(रिपोर्ट-विनोद पाराशर)
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नई दिल्ली के 'इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र' में आज ( 4 सितंबर 2024) हिंदी पखवाड़े का शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर कला केंद्र के राजभाषा अनुभाग के निदेशक श्री अजीत कुमार ने केंद्र के विभिन्न अनुभागों से सभागार में उपस्थित हुए सभी सदस्यों से हिंदी में कार्य करने की अपील की तथा पखवाड़े के दौरान आयोजित की जा रही विभिन्न प्रतियोगिताओं में कर्मचारियों के अधिक से अधिक संख्या में भाग लेने का अनुरोध किया।
केंद्र की निदेशक (प्रशासन) डॉ. प्रियंका मिश्रा ने हिंदी के प्रति सम्मान बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि यह हमारी राजभाषा है। युवा पीढ़ी इसमें काम करने में बिल्कुल भी संकोच न करे। उन्होंने नव नियुक्त कर्मचारियों के लिए हिंदी में कार्य करने के लिए अलग से पुरस्कारों का प्रावधान करने की घोषणा भी की।
डीन प्रशासन प्रो. रमेश चंद्र गौड़ ने कहा कि केंद्र में पिछले 10 वर्षों में राजभाषा का प्रचार प्रसार काफी बढ़ा है। यह कला केंद्र के अध्यक्ष एवं सदस्य सचिव की इस संबंध में विशेष रुचि लेने के कारण ही संभव हो पाया है।
भारतीय भाषाओं के विकास एवं उनके संवर्धन के लिए समर्पित संस्था 'हिंदुस्तानी भाषा अकादमी' के अध्यक्ष श्री सुधाकर पाठक ने अपने वक्तव्य में कहा कि किसी भी भाषा के अस्तित्व में आने की जटिल और सदियों का श्रम वाली प्रक्रिया है, लेकिन वह कब मर गई, इसका पता भी नहीं चलता। आज भारत सहित विश्व की सभी भाषाओं की स्थिति बहुत ही चिंताजनक है। उन्होंने हिंदी की वर्तमान स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि पहले उसके आसान शब्द 'अंग्रेजी' के शब्दों से बदले गए, फिर कुछ शब्द कठिन मानकर बदले गए, उसके बाद फिर वाक्यांश और अब लिपि भी बदली जा रही है। उन्होंने आगे कहा कि यदि हमें अपनी मातृभाषा को बचाना है, तो हमें अपने बच्चों को अपनी मातृभाषा में ही पढ़ाना होगा। भाषा केवल विचारों के संप्रेषण का माध्यम ही नहीं है वह हमारे व्यक्तित्व को भी गढ़ती है ।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में इस वर्ष हिंदी पखवाड़ा 4 सितंबर से 18 सितंबर 2024 तक मनाया जाएगा, जिसमें हिंदी भाषा में विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन शामिल है।पखवाड़े की समाप्ति पर राजभाषा हिंदी में अच्छा कार्य करने वाले कर्मचारियों को पुरस्कृत भी किया जाएगा।