दिल्ली। इंडिया नेटबुक्स एवं द इनक्रेडिबल पहाड़ी के तत्वाधान में देवभूमि उत्तराखण्ड की पृष्टभूमि से आने वाले उत्तराखण्ड के जाने- माने लेखक, कवि व दोहाकार श्री सुरेन्द्र सिंह रावत की नवीनतम पुस्तक 13 जनवरी 2024 को दिल्ली के हिंदी भवन में इंडिया नेटबुक एवं द इनक्रेडिबल पहाड़ी के संयुक्त तत्वाधान में 151 गुलाब के फूल, 151 पलाश के फूल, का लोकार्पण एवं काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया, साहित्य अकादमी से बाल साहित्य के लिए सर्वोच्च पुरस्कार प्राप्त हिन्दी साहित्य के शिखर पुरुषों में गिने जाने वाले डॉ. दिविक रमेश की अध्यक्षता में, मुख्य अतिथि प्रोफेसर राजेश कुमार, राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय संस्थान के भूतपूर्व निर्देशक, एवं विशिष्ट अतिथि डॉ. लालित्य ललित, डॉ संजीव कुमार, डॉ. रनविजय राव, डॉ आशा जोशी, ऑल इंडिया रेडिओ दिल्ली के कार्यक्रम निदेशक श्री रामअवतार बैरवा, श्री आलोक शुक्ला, दोहाकार डॉ मनोज कामदेव, ट्रू मीडिया के सम्पादक डॉ. ओमप्रकाश प्रजापति जैसे मूर्धन्य एवं नामचीन साहित्यकारों ने '151 गुलाब के फूल, 151 पलाश के फूल' का लोकार्पण समारोह सम्पन्न किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ मंचासीन अतिथियों द्वारा दीप जलाकर तथा उत्तराखण्ड की प्रसिद्ध लोक और 'शकुन आखर' गायिका श्रीमती किरन पंत ने अपने सुमुधर गायन से डॉ. संजीव कुमार द्वारा रचित सरस्वती वंदना से सभी को हर्षित किया। तत्पश्चात दोहाकार श्री सुरेन्द्र सिंह रावत ने सभी अतिथियों का पुष्पगुच्छ, माला और शॉल से स्वागत किया। इस शुभ अवसर पर देश भर में हो रहे भगवान राम के अयोध्या धाम के उद्घाटन समारोह के मद्देनजर, सभी अतिथियों को रामचरितमानस की एक प्रति देकर सम्मानित किया गया। सभी साहित्यकारों ने कवि व दोहाकार सुरेन्द्र सिंह रावत द्वारा रचित, प्रयोगात्मक, द्वि भाषीय पुस्तक - हिन्दी के दोहे तथा अंग्रेजी के वर्सिस - की भूरी भूरी प्रशंसा की। सभी अतिथियों ने अपने- अपने सम्बोधनों में '151 गुलाब के फूल, 151 पलाश के फूल' को एक बेस्ट सैलर और अभिनव प्रयास की श्रेणी की प्रस्तुती माना और भूरी-भूरी प्रशंसा की।
पुस्तक लोकार्पण समारोह के तुरंत बाद द्वितीय सत्र में आमंत्रित लगभग 25 से अधिक कवि/कवयित्रियों ने अपनी- अपनी रचनाओं से समॉ बांध दिया। उपस्थित कवियों में सर्व श्री/सुश्री पृथ्वी सिंह केदारखण्डी, राजू पाण्डे़, भूपेन्द्र राघव, राजेश श्रीवास्तव, संदीप बिश्नोई, नीरज कुमार, राम शब्द बेनूर, मीना पाण्डेय, उषा श्रीवास्तव उषाराज, फौ़ज़िया अफ़जा़ल, शालिनी मिश्रा, पूजा श्रीवास्तव, लक्ष्मी अग्रवाल, शालिनी शर्मा, मनिषा जोशी मणि, बबली सिन्हा वान्या, नूतन नवल, अपर्णा थपलियाल, संतोष संप्रीति, सुकृति श्रीवास्तव, सीमा सागर शर्मा, किरन पंत, रिचा जोशी सहित मंचासीन अतिथिगण ने बेहतरीन गीत, दोहे, ग़ज़ल, मुक्तक, छंद, छणिकाएँ, कविताओं आदि से पूरा माहोल साहित्यमय बना दिया। प्रथम सत्र का बखूबी संचालन किया रिचा जोशी ने किया। द्वितीय सत्र का माधुर्य पूर्ण संचालन पूजा श्रीवास्तव ने किया। अंत में डॉ. संजीव कुमार, निर्देशक इंडिया नेटबुक्स और पुस्तक के प्रकाशक ने सभी अतिथियों व कवि कवियित्रियों का कार्यक्रम में सहभाग करने व सफल बनाने के लिए आभार व धन्यवाद व्यक्त किया।