सुर साहित्य परिषद नई दिल्ली के तत्वावधान में जाने-माने गीतकार डॉ.जय सिंह आर्य के माहिया संग्रह "सारंगी पीड़ा की" का लोकार्पण अन्तरराष्ट्रीय कवयित्री-गीतकार डॉ कीर्ति काले के करकमलो द्वारा बड़े साहित्यिक, सादगीपूर्ण वातावरण में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता सहारनपुर उत्तर प्रदेश के सुप्रसिद्ध गीतकार- माहियाकार डॉक्टर बिजेन्द्र पाल शर्मा ने की। सुप्रसिद्ध हिन्दी सेवक बृजेश गर्ग नें माँ शारदे के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलित कार्यक्रम का उद्घाटन किया।मुख्य अतिथि रहे लखनऊ उत्तर प्रदेश से पधारे सुप्रसिद्ध कवि- ग़ज़लकार श्री भूपेंद्र सिंह 'शून्य ' । सान्निध्य रहा सुप्रसिद्ध कवयित्री डॉ सविता चड्ढा का।कार्यक्रम को अपना आशीर्वाद प्रदान किया बहादुरगढ़ से पधारे सुप्रसिद्ध कवि-गीतकार श्री कृष्ण गोपाल विद्यार्थी व श्री चन्द्रभान शर्मा दिल्ली।
कार्यक्रम का शानदार संचालन सुप्रसिद्ध कवि-गीतकार डॉ संजय जैन(संस्थापक /अध्यक्ष - सुर साहित्य परिषद्) ने किया , संयोजिका रही युवा कवयित्री-गीतकार उर्वी ऊदल जी (महासचिव -सुर साहित्य परिषद्) ।
इस अवसर पर "सारंगी पीड़ा की" पर अपने विचार प्रकट करते हुए डा कीर्ति काले ने कहा पुस्तक के सारे माहिए अर्थ विस्फोट के साथ जीने की कला सिखाते हैं।ये माहिए पाठकों के ह्रदयों में पल रही पीड़ा का उपचार करके उन्हें जीवन जीने की कला सिखाते हैं।
सुप्रसिद्ध साहित्यकार डा सविता चड्ढा ने कहा कि " सारंगी पीड़ा की" के माहिए मनवा को झंकृत करने की ताकत रखते हैं।
अध्यक्ष डॉ बिजेन्द्र पाल शर्मा ने पुस्तक के शीर्षक पर डॉक्टर जयसिंह आर्य को विशेष बधाई दी।सारंगी जैसे मनभावन लोक वाद्य यंत्र को भावी पीढ़ी भूल न जाए इसी दृष्टी से संग्रह के शीर्षक से सारंगी की धुन का सदैव आभास होता रहेगा
मुख्य अतिथि भूपेन्द्र सिंह "शून्य" ने पुस्तक पर अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि सारंगी पीड़ा के माहिए छन्दों का वो गुलदस्ता है जो अपनी सुगंध से हरषू सुगंधित कर रहा है।
कृष्ण गोपाल विद्यार्थी ने अपना आशीर्वाद देते हुए कहा की सभी माहिए देश प्रेम को जगाते हैं तथा समाज को नई दिशा प्रदान करते हैं।
विशिष्ट अतिथि प्रवीण गोयल, चन्द्रभान शर्मा ,राम अवतार बैरवा (आकाशवाणी कार्यक्रम निदेशक), ओम प्रकाश कल्याणे,राजेश प्रभाकर व आचार्य धर्मवीर ने भी अपने विचार व्यक्त किए
इस अवसर काव्योत्सव का भी आयोजन किया गया जिसमें राजधानी दिल्ली उत्तर प्रदेश, हरियाणा से आये जिन कवियों ने अपने शानदार काव्य पाठ से कार्यक्रम को गरिमा प्रदान की उनमें थे सर्व श्री डॉ संदीप मित्तल, इरफान राही,सीमा रंगा,सीमा वत्स, नरेंद्र कुमार मस्ताना,राम श्याम हसीन,वर्षा सिंह, अवधेश कनौजिया, राजेश रघुबर, वेद प्रकाश मणि,राजकुमार शिशोदिया, रमेश गंगेले'अनंत, भंवर भारती, हरेंद्र यादव फकीर, राजेश रघुबर,विनोद पाराशर , शिव शंकर राजपूत, राजीव तनेजा प्रवीन आर्या , डॉ ० सरोज शर्मा, जगदीश मीणा आदि |
सुर साहित्य परिषद् के पदाधिकारियों नयन नीरज नायाब (सचिव) , डॉ ० सत्यम भास्कर (उप सचिव) आदि ने कार्यक्रम को सफलता पूर्वक सम्पन्न कराने में अहम भूमिका निभाई|
कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न होने पर संयोजिका उर्वी ऊदल (महासचिव सुर साहित्य परिषद्)व सीमा रंगा(मीडिया प्रभारी सुर साहित्य परिषद् ) ने सभी आमंत्रित अतिथियों व कविगणों का आभार व्यक्त किया।