दिल्ली/चांदनी चौक, स्थित/ दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी द्वारा यमुना संसद: “यमुना नदी के उत्थान का जन अभियान” # Save Yamuna विषय पर दिनांक 22 मई 2023 को दोपहर 3:00 बजे केन्द्रीय पुस्तकालय के गीतांजलि सभागार में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम दिल्ली लाइब्रेरी बोर्ड के अध्यक्ष श्री सुभाष चन्द्र कानखेड़िया की अध्यक्षता, दिल्ली लाइब्रेरी बोर्ड के उपाध्यक्ष श्री परिक्षित डागर के सानिध्य तथा महानिदेशक डॉ. आर. के. शर्मा के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया । कार्यक्रम में वक्ता के रूप में दिल्ली लाइब्रेरी बोर्ड के सदस्य श्री रवि शंकर तिवारी, रोटी बैंक के संस्थापक श्री राजकुमार भाटिया एवं दिल्ली लाइब्रेरी बोर्ड की सदस्या डॉ. रुचिका राय मदान उपस्थित रहे । दीप प्रज्ज्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया ।
दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी की सहायक पुस्तकालय एवं सूचना अधिकारी श्रीमती उर्मिला रौतेला द्वारा कार्यक्रम की रूपरेखा रखते हुए मंच संचालन किया गया ।
डॉ. आर. के. शर्मा ने सभागार में उपस्थित सभी गणमान्य जनों एवं श्रोताओं का स्वागत किया तथा गणमान्य वक्ताओं का परिचय श्रोताओं के समक्ष प्रस्तुत किया। उन्होंने यमुना नदी के उत्थान हेतु दिल्ली लाइब्रेरी बोर्ड के सदस्य श्री रविशंकर तिवारी द्वारा उठाई गई इस मुहिम को बहुत ही सराहनीय बताया । उन्होंने कहा कि गंगा की भांति यमुना नदी के तटों को गंदगी से सुरक्षित कर तटों पर दीवार बनाकर उस स्थान का सौंदर्यीकरण करने की आवश्यकता पर बल दिया ।
डॉ. रुचिका राय मदान ने कहा कि पर्यावरण के प्रति सजग होना हम सभी के लिए महत्वपूर्ण है। यमुना के उत्थान के लिए हम सभी को एकजुट होने की आवश्यकता है। हमारी यह लड़ाई हमारे अपनों से ही है। उन्होंने प्रश्न किया कि विदेशों में जाकर हम ही लोग सभी नियमों के प्रति इतने सजग हो जाते हैं तो अपने स्वयं के राष्ट्र में हम क्यों सजग नहीं रह सकते? उन्होंने सभी से यमुना संसद मुहिम के साथ जुड़कर अपना भरसक योगदान देने का निवेदन किया। उन्होंने युवा श्रोताओं से कहा कि अब हमें अपनी आने वाली पीढ़ी के लिए जायजाद और पैसा छोड़कर नहीं जाना बल्कि अविरल एवं स्वच्छ यमुना की धरोहर उनको देनी है I
श्री राजकुमार भाटिया ने रोटी बैंक के प्रति श्रोताओं की जिज्ञासा को देखते हुए रोटी बैंक की कार्य नीति एवं इसके मॉडल के बारे में बताते हुए कहा कि आज पूरे राष्ट्र में रोटी बैंक की अनेक शाखाएं हैं। 2015 से यह संस्था अभी तक 22 लाख लोगों को सम्मान से भोजन उपलब्ध करवा पाई है I उन्होंने बताया कि 700 पैकेट प्रतिदिन वितरित किये जाते है I इस संस्था के कार्यों का प्रधानमंत्री जी ने मन की बात कार्यक्रम में प्रशंसा की थी I उन्होंने बताया कि यमुना नदी की उत्पत्ति गंगा से भी पहले की है। उन्होंने कहा कि यमुना की आज जो स्थिति है उसमे हम सभी का बराबर योगदान है। उन्होंने यमुना का पौराणिक महत्व भी सभी से साझा किया। श्री रविशंकर तिवारी द्वारा चलाए जा रहे यमुना संसद नमक मुहिम के विषय में भी उन्होंने सभी को जानकारी प्रदान की। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में नदियों को मां के समतुल्य माना जाता है इसलिए हम सभी को यमुना के प्रति मां की भावना जगाने की आवश्यकता है। साथ ही, उन्होंने 4 जून 2023 को प्रातः 6:30 बजे यमुना के तट पर पहुंचकर एक लाख लोगों की मानव-श्रृंखला बना कर एकत्र होने तथा यमुना को साफ करने में अपना योगदान देने का आवाहन किया।
श्री रवि शंकर तिवारी ने बताया कि यमुना संसद मुहिम के तहत 4 जून 2023 प्रातः 6:30 बजे दिल्ली में वजीराबाद से लेकर ओखला तक आठ पॉइंट्स में यमुना के उत्थान के लिए एक महत्वपूर्ण जन आंदोलन का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने सभी से ज्यादा से ज्यादा संख्या में इस मुहिम से जुड़कर इसे सफल बनाने एवं यमुना को साफ करने में अपना योगदान देने का आवाहन किया तथा अपने इस श्रृंखला में सहयोग देने के लिए पूर्व में सूचना देने का भी आग्रह किया I
श्री परिक्षित डागर ने कहा कि यमुना का उत्थान एक ज्वलंत मुद्दा है। इसे हमें अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाकर, अधिक से अधिक लोगों को प्रेरित करने तथा इसके प्रति सभी को जागरूक करना होगा । उन्होंने सभी को यमुना संसद से जुड़ने का भी आवाहन किया और विभिन्न प्रचार-प्रसार के माध्यमों द्वारा अपने जानने वालों मित्रों को इसके बारे में बनाने का निवेदन किया एवं सोशल मीडिया द्वारा इसका प्रचार-प्रसार करने की भी अपील की I
श्री सुभाष चंद्र कांखेड़िया ने कहा कि श्री रवि शंकर तिवारी द्वारा यमुना नदी के उत्थान हेतु किया गया यह प्रयास आज के लिए ही नहीं बल्कि आने वाली कई पीढ़ियों के लिए हितकारी है। उन्होंने कहा कि विसर्जन के नाम पर कई प्रकार का गंद यमुना में डाल कर हमने आज उसका यह हाल बना दिया। हम अपने घर और आसपास की सफाई के लिए जितना प्रयास करते हैं उसका आधा भी अगर हम यमुना को साफ करने के लिए करें तो वह भी बहुत महत्वपूर्ण होगा। उन्होंने सभी से अपने अनुकूल थोड़ा ही सही पर योगदान अवश्य देने को कहा तथा इस अभियान को सफल बनाने का निवेदन किया।
दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी की सहायक पुस्तकालय एवं सूचना अधिकारी श्रीमती उर्मिला रौतेला द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के पश्चात राष्ट्रगान से कार्यक्रम का समापन हुआ ।