नई दिल्ली। केन्द्रीय संस्कृति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि मेवाड़ की परम्परा और संस्कृति शक्ति और भक्ति के रंग से रंगी हुई है। इसका इतिहास शौर्य, पराक्रम, विनम्रता और वात्सल्य भाव से भरा हुआ है। उन्हें खुशी है कि मेवाड़ विश्वविद्यालय मेवाड़ी परम्परा और संस्कृति का पोषण एवं संरक्षण करते हुए अपने विद्यार्थियों को पुरातन तथा अर्वाचीन उच्च शिक्षा प्रदान कर रहा है। मेवाड़ विश्वविद्यालय की ओर से कमानी सभागार में आयोजित विभिन्न कलाओं को समर्पित ‘मीरायतन’ कार्यक्रम में श्री शेखावत ने बतौर मुख्य अतिथि यह विचार व्यक्त किये।
उन्होंने कहा कि मेवाड़ की पन्ना धाय हों, बप्पा रावल या महाराणा प्रताप हों, सभी ने अपना बलिदान देकर अपनी मातृभूमि की रक्षा की तो मीराबाई ने भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति में डूबकर मेवाड़ की माटी को भक्ति रस से सराबोर कर दिया। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के अध्यक्ष वरिष्ठ पत्रकार पद्म भूषण राम बहादुर राय ने कहा कि मेवाड़ विश्वविद्यालय ने दिल्ली में आकर अपने कार्यक्रमों के माध्यम से सशक्त दस्तक दी है। शिक्षा के क्षेत्र में मेवाड़ विश्वविद्यालय नवीन प्रयोग कर नई शिक्षा नीति को नये आयाम देने में सक्रिय है। मेवाड़ विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. अशोक कुमार गदिया ने कहा कि दिल्ली जैसे महासमुन्द्र में आना उनके लिए नई चुनौती तो है ही लेकिन वह अपनी टीम के बूते उच्च शिक्षा, मेवाड़ी संस्कृति के अलावा भारतीय संस्कारों को अपने विद्यार्थियों को प्रदान करता रहेगा ताकि उनका विद्यार्थी स्वावलम्बी तो बने ही, देशभक्त और जिम्मेदार नागरिक भी बने। अपने स्वागत भाषण में डॉ. गदिया ने मेवाड़ विश्वविद्यालय के उच्च शिक्षा में बढ़ते कदमों पर भी रोशनी डाली। अभिव्यक्ति-29 में फाइन आर्ट एवं परफॉर्मिंग आर्ट्स विभाग के कलाकारों ने विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर उपस्थित दर्शकों एवं अतिथियों का दिल जीत लिया। मेवाड़ अभिव्यक्ति-29 के तहत आयोजित मीरायतन नृत्य नाटिका ने सभी को भाव विभोर कर दिया। इसकी निर्देशक कलाकार कुंजलता मिश्रा ने मीराबाई का जीवंत और मोहक अभिनय किया। इस दौरान द स्ट्रोक ऑफ मेडिटेशन विषय पर आधारित चित्रकला प्रदर्शनी का उद्घाटन नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट के निदेशक डॉ. संजीव किशोर गौतम, अयोध्या धाम के सुविख्यात योगगुरु डॉ. महेश योगी, डॉ. अशोक कुमार गदिया, मेवाड़ विश्वविद्यालय की कला विभाग की हैड एवं कार्यक्रम संयोजक डॉ. चित्रलेखा सिंह, मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस की निदेशक डॉ. अलका अग्रवाल आदि ने किया। बप्पा बर्मन की योगासन प्रस्तुति अद्भुत रही। पधारो म्हारो देस लोकगीत की हरिओम गंधर्व एवं साथियों ने मनमोहक प्रस्तुति दी। सुनीता शर्मा द्वारा निर्देशित रसाभिव्यक्ति पर प्रवीण परिहार का नृत्य भी खूब पसंद किया गया। एकात्म मानव दर्शन अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. महेश चंद्र शर्मा, शिवराज सैनी, तन्मय गुप्ता, राजेश कुमार सैनी, शोभा सचान, हरीश शर्मा समेत अनेक विद्वान, शिक्षक, समाजशास्त्री, पत्रकार आदि ने भी अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाई।