गाज़ियाबाद। बुद्धिमानों के लिए पूरा साल है, लेकिन मूर्खों का केवल एक ही दिन होता है। वही दिल्ली की प्रतिष्ठित संस्था ट्रू मीडिया समूह द्वारा प्रत्येक वर्ष होली पर अनूठे कार्यक्रम के आयोजन किये जाते हैं। जिसकी चर्चा होली के पूर्व से ही शुरू होने लगती है। इस बार हास्य महामूर्ख सम्मेलन साहित्यकारों एवं साहित्य प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा। इस कार्यक्रम में सबसे बड़ी बात यह रही कि होली से पूर्व सभी साहित्यकारों एवं साहित्य प्रेमियों की नीबू और हरी मिर्च की माला से पुरे वर्ष लगी नज़र एवं बलाओं को उतारा गया। होली पर आयोजित इस कार्यक्रम में मूर्खों का जुटान हुआ। लोगों में महामूर्ख बनने की होड़ मच रही थी। हर कोई खुशी- खुशी महामूर्ख हास्य की उपाधि धारण करना चाहता था। वहीँ 9 मार्च को ट्रू मीडिया स्टूडियों में इस हास्य सम्मेलन में दिल्ली /एनसीआर के साहित्यकार एवं साहित्य प्रेमियों का जमावड़ा रहा, जिसमे ट्रू मीडिया समिति द्वारा महामूर्ख हास्य सम्मेलन में हास्य व्यंग्य कवि माननीय श्री भूपेन्द्र राघव जी को महामूर्ख हास्य सरताज उपाधि से सम्मानित किया गया, और हिन्दुस्तान के बादशाह बहुत ही प्रसन्न हुए। इस कार्यक्रम के अध्यक्ष व्यंगकार श्री विनोद पाराशर, मुख्य अतिथि ऑल इंडिया रेडियो, दिल्ली के कार्यक्रम निदेशक श्री राम अवतार बैरवा, अतिथि साहित्यकार डॉ. पुष्प जोशी, डॉ. कविता मल्होत्रा रहीं। इस कार्यक्रम का सञ्चालन डॉ. ओमप्रकाश प्रजापति ने बड़े ही मनमोहक अंदाज में किया। इस सम्मलेन में भारी संख्या में लोग उपस्थित रहे। मालूम हो कि ट्रू मीडिया समूह की स्थापना दिल्ली के साहित्य प्रेमी और समाजसेवी स्व. श्री लालसिंह प्रजापति द्वारा की गई। वर्तमान में ट्रू मीडिया समूह का संचालन करने की जिम्मेदारी श्री ओमप्रकाश प्रजापति (संपादक ) कर रहे है, जो अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाकर साहित्य जगत में नए-नए कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं। ट्रू मीडिया समूह के माध्यम से साहित्यिक, सामाजिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाता है। ट्रू मीडिया समूह से हजारो की संख्या में देश-विदेश के कवि- कवयित्रियाँ, लेखक, शिक्षक, साहित्य प्रेमी जुड़े हुए हैं। समय- समय पर कवि सम्मेलन, पुस्तक लोकार्पण, व्यक्ति विशेष पर विशेषांक, साक्षात्कार व अन्य कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। लेकिन होली के मौके पर ट्रू मीडिया समूह द्वारा आयोजित हास्य सम्मेलन व इस बार महामूर्ख हास्य सम्मेलन लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया। लोगों को होली आने का इंतजार रहता है ताकि वर्ष में कम से कम एक बार लोग होली के बहाने लोटपोट हो सकें, नीबू और हरी मिर्च की माला से नज़र एवं बलाओं को उतारा जा गया।