22 दिसंबर 2024 को हिंदी भवन, नई दिल्ली में युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच के तत्वाधान में सम्मान समारोह एवं पुस्तक लोकार्पण कार्यक्रम वरिष्ठ साहित्यकार शैलेन्द्र कपिल की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ | इस अवसर पर ओमप्रकाश यती की जनसरोकारों से जुडी एक ग़ज़ल ने सबका मन मोह लिया | इस कार्यक्रम में प्रो विश्वंभर शुक्ल (अध्यक्ष /मुक्तक लोक ) मुख्य अतिथि, ओमप्रकाश यती (ख्यात ग़ज़लकार) प्रमुख अतिथि एवं डॉ ओमप्रकाश प्रजापति , मुख्य संपादक ट्रू मीडिया, सुश्री वसुधा कनुप्रिया ,संस्थापक पर्पल पेन और विवेक बादल बाजपुरी ( संस्थापक बुलंदी साहित्य संस्था ) अति विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित हुए | इस समारोह में हिंदी साहित्य सेवा के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान हेतु मंच के वर्ष -2024 के पुरस्कार चयनित आठ साहित्यकारों को प्रदान किये गए | इस कार्यक्रम में दिल्ली ,हरियाणा, पंजाब , उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, मध्य प्रदेश और राजस्थान राज्यों से अनेक साहित्यकार उपस्थित हुए | सर्वप्रथम युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच के राष्ट्रीय महासचिव ओमप्रकाश शुक्ल ने अतिथियों का परिचय देते हुए उन्हें मंचासीन किया | मंचस्थ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन के उपरांत सुश्री शारदा मदरा ने सरस्वती वंदना की और सुश्री मिलन सिंह द्वारा मंच का गीत प्रस्तुत किया गया | राष्ट्रीय अध्यक्ष रामकिशोर उपाध्याय ने सभा में उपस्थित सदस्यों और अतिथियों का स्वागत करते हुए मंच की गतिविधियों पर प्रकाश डाला | तत्पश्चात राष्ट्रीय महासचिव द्वारा संस्था की वर्ष -2024 की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की | इस भव्य कार्यक्रम में मंच का प्रतिष्ठित ‘ भारतेंदु हरिश्चंद्र शीर्षस्थ सम्मान’ 11000/-रूपये की पुरस्कार राशि के साथ हरियाणा निवासी साहित्यकार प्रो.रमेश सिद्धार्थ को तथा डी.पी.चतुर्वेदी स्मृति लाइफ टाईम अचीवमेंट सम्मान श्री विजय प्रशांत, अमीर ख़ुसरो युवा सम्मान श्री मनोज कामदेव, मुंशी प्रेमचंद कथा सम्मान श्री राजेश सिंह, श्रीमती कमलेश प्रशांत स्मृति डॉ.किरण मिश्रा , डॉ पुष्पा जोशी बी.एन.झा एवं आकाश झा स्मृति सम्मान, ओम प्रकाश शुक्ला को मेजर वीरेन्द्र सिंह यादव स्मृति सम्मान प्रदान किया गया | इन सभी को पांच हज़ार एक सौ रूपये की पुरस्कार राशि प्रदान की गयी | समारोह में मंच की ओर से सम्मान राशि के अतिरिक्त सभी साहित्यकारों को सम्मान पत्र ,शाल और प्रतीक चिन्ह प्रदान किया गया | शीर्षस्थ पुरस्कारों के अतिरिक्त हिंदी साहित्य की सेवा के लिए मंच से जुड़े विभिन्न साहित्यकारों की स्मृति में देश के विभिन्न राज्यों से आये साहित्यकारों को उनकी हिंदी साहित्य सेवा हेतु सम्मानित भी किया गया | मंच से अपने संबोधन में शैलेन्द्र कपिल ने शानदार कविता पाठ किया और कहा – यह मंच राजभाषा की राह में रुचि लेकर कार्य करने में संघर्ष रत है | विभिन्न राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के साथ समन्वय बनाते हुए हिंदी साहित्य की सभी विधाओं में योगदान को गति प्रदान करता रहा है | मुझे आशा है कि एक दिन सभी राज्यों के कविताओं का भी इस मंच के सदस्यों द्वारा अनुवाद हो व हिंदी भाषा समृद्ध हो|’ प्रो विश्वंभर शुक्ल ने सुंदर गीतिका पढ़ी और अपने संबोधन में कहा –‘ मैं युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच के गठन से जुड़ा रहा हूँ और मंच ने हिंदी साहित्य के संवर्धन में महत्वपूर्ण कार्य किया है | प्रमुख अतिथि ओमप्रकाश यती ने मंच को शुभकामनाएं देते हुए कहा - आज दिनांक 22 दिसम्बर '2024 युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच का ग्यारहवाँ वार्षिक समारोह हिंदी भवन में सोल्लास आयोजित किया गया ,यह प्रसन्नता की बात है कि देश के विभिन्न राज्यों जिनमें दक्षिण भारत के कई राज्य भी सम्मिलित हैं। कार्यक्रम में कई महत्वपूर्ण पुस्तकों का लोकार्पण भी किया गया। डॉ ओमप्रकाश प्रजापति, मुख्य संपादक /ट्रू मीडिया ने अपने संबोधन में प्रकाशित कविता का पाठ किया और कहा – ‘युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच पिछले ग्यारह वर्षों से निरंतर कार्य कर रहा है | साहित्य जगत में नवांकुर साहित्यकारों को मंच प्रदान कर उन्हें निखार रहा है | वरिष्ठ साहित्यकारों को पुरस्कृत कर उन्हें और अधिक कार्य करने को उत्साहित करता रहा है | साहित्यिक कार्यशालाओं ,संगोष्ठियों के माध्यम से साहित्य जगत कुछ अलग ,कुछ नया करने का प्रयास कर रहा है | इस मंच के देश भर में अनेक शाखाएं बन चुकी है | सुश्री वसुधा कनुप्रिया ,संस्थापक/ पर्पल पेन ने अपने चुनिन्दा दोहे सुनाये और कहा –‘ युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच के ग्यारहवें वार्षिकोत्सव एवं सम्मान समारोह के इस भव्य और सुन्दर आयोजन के लिए मैं मंच के सभी पदाधिकारियों, विशेषकर राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री रामकिशोर उपाध्याय और राष्ट्रीय महासचिव श्री ओमप्रकाश शुक्ल को हार्दिक बधाई देती हूँ। मंच के राज्य प्रभारियों, पटल के संचालकों, सभी सदस्यों और यहाँ उपस्थित सभी गुणीजन को भी मैं बधाई देती हूँ। आप सभी का अथक प्रयास प्रशंसनीय हैं |’ पुरस्कार ग्रहण करने के उपरांत सभी समादृत साहित्यकारों ने भी अपने विचार प्रकट करते हुए पुरस्कार प्रदान करने हेतु युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच के प्रति आभार व्यक्त किया | प्रतिष्ठित ‘ भारतेंदु हरिश्चंद्र शीर्षस्थ सम्मान’ से सम्मानित वरिष्ठ साहित्यकार प्रो.रमेश सिद्धार्थ ने कहा कि यह संगठन बिना किसी राग-द्वेष के कार्य कर रहा है | यह मंच अपने लक्ष्यों के प्रति समर्पित भाव से काम कर रहा है | इस अवसर पर अतिथि गणों के कर कमलों मंच की वार्षिकी – 2024 ‘उत्कर्ष की ओर’ एवं रामकिशोर उपाध्याय की कृति ‘पूरब से पश्चिम’ (विदेश यात्रा वृतांत), सीमा गुप्ता असीम की काव्य कृति –‘रिक्त नहीं है चषक’, वीना तंवर की दो कृतियाँ – थकते नहीं पाँव ( लघु कथाएं ) तथा ‘प्रकृति बोलती है’ (कविता संग्रह ) और आचार्य के.पी.अनमोल की कृति –‘हिंदी छंद मञ्जूषा’ का लोकार्पण भी आमंत्रित साहित्यकारों सुखद उपस्थिति में संपन्न हुआ | इस कार्यक्रम में दिल्ली /एनसीआर के बाहर से पधारे श्री ओम नारायण सक्सेना , श्री विजय मिश्र दानिश, श्री आकाश अथर्व , श्री राजकिशोर मिश्र ‘प्रतापगढ़ी’ एवं विवेक बादल बाजपुरी आदि ने अपना सुंदर काव्यपाठ किया | मंच का सञ्चालन प्रो पवन विजय और सुश्री वंदना गोयल ने सुरुचिपूर्ण ढंग से किया | कार्यकारी अध्यक्ष विजय प्रशांत ने अतिथियों एवं उपस्थित साहित्यकारों के प्रति मंच की ओर से धन्यवाद ज्ञापित किया |