काईट ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्युशंस, दिल्ली-एन०सी०आर, ग़ाज़ियाबाद, 22 और 23 दिसंबर 2023 को 'एडवांसेस इन एआई फॉर बायोमेडिकल इंस्ट्रुमेंटेशन, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कंप्यूटिंग (ICABEC-2023)' विषय पर 5वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन कर रहा है| यह अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन स्कोपस में सूचीबद्ध होगा एवं इसका प्रकाशन सीआरसी प्रेस (टेलर एंड फ्रांसिस ग्रुप) द्वारा अनुमोदन के अंतर्गत किया जायेगा | इस कार्यक्रम को भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY), आईएफएफसीओ नई दिल्ली, मैथवर्क्स, पाइन ट्रेनिंग अकादमी और एसी अकादमी जैसे नामी प्रायोजकों का समर्थन प्राप्त हुआ है।
यह अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन शैक्षिक और अनुसंधान क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जहां दुनिया भर से 300 से अधिक प्रस्तावों में से 109 शोध पत्र स्वीकार किए गए। इनमें से विशेषतः तीन पत्र संयुक्त राज्य अमेरिका से आए, जिससे इस कार्यक्रम की अंतर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठा पर प्रकाश पड़ा। इसके अतिरिक्त, 106 शोधपत्र भारत के 11 विभिन्न राज्यों जैसे कि आंध्र प्रदेश, नई दिल्ली, गोवा, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश से आए, जिससे देश की व्यापक बौद्धिक भागीदारी का पता चलता है। इस भव्य आयोजन में विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों से आए गणमान्य व्यक्तित्वों ने अपनी उपस्थिति दर्ज़ की। मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. करूण अग्रवाल (एमबीबीएस, एमएस, एमच, निदेशक, नेशनल हार्ट इंस्टीट्यूट, नई दिल्ली) और प्रो. (डॉ.) अभिषेक तोमर (जी. बी. पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उत्तराखंड) के साथ प्रो. जे. पी. पांडे (कुलपति, एकेटीयू, लखनऊ) विशिष्ट अतिथि थे। केआईईटी के नेतृत्वकर्ताओं, जिनमें निदेशक प्रभारी डॉ. अनिल अहलावत, संयुक्त निदेशक डॉ. मनोज गोयल, और अतिरिक्त निदेशक डॉ. शैलेश तिवारी शामिल थे, ने अपने अमूल्य विचारों और नेतृत्व के साथ सम्मेलन को समृद्ध किया। सम्मेलन का आरंभ डॉ. विभव कुमार सचान के प्रेरणादायक स्वागत भाषण से हुआ, जिन्होंने इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में उपस्थित सभी व्यक्तियों का हार्दिक अभिनन्दन करते हुए संस्थान की 25 वर्षों की शैक्षिक उत्कृष्टता के बारे में बताया।
उन्होंने 109 शोध पत्रों की महत्वपूर्ण स्वीकृति और डिजिटल स्वास्थ्य प्रणालियों पर विशेष ध्यान केंद्रित करते हुए प्रतिभागियों से दो-दिवसीय सम्मेलन के दौरान खोज और नवाचार में संलग्न होने का आग्रह किया। सम्मेलन के दौरान, डॉ. शैलेश तिवारी और डॉ. मनोज गोयल जैसे महत्वपूर्ण व्यक्तित्वों के नेतृत्व और अंतर्दृष्टि सम्मलेन की गरिमा को बढ़ाया| डॉ. शैलेश तिवारी, केआईईटी के अतिरिक्त निदेशक, ने अपनी गहरी समझ के साथ बायोमेडिकल और तकनीकी संधि पर मूल्यवान मार्गदर्शन प्रदान किया। उन्होंने स्वास्थ्य सेवा में तकनीक के एकीकरण की दृष्टि से उपस्थित लोगों को नवाचार और सहयोग के नए दृष्टिकोण पर विचार करने के लिए प्रेरित किया। वहीं केआईईटी के संयुक्त निदेशक, डॉ. मनोज गोयल ने अपने व्यापक अनुभव और शैक्षिकता की विशषताओं से इस दो-दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन को एक अद्वितीय आयाम प्रदान किया। उन्होंने वैश्विक इंजीनियरों और प्रोफेसरों को नवीनतम वैज्ञानिक ज्ञान से सुसज्जित करने के महत्व पर जोर दिया, जिससे एक सहयोगी और पारस्परिक विकास का वातावरण उत्पन्न हुआ। डॉ. अनिल अहलावत, निदेशक प्रभारी, ने भी सम्मेलन को सफलता की ओर अग्रसर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
प्रोफेसर जे. पी. पांडे, एकेटीयू, लखनऊ के कुलपति और इस सम्मेलन के विशिष्ट अतिथि, ने अपने संबोधन में बायोमेडिकल इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में कृत्रिम बुद्धिमत्ता की परिवर्तनकारी क्षमता पर जोर दिया। उन्होंने विशेषज्ञों को एक साथ लाने और एआई तथा संबंधित प्रौद्योगिकियों में प्रगति पर चर्चा और साझा करने में इस सम्मेलन के नवीन दृष्टिकोण की सराहना की।
नेशनल हार्ट इंस्टीट्यूट, नई दिल्ली के निदेशक, डॉ. करूण अग्रवाल ने बताया कि कैसे इंजीनियरिंग चिकित्सा क्षेत्र में क्रांति ला सकती है, विशेष रूप से एआई और बायोमेडिकल इंस्ट्रुमेंटेशन के माध्यम से। डॉ. अग्रवाल ने बल देकर कहा कि इंजीनियरिंग की नवीनतम प्रौद्योगिकियां और शोध चिकित्सा विज्ञान की समस्याओं का समाधान करने में अत्यंत महत्वपूर्ण हैं और यह संयोग से चिकित्सा के क्षेत्र में नई संभावनाएं और उपचार के नए तरीके खोल सकती है। डॉ. अभिषेक तोमर, जी. बी. पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उत्तराखंड के प्रोफेसर, ने अपने भाषण में अनुसंधान और शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे शैक्षणिक संस्थान और उद्योग दोनों ही नवाचारी सोच को प्रोत्साहित कर सकते हैं, जो विद्यार्थियों को वास्तविक दुनिया की समस्याओं का समाधान करने के लिए तैयार करता है। इस अद्वितीय कार्यक्रम के साक्षी सभी विभागों के डीन्स और एचओडीज बने, जो अपने छात्रों के साथ उपस्थित थे। इस कार्यक्रम का सफल आयोजन डॉ. विभव कुमार सचान (डीन आर&डी, एचओडी ईसीई), डॉ. रुचिता गौतम (एसोसिएट डीन आर एंड डी, एडिशनल एचओडी ईसीई), डॉ. परविन कुमार (प्रोफेसर, ईसीई), डॉ. अभिषेक शर्मा (एसोसिएट प्रोफ. ईसीई), डॉ. शुभम शुक्ला (एसोसिएट प्रोफ. ईसीई), डॉ. प्रवीण कुमार, डॉ. हिमांशु चौधरी, डॉ. हनी पहुजा, श्री सचिन त्यागी, श्री मोहित त्यागी, सुश्री श्रद्धा सूद, और संपूर्ण ईसीई विभाग के द्वारा हुआ।