जयपुर, राजस्थान - 25 अगस्त, 2025: आज जयपुर के रीजनल साइंस सेंटर ऑडिटोरियम में एक भव्य समारोह के दौरान दो महत्वपूर्ण पुस्तकों का लोकार्पण किया गया। इस कार्यक्रम में शिक्षा, साहित्य और समाज के कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। पहली पुस्तक, युवा उद्यमी और शिक्षाविद् श्री नंद के. यादव द्वारा लिखित "स्वधर्म - फॉर करियर सक्सेस" है, जो भारत की युवा पीढ़ी को करियर की दुविधा से निकालकर सार्थकता की राह दिखाती है। दूसरी पुस्तक, प्रसिद्ध लेखक श्री प्रबोध कुमार गोविळ द्वारा रचित "माय फेवरेट स्टोरीज़" है, जो कहानियों का एक अनूठा संग्रह है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भुवनेश्वर से पधारे श्री विजय कुमार तिवारी थे, और विशिष्ट अतिथि के रूप में सिटी पैलेस, जयपुर की एग्जीक्यूटिव ट्रस्टी, श्रीमती रमा दत्ता ने समारोह की शोभा बढ़ाई।
"स्वधर्म - फॉर करियर सक्सेस" का परिचय:
श्री नंद के. यादव की यह पुस्तक भारत के युवाओं के सामने मौजूद सबसे बड़ी चुनौती - "करियर मिसएलाइनमेंट" - का एक व्यावहारिक समाधान प्रस्तुत करती है। यह पुस्तक केवल करियर चुनने के तरीकों पर बात नहीं करती, बल्कि भगवद् गीता के 'स्वधर्म' के सिद्धांत को आधुनिक साइकोमेट्रिक टूल्स (जैसे MBTI, RIASEC) के साथ जोड़कर पाठकों को उनके वास्तविक 'स्वभाव' से परिचित कराती है। पुस्तक का उद्देश्य युवाओं को सिर्फ़ एक सफल नौकरी दिलाना नहीं, बल्कि उन्हें एक ऐसा मार्ग दिखाना है जो उनके जुनून, कौशल और व्यक्तित्व के अनुरूप हो, ताकि वे सफलता के साथ-साथ संतुष्टि भी प्राप्त कर सकें।
"माय फेवरेट स्टोरीज़" का परिचय:
श्री प्रबोध कुमार गोविळ की यह पुस्तक जीवन के विभिन्न रंगों को समेटे हुए कहानियों का एक गुलदस्ता है। ये कहानियाँ पाठकों को सोचने पर मजबूर करती हैं, उन्हें प्रेरित करती हैं और जीवन के छोटे-छोटे पलों में छिपी खुशियों को दर्शाती हैं। श्री गोविळ का दशकों का अनुभव और उनकी सहज लेखन शैली इन कहानियों को हर उम्र के पाठक के लिए पठनीय और यादगार बनाती है।
लेखकों के विचार:
इस अवसर पर, श्री नंद के. यादव ने कहा, "आज भारत में युवा सफल तो हैं, पर संतुष्ट नहीं। मेरी यह पुस्तक उस संतुष्टि की खोज है। हम एक ऐसी पीढ़ी का निर्माण करना चाहते हैं जो सिर्फ कमाए नहीं, बल्कि अपने जीवन को सार्थक बनाए। 'स्वधर्म' उसी दिशा में एक छोटा सा प्रयास है।"
श्री प्रबोध कुमार गोविळ ने कहा, "कहानियाँ समाज का दर्पण होती हैं। मेरी कोशिश रही है कि इन कहानियों के माध्यम से मैं पाठकों को उनके अपने जीवन के प्रतिबिंब दिखा सकूँ और उन्हें प्रेरित कर सकूँ।"
मुख्य अतिथि श्री विजय कुमार तिवारी ने दोनों लेखकों को बधाई देते हुए कहा, "'स्वधर्म' जैसी पुस्तक आज के समय की मांग है। यह भारतीय मूल्यों को आधुनिक संदर्भ में प्रस्तुत करती है, जो युवाओं के लिए अत्यंत आवश्यक है।"
यह कार्यक्रम साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित हुआ, जहाँ प्राचीन ज्ञान और आधुनिक दृष्टिकोण का अनूठा संगम देखने को मिला।