दिल्ली14 जनवरी:~अयोध्या नही जायेंगे दिल्ली को अयोध्या बनाएंगे यह संदेश दिया गया स्वामी श्री राजेश्वरानंद जी महाराज द्वारा शाहदरा गोरख पार्क स्थित श्री राजमाता झंडेवाला मंदिर द्वारा आयोजित राम संदेश नगर कीर्तन में सैकडो भक्तजनों को।
संस्थान के सहप्रबंधक राम वोहरा ने बताया कि आने वाली 22जनवरी को रामजन्म भूमि पर रामल्ला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले स्वामी श्री राजेश्वरानंद जी महाराज के पावन सानिध्य में गोरख पार्क मंदिर से राम संदेश कीर्तन यात्रा निकाली गई।यह यात्रा गोरख पार्क,बहाल गली,सुभाष पार्क की छोटी बड़ी गलियों से होती हुई वापिस मंदिर पहुंची।स्वामी श्री राजेश्वरानंद जी एवम गुरु माता जी के हाथों में आभूषण की सुंदर गुत्थी में संजोए हुए पवित्र अक्षत के कलश शोभायमान थे।इन पवित्र अक्षत की आभूषण गुत्थियों को घर घर में परंपरागत सनातनी ढंग से निमंत्रण के रूप में निमंत्रण के रूप में दिए जा रहे थे तो स्वामीजी द्वारा हर घर में 11दिए एक मीठे तेल की शीशी बत्तियां और मिठाई बांटी जा रही थी।ढोल की थाप पर भक्तजन नाचते भजन गाते हुए मस्ती में चूर होकर हाथो में ध्वजा मस्तक पर तिलक जय श्री राम जय श्री राम के जयकारे लगाते हुए चल रहे थे।किसी घर में राम कीर्तन यात्रा का पुष्प वर्षा से तो किसी ने राम भक्तों के मस्तक पर तिलक लगाकर तो किसी ने प्रसाद बांटने के साथ स्वामीजी गुरुमाता जी का शॉल चुनरी ओढ़ाकर आशिर्वाद प्राप्त किया।स्वामी जी ने एक बाल्मिकी के हाथ से नारियल फोड़कर राम कीर्तन यात्रा का शुभारंभ किया।राम कीर्तन यात्रा के समाप्ति पर भक्तों ने भंडारा प्रसाद ग्रहण किया।विभिन्न धार्मिक सामाजिक संगठनों के वरिष्ठ सदस्यों योगेश गुप्ता,भागचंद माहेश्वरी,डॉली कवात्रा ने मुख्य भूमिका निभाई।
इस अवसर पर संगत को संबोधित करते हुए स्वामी श्री राजेश्वरानंद जी महाराज ने विशेष संदेश में कहा कि जो भक्त 22जनवरी को अयोध्या नही जायेंगे वह दिल्ली को अयोध्या बनाएंगे।यानी 22 जनवरी श्री राजमाता झंडेवाला मंदिर में दोपहर 11 से 1बजे राम श्याम नाम संकीर्तन किया जायेगा जिसके बाद रामराज्य की ओर कदम बढ़ाते हुए सर्व जात भोज का आयोजन किया जाएगा।इस भोज के पीछे यह विचार रहेगा की रामलल्ला की प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही अब हमने बढ़ना है राम राज्य की स्थापना के मार्ग में।जात पात के भेदभाव के चलते रामराज्य की परिकल्पना सार्थक नही हो सकती।अतः 22जनवरी को ब्राह्मण,बाल्मिकी,रविदासिए,वैश्य हर वर्ण हर जात के हिंदुओ को एक साथ भोजन व्यवस्था की गई है।ऊंच नीच जात पात वर्ण भेद से ऊंचा उठकर सिर्फ हिंदू की सोच से ही रामराज्य की ओर यात्रा का शुभारंभ होगा। प्रभु राम ने सबसे पहले निषादराज गुह को गले लगाकर रामराज्य का संदेश दिया था अब उसी की पुनरावृति होगी।
राम वोहरा