माँ शारदे की आशीष और श्री रामचन्द्र जी की कृपा से मुक्ताधारा बंग संस्कृति भवन, गोल मार्केट, नई दिल्ली में 30 दिसंबर 2023 को, साहित्य, कला और संस्कृति को समर्पित, वात्सल्य सामाजिक संस्था का चौथा वार्षिक उत्सव, ट्रू मीडिया के संस्थापक डॉ. ओमप्रकाश प्रजापति की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। इस अवसर पर वात्सल्य की संस्थापिका डॉ. कविता मल्होत्रा, जो अपनी पोती के जन्मदिवस पर उपहार स्वरूप उसे जीवन मूल्यों पर आधारित एक पुस्तक भेंट की, उनकी पोती के तेरहवें जन्मदिवस पर, डॉ. कविता मल्होत्रा की तेरहवीं पुस्तक “वसुधैव कुटुंबकम” और वात्सल्य संस्था की चौथी वार्षिक पत्रिका “वात्सल्य वसुंधरा” का भव्य लोकार्पण किया गया। वात्सल्य संस्था के बच्चों ने जीवन मूल्यों पर आधारित अनेक नाट्य प्रस्तुतियों के माध्यम से भारतीय संस्कृति के प्रसार में महत्वपूर्ण योगदान दिया। कार्यक्रम का कुशल एवं बेहद खूबसूरत संचालन श्रीमती ऊषा श्रीवास्तव राज ने किया। वात्सल्य संस्था ने डॉ. ओमप्रकाश प्रजापति को राष्ट्रीय साहित्य भूषण सम्मान से सम्मानित किया। श्रीमती ऊषा श्रीवास्तव राज को राष्ट्रीय साहित्य सुरभि, आगमन जनक श्री पवन जैन के सुपुत्र आगमन के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री निशान्त जैन को राष्ट्रीय साहित्य रत्न सम्मान से सम्मानित किया। जापान से संचालित हिंदी की गूँज पत्रिका की सँरक्षक एवं संपादक डॉ. रमा शर्मा को राष्ट्रीय साहित्य शिखर सम्मान से सम्मानित किया। मुख्य अतिथि श्री सुरेश खांडवेकर को राष्ट्रीय साहित्य विभूषण सम्मान से सम्मानित किया। सुश्री रशिका भसीन को सरस्वती वंदना के लिए नृत्य शिरोमणि सम्मान से सम्मानित किया। आयोजन में उपस्थित सभी साहित्य प्रेमियों एवं साहित्यकारों को राष्ट्रीय साहित्य भारती सम्मान से सम्मानित किया। डॉ. नीरजा मेहता को राष्ट्रीय साहित्य सरोवर, डॉ. मनोज कामदेव को राष्ट्रीय साहित्य विशारद, विनोद पाराशर को राष्ट्रीय साहित्य सौरभ, डॉ. सूक्ष्मलता महाजन को राष्ट्रीय पर्यावरण प्रहरी, सेठ रामनिवास गुप्ता को राष्ट्रीय साहित्य भारती, भूपेन्द्र राघव को राष्ट्रीय साहित्य सौरभ, सुरेंद्र सिंह रावत को राष्ट्रीय साहित्य भारती, अपर्णा थपलियाल को राष्ट्रीय साहित्य भारती, ऋतु रस्तोगी को राष्ट्रीय साहित्य भारती, गीतांजलि अरोरा को राष्ट्रीय साहित्य सुरभि, राजेश श्रीवास्तव राज को राष्ट्रीय साहित्य सौरभ, पूजा श्रीवास्तव को राष्ट्रीय साहित्य सुरभि, स्वदेश मल्होत्रा को राष्ट्रीय साहित्य भारती, भूपिन्दर कौर को राष्ट्रीय साहित्य भारती, यति शर्मा को राष्ट्रीय कलम कबीर, अनुराधा पांडे को राष्ट्रीय साहित्य भारती, ऋतु अस्थाना को राष्ट्रीय साहित्य भारती, कुलदीप कौर को राष्ट्रीय साहित्य भारती, लक्ष्मी अग्रवाल को राष्ट्रीय साहित्य भारती, पँकज चावला को राष्ट्रीय साहित्य सौरभ, अर्चना मेहता को राष्ट्रीय साहित्य भारती, नीरज कुमार को राष्ट्रीय साहित्य सौरभ, ज्ञानेन्द्र प्रयागी को राष्ट्रीय साहित्य सौरभ, हिमांशु शुक्ला को राष्ट्रीय साहित्य सौरभ, महेश प्रजापति को राष्ट्रीय साहित्य सौरभ, शिव भारद्वाज को राष्ट्रीय साहित्य सौरभ, अवधेश कनौजिया को राष्ट्रीय साहित्य सौरभ, मनीषा जोशी को राष्ट्रीय साहित्य भारती, मीनाक्षी भसीन को राष्ट्रीय साहित्य सुरभि, सम्मान से सम्मानित किया। ट्रू मीडिया द्वारा वात्सल्य संस्था की संस्थापक डॉ. कविता मल्होत्रा को वात्सल्य हठ के लिए ख़ूबसूरत मोमेंटो,शॉल और वात्सल्य सम्मान से सम्मानित किया गया। आगमन संस्था द्वारा डॉ. कविता मल्होत्रा को वात्सल्य के वार्षिक उत्सव पर मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया। वार्षिक उत्सव पर वात्सल्य के सभी बच्चों को पढ़ाई, हस्तकला, नृत्य, अभिनय, लीडरशिप,कौशल, योग, सहयोग एवं शिक्षकों को यथोचित सम्मानों से सम्मानित किया। विनोद मेहरा को उनके अनुपम सहयोग के लिए उत्कृष्ट सहयोगी सम्मान से सम्मानित किया गया। पवन राठौर को उनकी कोरियोग्राफ़ी के लिए, सलमान , दीपक एंव रानी देवी को शिक्षण के लिए, गौरव मेहरा को वसुधैव कुटुम्बकम पुस्तक और वात्सल्य वसुंधरा पुस्तक के संपादन के लिए युवा कौशल सम्मान से सम्मानित किया गया। यश मल्होत्रा को सर्वश्रेष्ठ वात्सल्य गुरू सम्मान से सम्मानित किया गया। वात्सल्य संस्था ने “वात्सल्य सारथी” और “वात्सल्य विवेकानंद युवा प्रतिरूप” 2023 का सम्मान प्रणव मेहरा को दिया। मीडिया कवरेज के लिए अशोक कुमार को उत्कर्ष सहयोगी सम्मान दिया गया। कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ. ओमप्रकाश प्रजापति ने अपने वक्तव्य में कहा कि वात्सल्य- भोली- भाली चेस्टाएं, तुतलाना, चंचलता, नटखटपन, सुंदरता, बाल क्रीड़ा, माता-पिता- संतान के बीच की गतिविधि, हठ करना वात्सल्य है। डॉ. कविता मल्होत्रा वात्सल्य के माध्यम से यह हठ बखूबी कर रहीं हैं। और कहा कि पारिवारिक दायित्व निभाते हुए मल्होत्रा जी ने अनेक विदेशी दौरों में भारतीय संस्कृति के बेहतरीन प्रचार प्रसार किया। कार्यक्रम के अंत में सभी का धन्यवाद के मौके पर डॉ. कविता मल्होत्रा ने कहा कि साहित्यिक अयोध्या में शबरी स्वरूप वात्सल्य संस्था की साधना को श्री राम चन्द्र जी की कृपा के अवतरण से, समूचे सभागार से स्टैंडिंग ओवेशन का प्रसाद मिला। जा पर कृपा राम की होई, का पर कृपा करें सब कोई।