चाहता हूँ उसका वध कर दूँ, जिसने यह अत्याचार किया |
पर राम त्याग देंगे मुझको, यदि मैंने तुझको मार दिया ||
श्री रामलीला कमिटी इंद्रप्रस्थ ने रामनवमी के अवसर पर देश भर में सांस्कृतिक और साहित्यिक कार्यक्रमों की धूम रही। इस अवसर पर दिल्ली के आईपी एक्सटेंशन स्थित आईपेक्स भवन में कवि चिराग़ जैन की संगीतमय काव्य प्रस्तुति पुरुषोत्तम का आयोजन किया | कार्यक्रम में ख्यातिलब्ध कवि चिराग़ जैन ने अपने महाकाव्य के अयोध्या कांड का पाठ किया। काव्य के संगीतमय पाठ ने अंत तक लोगों का मन बांधे रखा। इस प्रस्तुति में रामचरित मानस के अयोध्या काण्ड के तीन प्रसंग प्रस्तुत किए गए जिनमें राम वन गमन, भरत-कैकेयी संवाद और राम-भरत मिलाप को कविता में प्रस्तुत किया गया। लोगों ने चिराग़ जैन की विशिष्ट काव्य शैली और गहरी संवेदनात्मक प्रस्तुति की तालियो व जयकारों में बड़ी सराहना की। उल्लेखनीय है कि कवि चिराग़ जैन ने देश-विदेश में हिन्दी कविता की प्रस्तुति दी है। पिछले दिनों पुणे व दिल्ली के विज्ञान भवन में दिया गया उनके भाषण काफ़ी वायरल रहे । आखे नाम हुई, श्रोताओ की नेत्रो से बह उठी अश्रुधारा जब चित्रकूट में गले लगे राम भरत पर चिराग जैन ने पढ़ा
स्वर दौड़ा, दृष्टि अलग दौड़ी, धड़कन भागी, रुक गये भरत
अपना पूरा आचरण लिये, दो चरणों में झुक गये भरत
पैरों से जा लिपटा भाई, लगता था चुम्बक हुए राम
पीछे काया का स्पर्श हुआ, पहले आँसू ने छुए राम
माता कैकई व पुत्र भरत के संवाद को अपनी काव्य रचना में इस तरह प्रस्तुत किया कवि क्षेष्ठ चिराग जैन ने माता कैकाई ने पुत्र भरत पर वात्सल्य का तीर साधा
उन्माद परे रखकर सम्भली, वात्सल्य ओढ़ने लगी त्रिया,
सुत की आँखों में घृणा देख, भौंहें सिकोड़ने लगी त्रिया |
"तुझको भी मैं दोषी लगती, ऐसे क्या पाप किये मैंने,
राजा पर थे दो वर उधार, अवसर पर मांग लिए मैंने|
मेरा बेटा युवराज बने, यह इच्छा तो अपराध नहीं,
और राम नहीं वन जाते तो, पूरी होती यह साध नहीं ||
म्राता भरत ने माता कैकाई को प्रतिउत्तर मे कहाँ
पति को खाकर आनंदित है, रत्ती भर पश्चाताप नहीं |
रघुवंशमुकुट मणिहीन किया, इससे बढ़कर कुछ पाप नहीं |
दर्पण तोड़ा है उत्सव का, ममता छल ली पापिन तूने |
चरणामृत में विष घोला है, निज जिह्वा से नागिन तूने |
चाहता हूँ उसका वध कर दूँ, जिसने यह अत्याचार किया |
पर राम त्याग देंगे मुझको, यदि मैंने तुझको मार दिया ||
श्री रामलीला कमेटी इंद्रप्रस्थ की तरफ़ से राम दरबार स्थापित कर श्री रामचंद्र का पूजन किया गया। साथ ही संस्था के अध्यक्ष सुरेश बिंदल ने सभा को सम्बोधित भी किया। उन्होंने कहा कि इंद्रप्रस्थ की रामलीला पूरी दिल्ली में प्रसिद्ध है और इसकी विशेषता ये है कि हर वर्ष की रामलीला में कुछ नए प्रसंग अलग-अलग राम-कथाओं से जोड़े जाते हैं। उन्होंने ये भी कहा कि हम राम जन्मोत्सव का आयोजन विशुद्ध कथा रूप में प्रस्तुत करते हैं | हमे गर्व हैं की हमने महान उपन्यासकार डा० नरेंद्र कोहली से भी राम कथा कारवाई | आईपैक्स भवन प्रत्येक माह के प्रथम रविवार को काव्य परम्परा का आयोजन कराते हैं | आज यही अवसर हैं | कार्यक्रम का संचालन मुंबई से आए बॉलीवुड लेखक प्रबुद्ध सौरभ ने किया। संगीत टीम का कार्यक्रम को भव्य बनाने में योगदान रहा। रामलीला कमेटी की तरफ़ से आयोजन में संस्था के संरक्षक श्री तरुण गुप्ता चेयरमैन दिलीप बिंदल मंत्री मुकेश कौशिक, वाइस चेयरमैन अमित गोयल, वाइस चेयरमैन अरुण गुप्ता, संयोजक सत्येंद्र अग्रवाल, मुख्य संयोजक अश्विनी वत्ता, महामंत्री नितिन गर्ग श्री राजकुमार गुप्ता कार्यकारी अध्यक्ष श्री योगेंद्र बंसल इत्यादि ने सहयोग दिया। इस कार्यक्रम में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल, पूर्व विधायक नसीब सिंह, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के समन्वयक माननीय दयानन्द जी विधायक संजय गोयल इत्यादि शामिल हुए। सायकाल 6:30 बजे आरंभ हुआ कार्यक्रम रात्रि 9:00 बजे भोजन प्रसादी के साथ समाप्त हुआ | लीला के महामंत्री श्री मितिन गर्ग ने सभी का धन्यवाद किया |
प्रेषक
सुरेश बिंदल
9811982229