साहित्यकार डॉ. राशि सिन्हा,श्रीमती शांति अग्रवाल कहानी/उपन्यास लेखन पुरस्कार (2024) से सम्मानित की गईं। साहित्य गरिमा पुरस्कार समिति कादंबनी क्लब, हैदराबाद एवं ए.जी.आई.हैदराबाद चैप्टर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित सम्मान समारोह में,मुख्य अतिथि पद्मश्री महासहस्त्रावधानि डॉ .गरिकिपाटी नरसिंहाराव द्वारा ,रविवार 18 फरवरी को हैदराबाद के अबोड होटल में,उन्हें यह सम्मान उनकी बहुचर्चित पुस्तक ,'आखिर टूटना क्यों' के लिए प्रदान किया गया।सम्मान स्वरूप उन्हें अंग वस्त्र ,स्मृति चिन्ह व प्रशस्ति पत्र के अतिरिक्त ग्यारह हजार पुरस्कार राशि प्रदान की गई।
साहित्य गरिमा पुरस्कार दक्षिण भारत में हिंदी सेवियों -साहित्यकारों को विशेषकर महिला साहित्यकारों को उनकी श्रेष्ठ कृतियों से सम्मानित करने वाला ऐसा दक्षिण भारतीय पुरस्कार व सम्मान है जिसकी नींव सुप्रतिष्ठित वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.अहिल्या मिश्र जी ने महिला साहित्यकारों को ध्यान में रखते हुए रखी थी। 25वर्ष पूर्व रखी गई इस नींव में डॉ.अहिल्या मिश्र जी अपनी संस्था की ओर से गठित राष्ट्रीय चयन समिति के निर्णयों के आधार पर पिछले 15 वर्षों से लगातार यह दक्षिण भारतीय महिला लेखिकाओं को सम्मान प्रदान करती आ रही हैं। यह पहला अवसर है जब दक्षिण भारतीय महिला साहित्यकारों के साथ-साथ यह सम्मान किसी अ-दक्षिण भारतीय महिला साहित्यकार को भीप्रदान किया गया है और वह भी एक युवा साहित्यकार को।इस वर्ष से इस सम्मान हेतु पुरुष साहित्यकार भी शामिल किए गए हैं।संस्था की अध्यक्षा डॉ.अहिल्या मिश्र जी ने बताया कि युवा पीढ़ी की कलम साहित्य में नित नए आयाम स्थापित कर रही है अतः संस्था की ओर से ऐसी पहल आवश्यक है और हमें इस पहल में देश की बहुचर्चित युवा साहित्यकार डाॅ. राशि सिन्हा को यह सम्मान प्रदान करते हुए यह संस्था बहुत गर्वान्वित है।
चयन समिति व संस्थाध्यक्ष के प्रति आभार व्यक्त करते हुए सहित्यकार डॉ.राशि ने कहा कि उन्हें बहुत खुशी है कि इस ऐतिहासिक पल के लिए संस्था ने उनका चयन किया।
दो सत्रों में विभक्त इस एक दिवसीय समारोह में,मुख्य अतिथि पद्म श्री,नरसिंहा राव के अतिरिक्तअध्यक्ष शुभदा वांजपे व प्रो.ऋषभदेव शर्मा , विशिष्ट अतिथि अमिता दुबे व अनंत कदम के अतिरिक्त संस्थाध्यक्ष डॉ.अहिल्या मिश्र जी व डॉ .शांति अग्रवाल मंच पे उपस्थित थे। डॉ.राशि सिन्हा के अतिरिक्त श्री मती वीणा मेदिनी,प्रणव भारती प्रो.हरजिंदर सिंह लाल्टू, श्री के सत्यनारायण (तेलुगु अनुवाद),श्री देवा प्रसाद मामला(हिंदी अनुवाद), बी.एल.आच्छा(लघुकथा लेखन),श्री मोहित (सृजनात्मक तकनीकी हिंदी सम्मान),श्री चंद्र प्रकाश दायमा सहित कुल नौ पुरस्कार ग्रहिताओं का चयन किया गया था। डॉ आशा मिश्र ने तथा डॉ रमा द्विवेदी जी ने अतिथि परिचय व प्रतिवेदन पढ़ा।प्रदेश के प्रतिष्ठित दैनि हिंदी मिलाप के ब्यूरो प्रमुख एफ.एम.सलीम तथा कार्यक्रम संयोजिका मीना मुथा ने की।