अंतरराष्ट्रीय विश्व मैत्री मंच की मध्यप्रदेश इकाई द्वारा मासिक काव्य चौपाल का विशेष कार्यक्रम दीपावली मिलन समारोह 26 अक्टूबर एल्डर केयर सेंटर त्रिलंगा में आयोजित किया गया।
रिमझिम फुहारों में कार्तिक मास में सावन का मजा लेते हुए सबने दीपावली
पर आधारित कविताओं, गीतों व ग़ज़लों से समा बांधा।
कार्यक्रम की शुरुआत रामायण केंद्र के निदेशक डॉ. राजेश श्रीवास्तव की कविता
रात अमावस काली काली
तेरा मुखड़ा चांद दिवाली
देश धर्म की सारे जग में
जगमग है पहचान दिवाली ।
रोटी घर कपड़े की चाहत
हर दिल का अरमान दिवाली
गणपति लक्ष्मी और सरसुती
तीनों का सम्मान दिवाली ।
कविता से हुई। इसके बाद तो कविता की रस धारा बह चली।
सुनीता प्रकाश ने
अमावस्या ने ओढ़ लिया है गहन नील आँचल रे,
धरती मौन, गगन भी चुप, तमस ने घेरा जग सारा रे।
लघुकथा शोध केंद्र की निदेशक कांता राय ने
चूंकि अब इस काल में
स्पर्श के सभी रूप
संदिग्ध प्रमाणित हो चुके हैं
इसलिए जब तुम
मुझे स्पर्श करते हो तब
निस्पृह रहने का मेरा प्रण
मेरे लिए चुनौतियां बन जाती हैं।
सरोज लता सोनी ने
आओ हम ऐसा दीप जलाएँ
मानव में मानवता जागे,
जीवन ज्योति जगाएँ...
आओ हम ऐसा दीप जलाएँ....
मुंबई से आई डॉ .पूजा अलापुरिया ने कामकाजी महिला और गृहणी के मनोभावों की सुंदर कविता सुनाई।
अंतरराष्ट्रीय विश्व मैत्री मंच मध्य प्रदेश इकाई की मंत्री जया केतकी ने
मन अँधियारा जब जब घेरे
प्रीत की जोत जगा लेना
डॉ. नीलिमा रंजन ने
हर दीप जले उज्ज्वल झिलमिल
फुलझड़ी हँसे यूँ ही खिलखिल
आए अनार सी खुशियाँ ले
यह दीपोत्सव हिलमिल हिलमिल
अंतरराष्ट्रीय विश्व मैत्री मंच के महासचिव मुजफ्फर इकबाल सिद्दीकी ने
दिये की ये एक लौ जो इस शब पर है भारी
जहाँ को भी रौशन ये करने लगी है।
अंतरराष्ट्रीय विश्व मैत्री मंच की संस्थापक अध्यक्ष संतोष श्रीवास्तव ने
मेरे सपनों का हरापन
जब भी लहलहाता है
तुम सैंकड़ो दीप का उजाला बन
दिल की मुंडेरों पर
जगमगाते हो
खिल पड़ते हैं
सारे महकते मौसम
दीपकों की लौ में
जिंदगी भरपूर
नजर आने लगती है
प्यास के सारे तजुर्बे
उन दीपों के स्नेह से
गुजरते हैं
भीग भीग जाता है मन
डॉ. विनीता राहूरिकर ने
सूरज से लेता
एक कतरा रौशनी
हरता तम जीवन का
जब बलता मेरे मन आँगन
एक दीप तेरी दुआओं का.....
सुना कर माहौल को काव्य की रसधारा से सराबोर कर दिया।
कार्यक्रम का बेहतरीन संचालन तथा आभार डॉ. विनीता राहुरीकर ने किया।
श्रीमती सायरा सिद्दीकी, श्रीमान कुलकर्णी जी,श्री शर्मा जी,मुंबई से लघुकथा पर शोध के लिए पधारी सोनम तिवारी तथा उनकी मार्गदर्शक डॉ.पूजा की कार्यक्रम में विशेष उपस्थिति रही।
इस अवसर पर संतोष श्रीवास्तव ने अपना सद्य प्रकाशित कविता संग्रह "कवि के मन से" लघुकथा शोध केंद्र पुस्तकालय के लिए कांता जी को भेंट किया ।
अंत में स्वादिष्ट जलपान के साथ कार्यक्रम समाप्त हुआ।
प्रस्तुति
संतोष श्रीवास्तव
