कटरा 9जुलाई:~श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड द्वारा वैष्णो देवी यात्रा में निरंतर आधुनिक सुविधाओं में बढ़ोतरी करने के बावजूद सनातन संस्कृति, वैष्णोदेवी यात्रा से जुड़ी पारंपरिक पूजा परंपरायों में अनदेखी या नजरंदाज करने में रोष व्यक्त हेतु कटरा कश्मीर रोड भूमिका मंदिर के पास स्थित श्री राजमाता जी आश्रम शनि मंदिर में स्वामी राजेश्वरानंद जी एवम शिव सेना बाल ठाकरे जम्मू कश्मीर इकाई द्वारा गोष्ठी आयोजित की गई।
वैष्णो देवी यात्रा की मर्यादा हेतु आयोजित संयुक्त गोष्ठी के प्रवक्ता राम वोहरा ने बताया कि विश्व प्रसिद्ध शक्तिपीठ मां वैष्णो देवी यात्रा की परम्परायों की मजबूती हेतु आयोजित गोष्ठी में देश के विभिन्न प्रांतों में सेवारत श्री राजमाता जी मंदिर समूह के अनेक महापुरुषों, शिवसेना बाल ठाकरे जम्मू कश्मीर इकाई के अनेक वरिष्ठ नेताओं एवं मजदूर दस्तकार यूनियन जम्मू कश्मीर इकाई द्वारा स्वामी राजेश्वरानंद जी महाराज के सान्निध्य में सर्वप्रथम स्वामी श्री राजेश्वरानंद जी महाराज ने श्राइन बोर्ड की प्रशंसा करते हुए कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि जब से वैष्णो देवी यात्रा को श्राइन बोर्ड ने हाथों लिया गया है तब से श्रद्धालुओं की संख्या और सुविधाओं में बढ़ोतरी हुई है।लेकिन न जाने क्यों श्राइन बोर्ड द्वारा सुविधाओं तक ही सोच को सीमित कर दिया गया है और वैष्णो देवी एवम सनातनी संस्कृति को नजरंदाज या अनदेखी हो रही है।स्वामी श्री राजेश्वरानंद जी महाराज ने कहा कि यह दुख का विषय है कि वर्तमान का युवा तीर्थ यात्रा पर आते हैं लेकिन उसमे भी पाश्चात्य संस्कृति की गुलामी को नही छोड़ पाते यानी सबसे पहले वैष्णो देवी यात्रा पर ड्रेस कोड लागू किया जाना चाहिए यानी पुरुषों द्वारा केपरी,अधनंगी फूहड़ता से भरी हुई टी शर्ट एवम महिलाओं को स्कर्ट,पेंट कमीज अधनंगे कपड़ो पर रोक लगाकर पुरुषों को धोती कुर्ता,पजामा कुर्ता,पेंट कमीज तो दूसरी तरफ महिलाओं के लिए सूट साड़ी सर पर चुनरी एवं पारंपरिक परिधानों में ही देवी दर्शन अनिवार्य होने चाहिए। कम से कम वैष्णो देवी गुफा/भवन परिसर में दर्शनों के समय दर्शनार्थियों के सर ढके होने चाहिए।इससे देशभर की अन्य तीर्थ स्थलों को भी संदेश मिलेगा।देवी दर्शन के पश्चात भक्तों के लिए भवन परिसर मे ही कन्या पूजन की सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए जोकि देवी दर्शनों के बाद अति आवश्यक एवम महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने का कार्य करती है जिसके पीछे सिर्फ कन्या पूजन ही नहीं बल्कि कन्या सुरक्षा सम्मान का संदेश जाता है।
स्वामी श्री राजेश्वरानंद जी महाराज ने कहा कि श्राइन बोर्ड द्वारा अनेक कलाकारों को आमंत्रित कर नवरात्र में भजन कार्यक्रम गुफा के मुख्यद्वार पर किए जाते हैं यही जागरण विधि पूरे वर्ष आयोजित होनी चाहिए जिसके लिए अनेक दानवीर कर्ण सहयोगियों के रूप में निश्चित सामने आयेंगे।यात्रा का विकास होना अच्छी बात है लेकिन ध्यान रखें की अनजाने में संस्कृति का विनाश न हो जाए कि भविष्य की पीढ़ी अपनी संस्कृति से अनभिज्ञ ही रह जाए।
इसी गोष्ठी में अपने विचार रखते हुए शिव सेना बाल ठाकरे जम्मू कश्मीर इकाई प्रमुख मनीष साहनी ने कहा कि यह दुख का विषय है कि इतना प्रसिद्ध और पवित्र शक्तिपीठ मात्र पर्यटन स्थल में परिवर्तित होता जा रहा है। ऐसी आधुनिकता किस काम की जिससे पारंपरिक भक्तों की धार्मिक आध्यात्मिक भावनाओ को ठेस पहुंच रही है।प्रमुख साहनी ने कहा कि आज दान प्राप्ति के संदर्भ में वैष्णो देवी यात्रा प्रमुखता से दिखाई दे रही है इसी राशि के तुच्छ और कुछ भाग को कटरा के निर्धन कन्याओं के विवाह में व्यय किया जाना चाहिए।जोकि कन्या पूजन के साथ कन्या दान महादान मुहिम को प्रस्तुत करेगा और पूरे विश्व में श्राइन बोर्ड की छवि को चार चांद लगते दिखाई तो देंगे बल्कि और तीर्थ यात्राओं के प्रबंधकों को भी प्रेरणा प्राप्त होगी।वरिष्ठ नागरिकों के लिए कुछ सुविधाएं जैसे वरीयता क्रम में दर्शन,व्हील चेयर,हेलीकॉप्टर किराए में छूट आदि से उन्हें जीवन यात्रा के अंतिम काल में स्वयं के लिए गौरव की अनुभूति तो होगी ही साथ में श्राइन बोर्ड की कार्यशैली में भी खुबसूरती बढ़ेगी।
मजदूर दस्तकार यूनियन के बंसी लाल शर्मा ने कहा कि घोड़े वाले पिट्ठू मजदूरों के सुविधाएं प्रदान की जाए उन्हे यात्रा के दौरान चिकित्सा संबंधी सहयोग प्राप्त किया जाना चाहिए।