अग्रसेन कोऑपरेटिव ग्रुप हाउसिंग सोसायटी आईपी एक्सटेंशन के प्रधान समाजसेवी श्री तरुण गुप्ता के आवाहन पर क्षेत्र की 37 सोसाइटियों के 84 प्रतिनिधि राधा कृष्ण कुंज सभागार में एकत्रित हुए और उन्होंने दिल्ली नगर निगम द्वारा सहकारी आवासीय समितियां के विरुद्ध अप्रत्यक्ष रूप से उठाए गए कदमों पर चर्चा की | सभा को मुख्य रूप से प्रमुख सहकारी बंधु श्री सुरेश बिंदल, विकल्प अपार्टमेंट के अध्यक्ष श्री मदन खत्री, मिलन अपार्टमेंट के सचिव श्री मितिन गर्ग ने संबोधित किया | कार्यक्रम का संचालन श्री राजीव गुगलानी ने किया, इस अवसर पर अपने स्वागत भाषण में श्री तरुण गुप्ता जी ने समस्या पर प्रारंभिक विचार रखें | उन्होंने कहा “आज हम सब यहां इकट्ठा हुए हैं ऐसी समस्या पर विचार करने के लिए जो सभी सोसाइटियों के लिए समान रूप से खड़ी हो गई है हालांकि सोसाइटी से रिलेटेड समस्याओं के लिए अन्य संस्था भी है और उनकी स्थापना का उद्देश्य भी सोसाइटियों के सामने आने वाली समस्याओं को सरकारी विभागों के समक्ष उठाना और उनका समाधान खोजना था परंतु पता नहीं क्या कारण है कि पिछले कुछ सालों से एकमात्र “प्रतिनिधि फेडरल बॉडी” सोसाइटियों से संबंधित समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रहा है अब तो कई बार ऐसा लगता है कि लोग पदाधिकारी केवल भवन पर अधिकार जमाने के लिए बनते हैं। खैर आज जो यह समस्या और इस तरह की बहुत सारी समस्यायें जो भिन्न-भिन्न समय पर हम लोगों के समक्ष आकर खड़ी हो जाती हैं उन सब के समाधान के लिए हम लोगों को एकजुटता के साथ प्रयास करने होंगे। सभी सोसायटियों द्वारा अपनी जगह का आंतरिक रखरखाव अपने खर्चे पर किया जाता है और इसके लिए सरकार या निगम से कोई सहायता प्राप्त नहीं होती, ना ही सरकार के कोई भी विभाग सोसाइटियों को किसी प्रकार की सेवा देता है इसलिए हाउस टैक्स में 20% छूट का प्रावधान किया गया था परंतु वर्तमान सरकार ने इस छूट को लगभग खत्म कर दिया है | अभी नए नियमों के अनुसार यदि समिति के सभी लगभग 90% निवासी अपने हाउस टैक्स का भुगतान करेंगे तब जाकर 10% सहायता के काम as a whole समिति को मिलेगी ना की व्यक्तिगत फ्लैट मालिक को। और यह सहायता नगद नहीं मिलेगी बल्कि कुल जमा हाउस टैक्स के 10 परसेंट के बराबर नगर निगम से अपनी सोसाइटी में कार्य करा सकते हैं। जरा सोचिए अगर हमारी सोसाइटी ने 10 लाख का हाउस टैक्स का भुगतान किया है तो हम 1 लाख के बराबर निगम से कार्य कराने का अधिकार होगा और इस एक लाख के कार्य को करने के लिए कितनी रिश्वत देनी होगी यह भी आप सोच सकते हैं। निष्कर्ष रूप में कहा जा सकता है की एक तरह से मिलने वाली सहायता को समाप्त कर दिया गया है दुख इस बात का है जो सोसाइटियों के फेडरल बॉडी के पदाधिकारी हैं उन्होंने अभी तक इस विषय पर एक शब्द नहीं बोला है एक सहकारी संस्था होने के नाते हमने यह उचित समझा कि हम सब मिलकर बैठे विचार करें और वस्तु स्थिति से सरकार को, राजनीतिक नेताओं को, अधिकारियों को अवगत कराएँ | आपसे प्रार्थना है कि आप खुलकर विचार रखें और जो निर्णय हम लोग करेंगे उसके अनुसार हम सब मिलकर अपनी आवाज उठाएंगे आप यहां बड़ी संख्या में पधारे मैं अग्रसेन कोऑपरेटिव ग्रुप हाउसिंग सोसायटी की ओर से आपका अभिनंदन करता हूं” |
सभा को संबोधित करते हुए श्री सुरेश बिंदल ने कहा “नगर निगम जो सेवाएं दिल्ली के निवासियों को देती है वह सभी सेवाएं ग्रुप हाउसिंग सोसाइटियों को स्वयं करनी पड़ती है स्ट्रीट लाइट का मेंटेनेंस और बिल हम भरते हैं, आंतरिक सफाई की व्यवस्था हम करते हैं, पानी को प्रत्येक फ्लैट में पहुंचने की व्यवस्था हम करते हैं, सीसीटीवी कैमरे सरकार सड़कों पर लगा रही है पर हमारी सड़कों पर जो सीसीटीवी कैमरे लगे हैं उसका समस्त खर्चा हम उठाते हैं | दिल्ली नगर निगम में कोऑपरेटिव ग्रुप हाउसिंग सोसायटी के निवासियों को एक ऐसी भेड समझ लिया है जब चाहो तब उसकी खाल खींच लो | हमारे पर दबाव डाला गया कि बिल्डिंग की स्वास्थ्य जांच करवाऐ स्ट्रक्चरल इंजीनियर सोसाइटियों ने लाखों रुपया खर्च किया और रिपोर्ट सरकार को जमा करवाई परंतु एक शब्द भी हमें उसके बारे में सुनाया नहीं गया | हम अपने दुखों के बारे में जागरूक नहीं होंगे तो धीरे-धीरे हमको और कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा | बरसाती नालियों की सफाई नगर निगम और सरकार करती है | उन्होंने सवाल उठाया कि क्या कभी आपके बरसाती नालों के बारे में भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कभी सेवाएं दी गई है | हमें इस पर गंभीरता से विचार कर अपनी आवाज सरकार तक पहुंचानी होगी” |
विकल्प अपार्टमेंट के प्रधान श्री मदन खत्री ने भी तकनीकी रूप से गृहकर के बारे में अपने विचार रखें | “सन 2002 तक एम सी डी के प्रॉपर्टी टैक्स डिपार्टमेंट में अफसरशाही का बोलबाला था । मनचाहे ढंग से टैक्स वसूला जाता था। एक ही कॉलोनी के एक ही क्षेत्रफल के मकानों से अलग अलग कर निर्धारण कर वसूला जाता रहा है। सिस्टम को एकसा पारदर्शी बनाने के लिए “म्युनिसिपल वैल्यूएशन कमिटी” का गठन किया गया था सन 2004 से “यूनिट एरिया मैथड” लागू किया ताकि एक क्षेत्र के निवासियों को एक समान कर देना पड़े। भवनों के प्रकार, आयु, क्षेत्र में सुविधाओं के अनुसार छूट का भी प्रावधान किया गया। लगभग 2020, 21 तक सिस्टम कुछ ठीक चलता रहा और फिर एम सी डी शीर्षस्थ अधिकारियों में बदलाव हुआ और सब कुछ बदलने लगा। एम सी डी की कार्य प्रणाली सेवा से बदल कर इकोनॉमिक कार्यरत हो गई। उद्देश्य ‘कहा से पैसा कैसे वसूला जाए’ हो गया। दुर्भाग्यवश ग्रुप हाउसिंग ईमानदार टैक्सपेयर निवासी सबसे पहले बलि का बकरा बनते गए। एम सी डी जो सर्विस ग्रुप हाउसिंग को देती ही नहीं उस पर छूट वापिस ले ली। कुल देय टैक्स लगभग दोगुना हो गया।“
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से श्री एम सी त्यागी, श्री सुरेश मित्तल, श्री बीएम अग्रवाल, श्री जीवेश शर्मा, श्री अनिल बैजल, श्री अनिल माथुर, श्रीमती अर्चना त्यागी, श्री श्रीकवर, श्री कैलाश अग्रवाल, श्री सुनील हांडा ने चर्चा में भाग लिया | इस अवसर पर समिति के पदाधिकारी महानुभाव, आदरणीय सुरेश बिंदल जी मितिन जी और मंच पर सम्मानित और विराजित सभी विभूतियां उपस्थित थे |
सभा में विचार विमर्श के बाद तय किया गया की सभी सोसाइटियां इस संबंध में यहां अपने विचार विमर्श कर दिल्ली के कमिश्नर को पत्र लिखें तथा उस पत्र की प्रतिलिपि ग्रुप में डालें, यह भी निर्णय किया गया दिल्ली की माननीय महापौर सुश्री शैली ओबेरॉय से समय लिया जाए और एक शिष्य मंडल उनसे जाकर मिले | श्री मितिन गर्ग को यह जिम्मेवारी दी गई कि वह श्री मदन खत्री से मिलकर पत्र का ड्राफ्ट बनाएंगे और सभी सोसाइटियों को विचार के लिए भेजेंगे अग्रसेन समिति के उप प्रधान श्री इंद्र जी ने सभी का धन्यवाद किया और कहा गए हमारे एक छोटे से निवेदन पर आप इतनी बड़ी संख्या में आए हैं इसके लिए हम हृदय से आपका आभार व्यक्त करते हैं इसी के साथ जलपान की व्यवस्था की गई |
प्रेषक
सुरेश बिंदल