दरबार के प्रबन्धक राम वोहरा ने बताया कि स्वामी श्री राजेश्वरानंद जी महाराज के सान्निध्य में देवोत्थान एकादशी तुलसी विवाह के पावन पर्व पर तुलसी रूप में विमलेश तो सालिगराम के रूप मे शेखर का विवाह सम्पन्न हुआ!मन्दिर मुख्य द्वार पर सालिगराम और दूल्हे राजा का आरती उतारकर स्वागत किया गया!विद्वान पंडित रोहित कौशिक ने वैदिक मंत्रोच्चारण से फेरे सम्पंन कराए!नव दंपत्ति को दरबार की ओर से दैनिक उपयोग की वस्तुएँ, आभुषण, बरतन, बिस्तर आदि विदाई के समय उपहार में भेंट की गई!भजन पूरा वार्ड पार्षद रेखा रानी,रोहतास नगर से पार्षद शिवानी पांचाल,समाज सेवी अनिल शर्मा,लोकेश वर्मा,विनोद शर्मा कन्यादान में शामिल हुए!
इस अवसर पर संदेश देते हुए स्वामी श्री राजेश्वरानन्द जी महाराज ने कहा कि हमारे धार्मिक कार्य इस प्रकार से होने चाहिए जिसमें स्वयं को शांति और हमारे धार्मिक कर्म से किसी अभावग्रस्त को लाभ प्राप्त हो!भगवती जागरण से बढ़कर शुभ फल कन्या विवाह से प्राप्त हो सकता है!
विवाह में भालचंद् माहेश्वरी, किशन अरोड़ा का सहयोग प्राप्त हुआ!