गाजियाबाद। ‘श्री गुरु गोविन्द सिंह ने जितने भी युद्ध लड़े वे जातियों से ऊपर उठकर राष्ट्र की सुरक्षा, अत्याचार और अन्याय के खिलाफ लड़े। श्री गोविन्द सिंह दूरदर्शी, महान विचारक, योद्धा, महापुरुष और दलितोद्धारक थे। वसुंधरा स्थित मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस की निदेशिका डॉ. अलका अग्रवाल ने श्री गुरु गोविन्द सिंह जयंती समारोह में ये विचार व्यक्त किए। उन्होंने श्री गुरु गोविन्द सिंह के बाल्याकाल के कुछ प्रेरक संस्मरण भी सुनाये।
मेवाड़ इंस्टीट्यूशंस के शिक्षण स्टाफ एवं विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि विश्व के इतिहास में गुरु गोविन्द सिंह जैसा महान बलिदानी पैदा नहीं हुआ। देश के लिए उन्होंने अपने पिता व बच्चों का बलिदान तक कर दिया। वह अन्याय के प्रति संघर्ष करते रहे मगर अपनी कौम की आन, बान और शान को नहीं छोड़ा। वह परिवार बलिदान हो जाने के बावजूद टूटा नहीं, बल्कि दुश्मनों का डटकर मुकाबला किया। उनका संघर्ष किसी एक समुदाय विशेष के साथ नहीं बल्कि अत्याचारियों के खिलाफ था। डॉ. अलका अग्रवाल ने कहा कि श्री गुरु गोविन्द सिंह समाज प्रवर्तक थे। सभी जातियों को एक सूत्र में पिरोकर उन्होंने खालसा पंथ बनाया। उनका मानना था कि हर परिवार का एक सदस्य सिख जरूर बने। समारोह में अलका, अंजलि, आयुषी, अन्नु यादव, ज्योति, अर्चना, अंजलि एंड ग्रुप आदि विद्यार्थियों ने शबद-कीर्तन, कविताओं, सम्भाषण के जरिये श्री गुरु गोविन्द सिंह के आदर्शों व उनके जीवन पर प्रकाश डाला। समारोह का संचालन बीएड की छात्राओं आयुषी एवं अंकिता ने किया।