दिनांक: 28 सितंबर, 2025 रविवार को सांध्य बेला में छाया पब्लिक स्कूल, गोविंदपुरी, मोदीनगर के सभागार
में पारिवारिक संबन्धों पर आधारित पुस्तक 'अनमोल रत्न' 2025 का भव्य लोकार्पण उत्सव मनाया गया. जिसमें सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, मोदीनगर, मुरादनगर, गाज़ियाबाद, दिल्ली, फरीदाबाद, मथुरा-वृंदावन के कवि एवं साहित्यकारो,ने बढ- चढ़ कर भाग लिया.
कार्यक्रम माँ सरस्वती के चित्र के समक्ष पूर्व राज्य मंत्री (वाणिज्य कर उ.प्र. सरकार के) श्री राम किशोर अग्रवाल, डॉ चक्र आचार्य, डॉ पवन सिंहल, डॉ वी.पी. शर्मा, डॉ सुरेंद्र सिंह अत्रीस,कवि 'ब्रजकण' आदि ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का श्री गणेश किया. मेरठ से पधारे युवा कवि प्रशांत दीक्षित ने मधुर स्वर में माँ वीणा पाणि की वंदना से सभागार को गुंजित कर श्रोताओं से खूब तालियां बटोरी. अखिल भारतीय साहित्य मंच, मोदीनगर के संरक्षक श्री राम किशोर अग्रवाल एवं पूना से पधारे डॉ चक्र आचार्य, डॉ पवन सिंहल, डॉ सुरेंद्र सिंह अत्रीस,डॉ वी.पी. शर्मा,डॉ अरुण कुमार त्यागी आदि ने पुस्तक की अवगुंठन प्रक्रिया को पूर्ण करते हुए,'अनमोल रत्न'- पुस्तक सभागार में वितरित करायी. पुस्तक पर विशेष साहित्यिक समीक्षा मोदीनगर के पतला डिग्री कॉलेज के प्रॉक्टर एवं हिंदी विभाग से सेवा निवृत्त साहित्यसेवी डॉ सुरेंद्र सिंह अत्रीस जी द्वारा की गई. आपने पुस्तक में प्रकाशित प्रथम,द्वितीय,तृतीय प्रतियोगियों की रचनाओं की व्याख्या तथा विशेष भाव पूर्ण पंक्तियों का काव्य पाठ कर सभागार में अपनी विद्वता का वर्चस्व कायम किया.
अखिल भारतीय साहित्य मंच, मोदी नगर के संरक्षक राम किशोर अग्रवाल, डॉ पवन सिंहल,डॉ सुरेंद्र सिंह अत्रीस एवं डॉ चक्र आचार्य, डॉ वी.पी. शर्मा एवं कवि दरयाब सिंह राजपूत "ब्रजकण" द्वारा डॉ ब्रजेश कुमार मिश्र, डॉ मधुर बिहारी गोस्वामी तथा कवि हरि राम 'पथिक' को शाल,श्रीफल,सुंदर प्रतीक चिन्ह, फूल व मोतियों की माला पहना कर सम्मानित किया. अनेक स्थानों से पधारे कवियों को भी सुंदर प्रतीक चिन्ह, मोतियों की माला तथा पुष्प माला पहना कर दो दर्जन कवियों का सम्मान किया गया. इस अवसर पर नगर के प्रतिष्ठित समाजसेवी तथा वरिष्ठ नागरिक संस्था के संरक्षक एवं अन्य सहयोगियों के साथ-साथ सभागार में साहित्य प्रेमियों को भी सम्मानित किया गया. इस कार्यक्रम क्रम में कवि सुल्तान सिंह 'सुल्तान' के काव्य की खूब प्रशंसा की गई. कवि भारत भूषण, डॉ ईशहाक अली सुंदर की ग़ज़लों तथा डॉ विजेंद्र पाल शर्मा के गीत- 'बिटिया चली गई ससुराल' पुष्पा शर्मा तथा धीरेन्द्र, प्रशांत,चक्र आचार्य, हरि नारायण दीक्षित 'श्रमिक' आदि कवियों को भी मन से सुना गया, य़ह सरस काव्य धारा धीरे-धीरे रात्रि के आगोश में समा गई. इस साहित्यिक कार्यक्रम का सुपर काव्यमय संचालन कवि अमित अरोड़ा "जगमोहन"एवं कवि "ब्रजकण" ने किया, सूक्ष्म जलपान के पश्चात इस साहित्यिक कार्यक्रम को विश्राम दिया गया.
