विश्व साहित्य सेवा ट्रस्ट,आगरा तथा माधवी फाउण्डेशन, लखनऊ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी काआयोजन राष्ट्रीय पुस्तक मेला सभागार, बलरामपुर गार्डन, लखनऊ में भव्यता के साथ सम्पन्न हुआ जिसमें विद्वानों ने साहित्य में प्रकृति चित्रण एवं पर्यावरण चेतना पर विविध आयामों को लेकर अपने वक्तव्य प्रस्तुत किये।
संगोष्ठी के प्रथम सत्र की अध्यक्षता अभिदेशक के संपादक डा.ओंकार नाथ द्विवेदी ने की तथा मुख्य अतिथि पद्मश्री डा. विद्या बिन्दु सिंह थीं। सारस्वत अतिथि इन्दौर से पधारे विचार प्रवाह के अध्यक्ष मुकेश तिवारी थे। विशिष्ट अतिथि रायबरेली से आये राम निवास पंथीऔर प्रो .आजेंदर प्रताप सिंह, यशवन्त सिंह चौहान,बरेली से आये अनुकृति के संपादक डा.लवलेश दत्त थे ।
प्रथम सत्र का शुभारम्भ हाइकु मंजूषा के डा.मिथिलेश दीक्षित की रचनाधर्मिता पर केन्द्रित विशेषांक के लोकार्पण के साथ हुआ ,साथ ही अनेक पुस्तकों का लोकार्पण सम्पन्न हुआ । हाइकु मंजूषा के संपादक प्रदीप कुमार दाश 'दीपक को दोनो संस्थाओं कीओर से हाइकु गौरव सम्मान प्रदान किया गया । निराला स्मृति संस्थान ,डल म उ , रायबरेली की ओर से रामनिवास पंथी द्वारा उनको निराला सम्मान प्रदान किया गया । नवरात्र में सम्पन्न होने वाले इस समारोह में शिक्षा,साहित्य, मीडिया, समाज सेवा आदि क्षेत्रों में विशिष्ट भूमिका निभाने वाली महिलाओं को सम्मानित किया गया,जिनके नाम हैं--डा.राजेंदरी वर्मा, अंजू निगम, डा. रश्मि शील, मीनू खरे, प्रो.सुशीला सिंह,प्रो. कल्पना दुबे, प्रो.सुभाषिणीशर्मा, निवेदिता श्री,डा.अनीता श्रीवास्तव । वैचारिक विमर्श का शुभारम्भ डा.अलका प्रमोद के विषय - प्रवर्तन के साथ हुआ । अनेक शोधार्थियों के विषय पर आधारित शोध-पत्र उपलब्ध हुए । द्वितीय सत्र की अध्यक्षता सुप्रसिद्ध सर्जक डा. विश्वंभर शुक्ल ने की । मुख्य अतिथि सुप्रसिद्ध विद्वान डा.दिनेश चन्द्र अवस्थी थे । सारस्वत अतिथि में डा. उमाशंकर शुक्ल ' शितिकंठ',डा.राम नरेश थे । विशिष्ट अतिथि में डा.विशाल सिंह, डा.शैलेष गुप्त वीर, प्रदीप कुमार दाश,विनय श्रीवास्तव थे तथा इन सभी ने प्रासंगिक विषय पर पर्याप्त प्रकाश डाला । संचालन प्रो. कल्पना दुबे तथा प्रो.सुभाषिणी शर्मा घने किया ।
आभार ज्ञापन माधवी फाउण्डेशन की अध्यक्ष डा.मिथिलेश दीक्षित तथा विश्व साहित्य सेवा ट्रस्ट के संस्थापक डा.मोहन मुरारी शर्मा ने किया ।