5 नवंबर 2023, नई दिल्ली। भारतीय भाषाओं के उन्नयन एवं संवर्धन को समर्पित स्ववित्तपोषित संस्था 'हिंदुस्तानी भाषा अकादमी' द्वारा जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय युवा केंद्र, दीन दयाल उपाध्याय मार्ग स्थित एन.डी. तिवारी सभागार में एक भव्य सम्मान समारोह का आयोजन किया गया । इस समारोह में मेरठ के वरिष्ठ साहित्यकार श्री बृजराज किशोर 'राहगीर' को हिंदुस्तानी भाषा काव्य प्रतिभा सम्मान - 2023 से नवाजा गया। सम्मान स्वरूप में उन्हें शाल, प्रशस्ति पत्र, प्रतीक चिन्ह, पुस्तक साझा गजल संग्रह 'गुलदस्ता-ए- ग़ज़ल' की प्रति तथा नगद सम्मान राशि प्रदान की गई।
श्री बृजराज किशोर 'राहगीर' को यह सम्मान निर्णायक मंडल द्वारा साझा गजल संग्रह में शामिल उनकी गजलों के गुणवत्ता के आधार पर दिया गया । गौरतलब है कि अकादमी भारतीय भाषाओं के संवर्धन के साथ ही स्तरीय साहित्य को भी प्रोत्साहित करती रहती है। अकादमी द्वारा इससे पूर्व में साहित्य की गीत विधा पर यह सम्मान दिया गया था। इस वर्ष यह सम्मान साहित्य की ग़ज़ल विधा के लिए कुछ महीने पहले घोषित किया गया था, जिसके अंतर्गत सोशल मीडिया के माध्यम से देश-विदेश के गजलकारों से उनकी तीन-तीन गजलें आमंत्रित की गई थीं। उन गजलों के आधार पर 50 श्रेष्ठ गजलकारों का चयन किया गया। चयनित 50 श्रेष्ठ गजलकारों की दो-दो गजलों को शामिल करके यह साझा गजल-संग्रह 'गुलदस्ता-ए-गजल' के नाम से प्रकाशित किया गया। निर्णायक मंडल द्वारा इन 50 गजलकारों में से ही श्री ब्रज राज किशोर 'राजगीर' की गजलों को श्रेष्ठ घोषित किया गया, जिसके लिए उन्हें उक्त समारोह में 'हिंदुस्तानी भाषा काव्य प्रतिभा सम्मान - 2023' से सम्मानित किया गया।
योजना के अंतर्गत चयन प्रक्रिया को पारदर्शी व विश्वसनीय बनाने के लिए निर्णायक के पास गजलों के साथ गजलकारों के नाम नहीं भेजे गए, बल्कि उन्हें एक प्रतियोगी क्रमांक आवंटित किया गया था। अकादमी से जुड़े किसी भी सदस्य को इस प्रतियोगिता में शामिल नहीं किया गया । देश - विदेश से 171 गजलकारों ने इस प्रतियोगिता में भाग लिया जिनमें से श्रेष्ठ 50 गजलकारों का चयन किया गया।
इस भव्य समारोह में सर्वश्रेष्ठ गजलकार श्री बृजराज किशोर राहगीर का सम्मान किया गया, इसके साथ ही समारोह में सम्मिलित अन्य चयनित सभी गजलकारों का भी सम्मान किया गया। इसके अलावा तीन अन्य गजलकार डॉ.तूलिका सेठ, रवि ऋषि और संजय कुमार गिरी भी विशेष आमंत्रित गजलकारों के रूप में उपस्थित थे, उनका भी सम्मान किया गया ।
देश के विभिन्न प्रदेशों से पधारे चयनित गजलकारों में सर्वश्री/सुश्री रचना निर्मल (दिल्ली) कृष्ण कुमार दुबे (कोलकाता), अजय अज्ञात (फरीदाबाद), सुप्रिया सिंह वीणा (गाजियाबाद) रीता अदा (दिल्ली) रमा प्रवीर वर्मा (नागपुर) सोनिया सोनम 'अक्श' (पानीपत), सुंदर सिंह (दिल्ली) आनंद पांडे तन्हा (कानपुर), दीपक कामिल (चूरू),कुलदीप गर्ग 'तरुण' (सोलन), अब्दुल रहमान मंसूर (ओल्ड फरीदाबाद), राम श्याम हसीन (दिल्ली), दानिश कैमूरी (रोहतास), पंकज गर्ग (रुड़की), डॉ ऋषिपाल धीमान ऋषि (अहमदाबाद),आशीष सिंन्हा काशिद (दिल्ली), डॉ. निधि नीर (दिल्ली), रजनीश त्यागी राज ('दिल्ली), शहजाद खुर्रम नूर (ग्रेटर नोएडा), अनीस शाह (नरसिंहपुरा), डा. गुरविंदर बांगा (गुरुग्राम), रमेश डढवाल (धर्मशाला), मनीष मोहक (बेगूसराय), दीपक कुमार नगाइच रोशन (उदयपुर), पिंकी सिंगल अर्श (दिल्ली), कृष्ण सुकुमार (रुड़की) चमन लाल शर्मा (चंडीगढ़), अरविंद असर (दिल्ली),राजू खान (दिल्ली), साहिल मिश्र (रायबरेली) डॉ. श्रद्धा निकुंज भारद्वाज अश्क़ (फरीदाबाद), इंदु मिश्रा किरण (दिल्ली), शाहजहां साद (सूरत) और ओंकार सिंह विवेक (रामपुर) समारोह में उपस्थित थे। इस अवसर पर सभी ग़ज़लकारों ने अपनी एक एक प्रतिनिधि ग़ज़ल का पाठ भी किया।
मशहूर उस्ताद शायर सीमाब सुल्तानपुरी जी ने इस कार्यक्रम की अध्यक्षता की और 'गुलदस्ता-ए-गज़ल' साझा गजल-संग्रह को मूर्त रूप देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले गजल-गुरु श्री देवेंद्र मांझी जी मुख्य अतिथि के रूप में मंचासीन रहे। विशेष अतिथि के रूप में सर्वभाषा ट्रस्ट के निदेशक डॉ. केशव मोहन पांडे इस समारोह में शामिल थे।
अकादमी के अध्यक्ष श्री सुधाकर पाठक ने अपने स्वागत वक्तव्य में मंचासीन अतिथियों सहित सभी आमंत्रित अतिथियों का आभार ज्ञापित किया और अकादमी की कार्यपद्धति और इसकी भावी योजनाओं के संबंध में जानकारी दी। इसके साथ ही अकादमी की केंद्रीय कार्यकारिणी के सदस्यों का स्वागत किया गया तथा अतिथियों से उनके कार्यों का उल्लेख सहित परिचय भी करवाया।
उल्लेखनीय बात यह रही कि 4 घंटे तक चले समारोह में 40 से अधिक गजलकारों और सम्माननीय अतिथियों ने अपनी बात रखी, उपस्थित श्रोताओं ने कार्यक्रम के अंत तक उन्हें बड़े ध्यान से सुना और और उसकी सराहना भी की।
इस कार्यक्रम का संचालन बड़े ही अनुशासित ढंग से संस्था की कार्यकारिणी के सदस्य- सुश्री संजय गरिमा, डा.सोनिया आरोड़ा और विनोद पाराशर ने किया। अकादमी के अन्य सदस्यों-श्री विजय कुमार शर्मा डॉक्टर वनिता शर्मा, सुषमा भंडारी सीमा सिकंदर, सरोज शर्मा ओर राजकुमार श्रेष्ठ के सतत प्रयासों से ही यह कार्यक्रम सफल हो पाया। इस समस्त आयोजन की परिकल्पना के समय से जुड़े अकादमी के सलाहकार एवं केंद्रीय समिति के सदस्य श्री विनोद पाराशर के समन्वयन में आयोजित इस सफल आयोजन में उनकी मुख्य भूमिका को सभी अतिथियों ने बहुत सराहा।