गाज़ियाबाद, 15 सितम्बर 2025: इंजीनियर्स डे के अवसर पर काईट ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा “डिजिटल कॉन्क्लेव 2025 – एक्सपर्ट टॉक सीरीज़” का भव्य आयोजन किया गया। इस वर्ष का थीम “टेक्नोलॉजिकल इनोवेशन एंड ट्रांसफॉर्मेशन – विच हैज़ चेंज्ड द नेशन” रहा, जिसने तकनीकी नवाचार और उसके सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन पर गहन चर्चा का मंच प्रदान किया।
कार्यक्रम की शुरुआत प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों द्वारा औपचारिक दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई, जिनमें डॉ. एल. वेंकटा सुब्रमण्यम (हेड, आईबीएम क्वांटम इंडिया), डॉ. प्रभात मनोचा (अकाउंट टेक्निकल लीडर, आईबीएम इंडिया/साउथ एशिया एवं प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस, काईट), श्री गोलोक कुमार सिमली (प्रेसिडेंट, टेक्नोलॉजी एवं इनोवेशन, बीएलएस इंटरनेशनल), श्री नितिन कालरा (फाउंडर एवं सीईओ, ब्लू पैरट वेंचर्स), तथा काईट नेतृत्व दल के वरिष्ठ सदस्य, अर्थात डॉ. मनोज गोयल (कार्यकारी निदेशक), डॉ. आदेश कुमार पांडे (निदेशक अकादमिक), डॉ. अभिनव जुनेजा (निदेशक कॉर्पोरेट संबंध और प्लेसमेंट सेल), और डॉ. पुनीत गोस्वामी (डीन आईटी और सीएसई-सीएस) शामिल थे।
इस अवसर पर काईट और ब्लू पैरट वेंचर्स के बीच एक महत्वपूर्ण एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। इस सहयोग के अंतर्गत विद्यार्थियों को विशेषज्ञ व्याख्यान, इनोवेशन-आधारित प्रोजेक्ट्स और करियर अवसरों का लाभ मिलेगा। उल्लेखनीय है कि ब्लू पैरट वेंचर्स पहले ही संस्थान के सात विद्यार्थियों को अपने साथ जोड़ चुका है।
विशेषज्ञ सत्रों में तकनीकी भविष्य की झलक प्रस्तुत की गई। डॉ. प्रभात मनोचा ने हाइब्रिड क्लाउड, जेनरेटिव एआई और क्वांटम कम्प्यूटिंग पर अपने विचार रखे, वहीं डॉ. एल. वेंकटा सुब्रमण्यम ने क्वांटम डिकेड पर चर्चा की। श्री गोलोक कुमार सिमली ने ई-गवर्नेंस और एआई-आधारित परिवर्तन के अनुभव साझा किए तथा श्री नितिन कालरा ने कन्वर्सेशनल एआई और उद्यमिता पर विद्यार्थियों को प्रायोगिक दृष्टिकोण प्रदान किया।
संस्थान के कार्यकारी निदेशक, डॉ. मनोज गोयल ने कहा, “यह आयोजन न केवल इंजीनियर्स डे का उत्सव है, बल्कि यह हमारे विद्यार्थियों को तकनीकी नवाचार के माध्यम से राष्ट्र निर्माण की दिशा में अग्रसर करने का एक प्रेरक अवसर भी है।”
कार्यक्रम के दौरान विश्वविद्यालय रैंक धारकों, वर्षवार टॉपर्स और क्षेत्रीय प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया। विद्यार्थियों की सक्रिय भागीदारी और वक्ताओं के साथ हुए संवाद ने इस कॉन्क्लेव को विशेष बना दिया। डिजिटल कॉन्क्लेव 2025 ने शिक्षा, शोध और उद्योग जगत को एक साझा मंच पर लाकर तकनीकी सहयोग और भविष्य की संभावनाओं को सुदृढ़ किया।