दिल्ली। आईटीओ स्थित हिंदी भवन में 3 फरवरी को सरन -शब्द -गुंजन संस्था के तत्वाधान में आयोजित पुस्तक लोकार्पण एवं सम्मान समारोह में वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. सविता चड्ढ़ा की अध्यक्षता में श्रीमती लक्ष्मी अग्रवाल द्वारा क्रमशः रचित एवं संपादित कहानी संग्रह 'अधूरा सफर' एवं साँझा काव्य-संग्रह 'काव्य कलश' का भव्य लोकार्पण संपन्न हुआ। मुख्य अतिथि के रूप में अंतरराष्ट्रीय साहित्यकार डॉ. अनीता कपूर शोभायमान रहीं, जबकि श्री राम अवतार बैरवा, श्री ऋषि कुमार शर्मा और डॉ. ओमप्रकाश प्रजापति ने विशिष्ट अतिथि के रूप में कार्यक्रम को गरिमा प्रदान की।
माँ शारदे के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करने के उपरांत वात्सल्य संस्था की छात्राओं खुशी, मुस्कान, अंजू, पायल एवं रिफत ने नृत्यांजलि द्वारा माँ सरस्वती की आराधना कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उसके पश्चात् सभी अतिथियों डॉ. सविता चड्ढा, डॉ. अनीता कपूर, राम अवतार बैरवा, श्री ऋषि कुमार शर्मा, डॉ. ओमप्रकाश प्रजापति, लेखिका श्रीमती लक्ष्मी अग्रवाल, श्री विकास अग्रवाल, श्रीमती गीता देवी, श्रीमती सुधा रानी तथा मंच संचालक डॉ. कामना मिश्रा को पुष्पहार, अंगवस्त्र तथा 'हिंदी गौरव सम्मान 2024' से सम्मानित किया गया। सम्मान के पश्चात दोनों पुस्तकों का लोकार्पण किया गया। इस कार्यक्रम में बाल प्रतिभाओ को भी सम्मानित किया गया, जिनमें काव्या राघव, प्रणव मेहरा, सक्षम झा, अनन्या, आराध्या वर्मा, वंश महिंद्रा, खुशी, पायल, मुस्कान, अंजू, रिफत एवं भावेश कुमार को उनकी विलक्षण प्रतिभा के लिए अंगवस्त्र, पुष्पहार एवं 'बाल प्रतिभा सम्मान 2024' से सम्मानित किया गया।
सम्मान के क्रम में 'काव्य कलश' में सम्मिलित कार्यक्रम में उपस्थित रचनाकारों श्री भूपेंद्र राघव, श्री निखिलेश मालवीया, श्रीमती गीतांजलि जादौन, श्रीमती सुकृति श्रीवास्तव, श्रीमती संगीता वर्मा, श्रीमती संध्या सेठ, श्री यशपाल मल्होत्रा, श्रीमती बबली सिन्हा 'वान्या', श्रीमती अर्चना झा, श्रीमती ऋतु अग्रवाल को भी अंगवस्त्र, पुष्पहार तथा 'काव्य सौष्ठव सम्मान 2024' से सम्मानित किया गया।
विशिष्ट अतिथि श्री ऋषि कुमार शर्मा ने 'काव्य कलश' के सभी कवि/कवयित्रियों को बधाई दी। साँझा संकलन के इस प्रयास के लिए संपादिका श्रीमती लक्ष्मी अग्रवाल, आयोजक श्री विकास अग्रवाल को भी बधाई दी तथा साथ ही कहानी-संग्रह 'अधूरा सफर' की भी समीक्षा की। अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा कि अधूरा सफर की रश्मि का जो सफर अधूरा रह गया, वह वास्तविक सच्चाई है। कहानी का अंत दुःखद है, परन्तु दुःखद अंत अपना एक विशेष प्रभाव छोड़ता है। विशिष्ट अतिथि श्री रामावतार बैरवा ने भी पुस्तकों की समीक्षा करते हुए अपने साहित्यिक सफर की कुछ यादें साँझा की। विशिष्ट अतिथि डॉ. ओमप्रकाश प्रजापति ने भी सरन शब्द गुंजन संस्था द्वारा किए जाने वाले प्रयासों की सराहना करते हुए दोनों पुस्तकों की समीक्षा की एवं 'काव्य कलश' के सभी रचनाकारों को भी शुभकामनाएँ दीं। मुख्य अतिथि डॉ. अनीता कपूर ने कहा कि लेखिका के संग्रह के सभी विषय सामाजिक मुद्दों को उजागर करने वाले हैं। अपने उद्बोधन में उन्होंने छह दिन की खुशी कहानी का प्रसंग उद्धृत करते हुए कहा कि यदि कहानी की नायिका माँ बन जाती तो शायद वह वो सब न कर पाती, जो उसने उन छह दिन की खुशी को अपनी आजीवन खुशी में बदलने के लिए किया। संग्रह की कहानियाँ समाज की सच्चाई को अभिव्यक्त करती हैं। कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ. सविता चड्ढा ने दोनों पुस्तकों के लिए सभी रचनाकारों को शुभकामना प्रेषित करते हुए सभी का मनोबल बढ़ाया। अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा कि लक्ष्मी अग्रवाल ने अपने इस पहले कहानी संग्रह में जो विषय चुने, वे कोई अलग नहीं, हमारे आसपास ही मौजूद हैं और अपने इस पहले प्रयास में वे काफी हद तक सफल हुई हैं।
अंत में आयोजक विकास अग्रवाल ने इस गौरवान्वित पल का साक्षी बनने के लिए परिवार के सभी सदस्यों तथा गणमान्य सुधि जनों को धन्यवाद दिया। कार्यक्रम में श्रीमती उषा श्रीवास्तव, विजय जयसवाल, अमरनाथ अग्रवाल, राधा अग्रवाल, डॉ. अवधेश तिवारी 'भावुक', अनिल कुमार सिन्हा, डॉ. मनोज कामदेव, श्री प्रवल प्रताप सिंह राणा "प्रवल", श्री देवेंद्र शर्मा 'देव', सुश्री अरुणिमा सिंह जादौन, श्रीमती शांत्वना सिंह शुक्ला, श्रीमती अंजू अग्रवाल, श्रीमती कुलदीप कौर "दीप", श्रीमती अपर्णा थपलियाल, श्री अशोक कुमार, श्री नीरज कुमार, श्री दीपक अग्रवाल, श्रीमती सुशीला देवी, सरस्वती अग्रवाल, श्री लवनीश सिंह, श्री राजकुमार चौहान, सुश्री अर्चना मेहता, श्री पांडव मुखर्जी समेत अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे। सभी अतिथियों का पुष्पहार, अंगवस्त्र एवं स्मृति चिह्न द्वारा अभिनंदन किया गया।