रही। समाज सेवी सुरेश बिन्दल जी के नेतृत्व में भारत भूषण गुप्ता जी समेत सुधि श्रोताओं से भरा सदन और तालियों व ठहाकों से भरी इस शाम को सभी उपस्थित गणमान्य जनों ने सराहा।
गोष्ठी के अंत में संस्था के महामंत्री श्री सुरेश बिंदल ने धन्यवाद ज्ञापन किया। राष्ट्र वंदना के साथ गोष्ठी का समापन हुआ। सुद्ध कविता को समर्पित परंपरा के पावन मंच की परम्परा निभाने के लिए सब को बधाई।