गाजियाबाद। वसुंधरा स्थित मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के विवेकानंद सभागार में आयोजित 28वें स्थापना व शिक्षक दिवस समारोह में उल्लेखनीय सेवाओं के लिए दस शिक्षकों को बेस्ट टीचर्स अवार्ड से सम्मानित किया गया। सभी को प्रमाण पत्र, शॉल और स्मृति चिह्न प्रदान किया गया। इस अवसर पर इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डॉ. अशोक कुमार गदिया ने कहा कि शिक्षक अब केवल शिक्षक न रहें बल्कि वे गुरु की भूमिका निभाते हुए विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास करें। विद्यार्थियों को अपने साथ जोड़ें। उनमें पढ़ाई की ललक पैदा करने के लिए स्वयं ऊर्जावान बनें। दिल व दिमाग में संतुलन बनाएं और अध्यापन को पूरी ईमानदारी से करें।
डॉ. गदिया ने कहा कि हमारे होने का अर्थ हम सबमें है। भगवान ने हमें यह एक अनोखा गुण दिया है। जरूरत है इसे देखने व परखने की। जिसने देख-परख लिया और जीवन में उतार लिया तो देखना भविष्य में आश्चर्यजनक परिणाम देखने को मिलेंगे। हमें समाज के उस वंचित समाज के तबके को शिक्षित कर देश की मुख्यधारा से जोड़ना है, जिसके लिए कोई गंभीर रूप से चिंतित नहीं है। उन्होंने कहा कि हमें खुशी है कि हमारे मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस में 75 प्रतिशत बच्चा उसी वंचित समाज का शिक्षा ग्रहण कर रहा है। उन्होंने मेवाड़ के साथ 27 सालों से जुडे सभी लोगों को याद किया और उन्हें नमन किया। मेवाड़ के महासचिव अशोक कुमार सिंघल ने कहा कि हमारा समाज से जुड़ना बहुत जरूरी है। बिना समाज से जुड़े विद्यार्थियों को संस्कारित और शिक्षित करना नामुमकिन है। शिक्षा सेवा कार्य है, इसे समाज व देशहित में सेवा की तरह ही शिक्षक अपनायें। इस प्रकार हम अपने भीतर अनुशासन के साथ-साथ विकास की संभावनाओं को भी जन्म दे सकते हैं। मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस की निदेशिका डॉ. अलका अग्रवाल ने इंस्टीट्यूशंस की विस्तृत प्रगति रिपोर्ट पढ़ी। मेवाड़ के विद्यार्थियों ने इस मौके पर गीत, भजन, भाषण, कविता, गुरु वंदना आदि प्रस्तुत कर सबका मन मोह लिया। सम्मानित होने वाले शिक्षकों के नाम इस प्रकार हैं-जैना सुशील, उपासना वर्मा, रंजना मिश्रा, चांदना झा, शशांक नौटियाल, डॉ. श्रेया अग्रवाल, डॉ. अटल कुमार, प्रियांशु सक्सेना, गौरव सिंह और धर्मवीर।