दिल्ली:~अभावग्रस्तों की सेवा करने से प्रसन्न होते है भगवान शंकर यह संदेश दिया गया स्वामी श्री राजेश्वरानंद जी महाराज द्वारा सावन के पावन अवसर पर आयोजित कन्या विवाह में भक्तजनों को गोरख पार्क शाहदरा स्थित श्री राजमाता झंडेवाला मंदिर में।
सदगुरु राजदरबार के प्रबंधक राम वोहरा ने बताया कि स्वामी श्री राजेश्वरानंद जी महाराज के सान्निध्य में सावन मास द्वादशी पर एक अभावग्रस्त परिवार की कन्या नेहा का विवाह सुमित के साथ भगवान गौरी और शंकर रूप से सम्पन्न किया गया।मंदिर मुख्यद्वार पर शिव रूपी दुल्हेराजा का आरती उतार कर स्वागत किया गया।वैदिक मंत्रोचारण के साथ पूर्णतः सनातनी संस्कृति से गौरी शंकर ने एक दूसरे को जयमाला डालकर स्वीकार के पश्चात पंडित रोहित कौशिक द्वारा लॉन्वा फेरे करवाते हुए सप्तपदी में सृष्टि विस्तार के साथ पर्यावरण सुरक्षा हेतु कार्य करने की शपथ दिलाई गई। नवदंपति को विदाई के समय सदगुरु राजदरबार की ओर से घरेलू उपयोग की वस्तुएँ कपड़े,बर्तन,पंखा,बिस्तर,गैस चूल्हा,आभूषण,दोनों को घड़ी आदि उपहार भेंट किए गए।
इस अवसर पर भक्तों को संबोधित करते हुए स्वामी श्री राजेश्वरानंद जी महाराज ने कहा कि सावन का महीना भगवान शंकर की पूजा अर्चना के साथ शिव संदेश पर कार्य करने का शुभ अवसर प्रदान करता है। भगवान शंकर ने मां गंगा,महाकाली एवं सागर मंथन में स्वीकार्य के अनेक उदाहरण प्रस्तुत करते हुए पशुपतिनाथ यानी पशुओं के,भूतभावन यानी भूत प्रेत के,नागेश्वर यानी सर्प नागो के रक्षक स्वामी के रूप में जाना जाता हैं जिससे ज्ञान मिलता है कि समाज के किसी भी वर्ग को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए बल्कि सभी की सेवा करनी चाहिए जिससे सदाशिवमौलीशंकर प्रसन्न होते है। स्वामी जी ने कहा कन्याविवाह करके मन को ऐसा प्रतीत हुआ कि सावन में रुद्राभिषेक का अनुष्ठान पूर्णतः सफल हो गया है।अभावग्रस्त कन्याओं के विवाह हेतु पंजीकरण जारी रहेगा अगला कन्यविवाह 2नवंबर देवोत्थान एकादशी पर आयोजित किया जाएगा।
इस अवसर पर समाज सेवी राजकुमार उप्रेती, पर्यावरण मित्र संस्था की अध्यक्षा अविता चौधरी,दिनेश गुप्ता जी, माहेश्वरी, पिशाेरी लाल शर्मा की उपस्थिति रही।
राम वोहरा