'यूं ही साथ चलते चलते' शीर्षक से, गीत-संगीत, कविता और नृत्य से सजी इस सुरम्य प्रस्तुति को तीन सत्रों में आयोजित किया गया। डॉ. सच्चिदानंद जोशी एक पत्रकार, शिक्षाविद्, रंगकर्मी, लेखक, कुशल वक्ता होने के साथ-साथ एक ओजस्वी कवि भी हैं। वर्तमान में जोशी जी भारतीय शिक्षण मण्डल के अध्यक्ष तथा इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केन्द्र, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के सदस्य सचिव जैसे गरिमामय पद पर सुशोभित हैं।श्रीमती मालविका जोशी, रचनात्मक व्यक्तित्व की धनी हैं। वे एक शिक्षिका, लेखिका, कथाकार और एक प्रेरक वक्ता हैं।
अकादमी के अध्यक्ष, श्री सुधाकर पाठक ने बताया कि साहित्यिक जगत में इस तरह का नाटक मंचन एक अनूठा प्रयोग है । अपनी ही कविताओं का नाट्य रूपांतरण करके ,स्वयं अभिनय करना वास्तव में एक नया और रोमांचकारी अनुभव है ।जोशी दम्पत्ति के अभिनय ने दर्शकों को बाँधे रखा । नाटक के कई दृश्यों ने लोगों को भावविभोर भी किया ।
नाटक मंचन के अवसर पर केंद्रीय हिन्दी शिक्षण मण्डल के पूर्व उपाध्यक्ष श्री अनिल शर्मा जोशी, श्री राम कॉलेज ऑफ़ प्रोफेशनल स्टडीज के प्रो. रवि शर्मा ‘मधुप’, गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग के सम्पादक, डॉ. धनेश द्विवेदी, लेखक एवं शिक्षाविद डॉ. पवन विजय, कलाकर्मी श्री किशोर श्रीवास्तव, श्रीमती सुनीता अग्रवाल और श्री अजय मनचंदा विशेष रूप से उपस्थित थे ।
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में हंसराज कॉलेज की छात्रा शार्वी शर्मा एवं उनकी साथियों ने विभिन्न शास्त्रीय ताल पर भाव-नृत्य, शिव-ताण्डव, होली एवं वर्षा ऋतु को लेकर मनमोहक शास्त्रीय नृत्य प्रस्तुत किया। इन छात्राएँ ने दिल्ली में हुए जी-20 सम्मेलन में भी अपनी प्रस्तुति से लोगों का दिल जीता था । इस सत्र का संचालन हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी की उप सम्पादक डॉ. सोनिया अरोड़ा ने किया ।
कार्यक्रम के तीसरे सत्र में काव्य-पाठ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर दिल्ली, गुरुग्राम एवं नोएडा से बड़ी संख्या में कवि मित्रों की उपस्थिति रही। काव्य पाठ के इस सत्र का संचालन अकादमी के संपादक सलाहकार एवं वरिष्ठ कवि श्री विनोद पाराशर ने किया। प्रो. रवि शर्मा ‘मधुप’, श्री किशोर श्रीवास्तव, डॉ. धनेश द्विवेदी, डॉ. पवन विजय, संतोष संप्रति,राज व्रत आर्य, कविता मल्होत्रा, मनोज कामदेव, सुंदर सिंह, संजय कुमार गिरी, कविता सिंह इब्राहिम अल्वी,वनिता शर्मा,नूतन शर्मा,सुषमा गर्ग,शशि किरण, चंचल शर्मा, गोल्डी गीतकार तथा युवा कवि अजय कुमार मौर्य सहित कई युवा कवियों ने काव्यपाठ किया।