गाजियाबाद। वसुंधरा स्थित मेवाड़ ग्रुप आॅफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डाॅ. अशोक कुमार गदिया ने कहा कि भगवान गौतम बुद्ध ने अपने क्रोध पर काबू पाकर वर्तमान को जीने की शिक्षा दी। काम या मेहनत करते समय जो उसका आनंद है वह काम करने के बाद के आनंद से भिन्न होता है। भगवान गौतम बुद्ध जयंती समारोह में डाॅ. गदिया ने यह विचार व्यक्त किये। डाॅ. अशोक कुमार गदिया ने भगवान गौतम बुद्ध के जीवन पर प्रकाश डाला और कहा कि भगवान गौतम बुद्ध ने दुख के दो बड़े कारण माने। एक तनाव और दूसरा क्रोध। उन्होंने बताया कि जब तनाव होता है तो क्रोध आता है। इन्हें अपने से अधिक अनुभवी और वरिष्ठों की मदद से दूर किया जा सकता है। लेकिन मोक्ष का मार्ग हमें तलाशने के लिए अपने भीतर ही झांकना होगा। जब ज्यादा परेशानी या कोई समस्या सताये तो क्रोध करने के बजाय हम मौन धारण कर लें। हमारी परेशानी या समस्या अवश्य हल हो जाएगी। भगवान बुद्ध ने अष्टांग विधि से अपने कष्टों व दुखों के निवारण की बात कही है। आज भी हम इस अष्टांग विधि से अपने दुखों व कष्टों पर पार पा सकते हैं। निदेशिका डाॅ. अलका अग्रवाल ने भगवान गौतम बुद्ध के दो छोटे-छोटे प्रसंग सुनाकर विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया। इससे पूर्व डा. गदिया व इंस्टीट्यूशंस की निदेशिका डाॅ. अलका अग्रवाल ने मां शारदा, भारत माता व भगवान बुद्ध की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए एवं दीप प्रज्ज्वलित किया। इस मौके पर प्रियंका, प्राची, शिखा, अंजलि, खुशी वर्मा, कीर्ति, निशा, मणि, निशि आदि विद्यार्थियों ने गौतम बुद्ध पर आधारित उपदेश, सम्भाषण और कविताएं प्रस्तुत कीं। समारोह में शिक्षण स्टाफ एवं छात्र-छात्राएं मौजूद थे। समारोह का सफल संचालन आयुषी ने किया।