दिल्ली 2 नवम्बर:~ पूजा ऐसी करें जिससे दूसरे का हो भला ओर स्वयं को आनंद प्राप्त हो यह संदेश दिया गया स्वामी श्री राजेश्वरानंद जी महाराज द्वारा श्री राजमाता झंडेवाला मंदिर में देवोत्थान एकादशी तुलसी विवाह पर कन्याओं का विवाह समारोह में भक्तजनों को।
सदगुरु राजदरबार के प्रबंधक राम वोहरा ने बताया कि स्वामी श्री राजेश्वरानंद जी महाराज के सान्निध्य में तुलसी शालिग्राम, लक्ष्मी विष्णु, शिव पार्वती रूप में कन्याओं का विवाह किया गया।विवाह पूर्णतः सनातन संस्कृति विधि विधान से पंडित रोहित कौशिक जी द्वारा संपन्न हुआ। मंदिर के मुख्यद्वार पर दूल्हों का आरती वंदन करते हुए स्वागत करने के बाद वर वधु ने एक दूसरे को जयमाला पहनाकर स्वीकार किया।नवदंपतियों को विदाई के समय घरेलू उपयोग की वस्तुएं बिस्तर,कपड़े, बर्तन,आभूषण आदि उपहार स्वरूप संस्थान की ओर से दिए गए।गुरु माता जी के सान्निध्य में वर वधु पक्षों के साथ आए हुए अतिथियों के लिए भोजन प्रसाद की सुंदर व्यवस्था की गई।
इस अवसर पर भक्तों को आशीर्वचन देते हुए स्वामी श्री राजेश्वरानंद जी महाराज ने कहा कि पूजा पाठ कर्मकांड के रूप में तुलसी शालिग्राम का विवाह करके एक धार्मिक कार्यक्रम तो हो गया लेकिन क्या प्रत्यक्ष रूप से किसी का भला हुआ? लेकिन तुलसी विवाह ऐसा हो जिससे हम अपनी परम्परा के अनुसार धार्मिक कर्म के साथ पिछड़े अभावग्रस्त परिवारों का योगदान भी हो जाए।कन्यापूजन करें साथ में ध्यान रखें कन्यादान महादान हैं जिससे सृष्टि का विस्तार,कमजोर वर्ग पिता को सम्मान,अनेक चेहरों पर मुस्कान लाकर पुण्य लाभ प्राप्त करता हैं।
देवोत्थान एकादशी तुलसी विवाह में राजकुमार उप्रेती,निर्मल गुप्ता,द्वारा सहयोग प्राप्त हुआ।एवं स्थानीय पार्षद रितेश सूजी,पूर्व पार्षद कुसुम तोमर,दधीचि देहदान समिति के अध्यक्ष अशोक बंसल,एक राहत फाउंडेशन से पूजा कालरा,अमित गर्ग,विश्वास शुक्ल, गौशाला से ओम प्रकाश रेवाड़िया चतुर्वेदी,समाज सेवी,नमन जैन,मयंक चतुर्वेदी,हिंदू वाहिनी के मनोज सिंह राजपूत,विमल गुप्ता,राहुल शर्मा,राजीव शर्मा, अविता चौधरी,दीपक ठाकुर,अभिषेक जैन ने सेवा में भाग लिया।
राम वोहरा
