दिल्ली-एनसीआर गाजियाबाद स्थित काईट स्कूल ऑफ फार्मेसी (काईट ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस) में ने हाल ही में इंडियन फार्मास्युटिकल एसोसिएशन-दिल्ली स्टेट ब्रांच के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इस साझेदारी का उद्देश्य सहयोग को बढ़ावा देना, शैक्षणिक और व्यावसायिक विकास कोबढ़ाना और फार्मास्युटिकल क्षेत्र की वृद्धि और उन्नति में योगदान देना है।
कार्यक्रम की शुरुआत काईट स्कूल ऑफ फार्मेसी के प्रिंसिपल डॉ. के. नागराजन द्वारा सभी अतिथियों और गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत करके की गई। श्री कलहन बजाज (अध्यक्ष) आईपीए-डीएसबी, डॉ. नीरज (सचिव) आईपीए-डीएसबी, डॉ. राजेश अग्रवाल, महाप्रबंधक आर एंड डी, मोदी मुंडी फार्मा, श्री आशुतोष त्रिवेदी, वरिष्ठ प्रबंधक ए०एंड०डी, फार्माज़ इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, डॉ. राजीव छिब्बर, उपाध्यक्ष, एक्सटर्नल अफेयर्स, सहजानंद मेडिकल टेक्नोलॉजीज लिमिटेड को इस कार्यक्रम में अतिथि और प्रतिष्ठित वक्ता के रूप में आमंत्रित किया गया था। उन्होंने विभिन्न विषयों, जैसे मेडिकल डिवाइस उद्योग में कैरियर के अवसर , आईसीएच दिशानिर्देशों के अनुसार विश्लेषणात्मक विधि सत्यापन और भारतीय फार्मास्युटिकल उद्योग में व्यावसायिक अवसर पर विशेषज्ञ व्याख्यान श्रृंखला दी।
प्रभारी निदेशक डॉ. अनिल अहलावत, संयुक्त निदेशक डॉ. मनोज गोयल और अतिरिक्त निदेशक डॉ. शैलेश तिवारी ने इस उद्यम की शानदार सफलता के लिए शुभकामनाएं दीं।एमओयू कई प्रमुख उद्देश्यों को रेखांकित करता है, जिसमें अकादमिक अनुसंधान और ज्ञान के आदान- प्रदान को बढ़ावा देना, संयुक्त कार्यशालाओं, सेमिनारों और सम्मेलनों को सुविधाजनक बनाना, छात्र इंटर्नशिप और व्यावहारिक प्रशिक्षण के अवसर प्रदान करना और उद्योग-प्रासंगिक पाठ्यक्रम के विकास पर सहयोग करना शामिल है। आधिकारिक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर दोनों भागीदारों के बीच सहयोग की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। दोनों पक्षों ने साझेदारी की भावना पर जोर देते हुए सराहना के प्रतीकों का आदान-प्रदान किया।
यह आयोजन एक नेटवर्किंग सत्र के साथ संपन्न हुआ, जिससे उपस्थित लोगों को सहयोग के संभावित क्षेत्रों पर बातचीत करने और चर्चा करने का अवसर मिला। इस कार्यक्रम में 30 से अधिक संकाय सदस्यों और 150 छात्रों ने भाग लिया। समारोह के दौरान सभी डीन, विभागाध्यक्ष, कार्यात्मक प्रमुख भी उपस्थित थे। पूरे कार्यक्रम का समन्वय डॉ. प्रवीण के. दीक्षित, सहायक प्रमुख - डीएसडीसी (केएसओपी) और सुश्री विधु सक्सेना, सहायक प्रमुख, डीपीसी (केएसओपी) द्वारा बहुत अच्छे से किया गया।