विकास मिश्र
दिल्ली यूनिवर्सिटी एंड कॉलेज कर्मचारी यूनियन ने 25 जून 2024 को देश के माननीय शिक्षा मंत्री जी को पत्र लिखकर वर्ष 2021 में NTA द्वारा दिल्ली यूनिवर्सिटी के 1145 गैर शिक्षण कैडर के पदों को भरने के लिए जो आवेदन आमंत्रित किए थे उस बाबत लिखा है।यूनियन ने माननीय शिक्षा मंत्री जी को अवगत कराया है कि एन टी ए ने 1000 रुपए प्रत्येक पद के लिए आवेदन शुल्क लिया था।यहां तक कि महिला एवम आरक्षित जाति के अभ्यर्थियों से भी यूनिवर्सिटी के नियमों की अनदेखी कर पूरा पैसा वसूला था।यूनिवर्सिटी की कार्यकारी परिषद एवम यूजीसी के नियमानुसार किसी भी भर्ती प्रक्रिया को भर्ती प्रकाशन के 18 माह के अंदर पूरा करना होता है।जिसे आज लगभग 40 माह के बाद भी पूरा नहीं किया गया जिससे भर्ती प्रक्रिया रद्द हो चुकी है।लेकिन देश भर के बेरोजगार लाखो अभ्यर्थियों की कमाई का करोड़ों रुपए NTA डकारे बैठा है।लेकिन दुःख का विषय है कि दिल्ली यूनिवर्सिटी के कुलसचिव ने इस बाबत एक पत्र एन टी ए को पैसा वापिस करने के बाबत नहीं लिखा है जो उनकी NTA के साथ मिलीभगत को दर्शाता है।क्योंकि वो NTA के अधिकारी रह चुके है यूनियन ने इस बाबत डीयू के कुलपति जी,भारत के माननीय मुख्य न्यायाधीश,सचिव शिक्षा मंत्रालय,चेयरमैन विश्वविद्यालय अनुदान आयोग एवम डायरेक्टर सीबीआई को भी पत्र लिखा है। कि सभी अभयार्थिओ का करोड़ों रुपए तत्काल ब्याज सहित उन्हें वापिस किया जाय। अभी तक इस संबंध में यूनियन को एक पत्र माननीय यू जी सी चेयरमैन के आफिस से मिला है कि वो उचित स्तर पर मामले कि जांच कर रहे है।यूनियन ने इस विषय को लेकर यूनियन कि कार्यकारी समिति की बैठक 4 जुलाई 24 को DUCKU आफिस में बुलाई थी जिसमे इस मुद्दे पर काफी विस्तार से चर्चा हुई और अब 30 जुलाई 24 को यूनियन की बड़ी बॉडी वर्किंग कमेटी की बैठक बुलाई गई है।जिसमे यूनियन द्वारा इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करेगी।दिल्ली विश्वविद्यालय कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष देवेंद्र शर्मा और सचिव रविन्द्र पाण्डेय ने मीडिया को बताया कि हम तब तक इस मुद्दे को उठाते रहेंगे जब तक हमें कोई उचित जवाब नही मिल जाता।दिल्ली विश्वविद्यालय कर्मचारी यूनियन हमेशा कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए प्रशासन को पत्र लिखकर समस्याओं से अवगत कराती रहती हैं।