गाजियाबाद। वसुंधरा स्थित मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस और राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई की ओर से अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर आयोजित साप्ताहिक कार्यक्रमों का विधिवत समापन हो गया। अंतिम दिन योग कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें योगाचार्य देवेन्द्र हितकारी ने मेवाड़ परिवार के सदस्यों एवं विद्यार्थियों को योगासन एवं प्राणायाम कराया। साथ ही महिलाओं को योग के कौन से आसनों और प्राणायाम के जरिये निरोग रखा जाए, इसकी जानकारी दी। देवेन्द्र हितकारी ने कहा कि तन, प्राण, इंद्रियां, मन और मस्तिष्क की एकाग्रता बिना सम्बंधों की नींव मजबूत नहीं हो सकती। किसी भी क्षेत्र में सफलता पाने के लिए इन पांच तत्वों का एकजुट होना परम आवश्यक है। विवेकानंद सभागार में इंटरनेशनल योग दिवस पर आयोजित कार्यशाला में उन्होंने ‘महिला सशक्तीकरण हेतु योग कितना जरूरी’ विषय पर कहा कि शरीर, मन और मस्तिष्क का उपचार केवल योग से ही संभव है। पांच तत्वों की एकाग्रता भी आसन, प्राणायाम और ध्यान से ही हो सकती है। इसलिए विद्यार्थी योग पर ज्यादा ध्यान दें। योगाचार्य श्री हितकारी ने कहा कि यौगिक क्रियाओं को रोजाना अपने जीवन की आदतों में शुमार करने से ही जीवन में एकाग्रता आएगी। इंस्टीट्यूशंस की निदेशक डॉ. अलका अग्रवाल ने कहा कि हम अपने आपसे जुड़ना सीखें तभी दूसरे के साथ जुड़ पाएंगे। अपनी इंद्रियों को नियंत्रित करने से ही जीवन के असली मकसद को हम पा सकते हैं। इंस्टीट्यूशंस की निदेशक डॉ. अलका अग्रवाल ने बताया कि मेवाड़ परिवार में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पिछली 14 जून से ही मनाया जाने लगा था। हर दिन योग से निरोग रखने का अभियान इंस्टीट्यूशंस के आसपास घर-घर चलाया गया। डॉ. अलका अग्रवाल ने बताया कि 21 जून को मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस में योग कार्यशाला, सम्भाषण और यौगिक क्रियाओं का दौर चला। जिनमें मेवाड़ परिवार और विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। डॉ. अलका अग्रवाल ने आमंत्रित अतिथि वक्ता देवेन्द्र हितकारी को इंस्टीट्यूशंस की ओर से शॉल एवं स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। संचालन अमित पाराशर ने किया।