दरबार के प्रबंधक राम वोहरा ने बताया कि स्वामी श्री राजेश्वरानंद जी महाराज के सान्निध्य में आयोजित शिवमहापुराण कथा अनुष्ठान का समापन सैकडो भक्तों द्वारा "सर्व मंगल मांगले"की गगनभेदी गूंज के साथ हवन यज्ञ में पूर्णाहुति अर्पित करते हुए पंडित रोहित कौशिक द्वारा किया गया। शिवभक्तों ने पंचामृत, बेल पत्र,फूल फल आदि के साथ रुद्राभिषेक किया।यज्ञ की पूर्णाहुति करते हुए स्वामी राजेश्वरानंद जी द्वारा राष्ट्र की एकता अखंडता के साथ विशेष रूप से बांग्लादेश में हिन्दू समाज की सुरक्षा की कामना एवं दुष्ट लोगो के लिए सद्बुद्धि अन्यथा नाश हेतु सर्व कल्याण अरदास की गई।
शिवमहापुराण कथा विराम पर भक्तजनों को संबोधित करते हुए स्वामी श्री राजेश्वरानंद जी महाराज ने बांग्लादेश में हो रहे हिंदू भाइयों पर अत्याचार के विषय में कहा कि यह चिंतनीय विषय है कि चाहे बात ऑस्ट्रेलिया,पाकिस्तान सहित पूरे विश्व की करें तो देखने में आता हैं कि हिंदु मंदिरों पर ही हमले अत्याचार होता हैं जबकि सनातनी संस्कृति के लोग पूरे विश्व में किसी को कष्ट पीड़ा दुःख देने में नही बल्कि आपदा दुःख की घड़ी में सबकी सहायता करने में मदद करते हुए दिखाई देते हैं।बांग्लादेश में हिंदू पूजा स्थलों को तोड़े जाना और हिंदुओ की मार काट के विरुद्ध भारत सरकार सहित संयुक्त राष्ट्र संघ को तत्काल प्रभाव से कार्यवाही करके हिंदुओ की सुरक्षा निश्चित करनी चाहिए।हमें इस बात पर गर्व है कि इतने मुस्लिम देश होने के बावजूद बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री ने अपनी सुरक्षा के लिए भारत पर ही भरोसा रखा और दूसरी तरफ शर्म आ रही है कि इस दुख की घड़ी में हिंदू समाज बांग्लादेश में असहाय और अकेला दिखाई दे रहा है।
स्वामीजी ने आगे बोलते हुए कहा कि जब भी अपने पड़ोस हो रहे अत्याचार को हम मात्र दर्शक की तरह देखते हैं तो याद रखें अगला नंबर हमारा ही होता है।इसके लिए संगठित होने की जरूरत है जिसमे सबसे बड़ी कमी और कमजोरी हमारी जात पात में बंटे होने की सिद्ध होती हैं।स्वामी जी ने कहा "हमारे दुश्मनों ने बहुत चालाकी का काम किया,हमें जात पात में बांट दिया"। जात पात से ऊंचा उठकर हमे केवल हिंदू मानसिकता से काम करना चाहिए।सर्वविदित है कि अकेले तिनकों को कोई भी तोड़ देता है लेकिन तिनकों की गांठ को तोड़ना आसान नही होता अतः तिनके नही गांठ बनिए यानी जात पात में बंटने की जगह संगठित हिंदू बनिए।
कथा व्यास बृज रसिक पुज्यता किशोरी जी ने बेधनाथ,केदारनाथ,विश्वनाथ से जुड़ी कथाओं पर प्रसंग सुनाते हुए कहा कि यह कथाएं हमे भक्ति करते हुए मुक्ति मार्ग पर अग्रसर करती हैं।जिस व्यक्ति ने गुरु दीक्षा न ली हो उन्हे शिव महामंत्र ॐ नमः शिवाय का जप अवश्य करना चाहिए।
अनेक राजनेता धर्मनेता समाज सेवियों ने स्वामीजी से आशीर्वाद प्राप्त करते हुए आरती उतारी एवम भंडारा प्रसाद ग्रहण किया।
राम वोहरा