दिल्ली, 21 जून 2025 को साहित्यिक चेतना और रचनात्मक ऊर्जा से ओतप्रोत माहौल में सुर साहित्य परिषद् एवं ट्रू मीडिया के संयुक्त तत्वावधान में एक भव्य काव्य गोष्ठी का आयोजन ट्रू मीडिया स्टूडियो में किया गया। यह आयोजन साहित्य प्रेमियों और रचनाकारों के लिए एक प्रेरणास्पद मिलन स्थल सिद्ध हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन से हुआ, जिसे मंचासीन अतिथियों एवं आमंत्रित कवियों द्वारा संयुक्त रूप से संपन्न किया गया। कार्यक्रम की गरिमा को बढ़ाने हेतु मंच पर उपस्थित रहे साहित्य के प्रमुख हस्ताक्षर मुख्य अतिथि और कार्यक्रम की अध्यक्षत श्री ओंकार त्रिपाठी एवं विशिष्ट अतिथि श्री दिनेश आनंद। कार्यक्रम में ट्रू मीडिया के मुख्य संपादक श्री ओमप्रकाश प्रजापति और सुर साहित्य परिषद् के संस्थापक श्री संजय जैन की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। कार्यक्रम का संचालन सुर साहित्य परिषद् की महासचिव सुश्री उर्वी ऊदल ने अपनी मनमोहक शैली और सधे हुए अंदाज़ में किया, जिससे संपूर्ण आयोजन जीवंत और अनुशासित बना रहा। मंचासीन अतिथियों और सभी आमंत्रित कवियों का सम्मान श्री ओमप्रकाश प्रजापति, श्री संजय जैन तथा परिषद् के अन्य पदाधिकारियों द्वारा अंगवस्त्र देकर किया गया। दूर- दराज से पधारे विभिन्न कवियों और कवयित्रियों ने मंच से गीत, ग़ज़ल, छंद, रुबाई एवं काव्य पाठ के माध्यम से साहित्यिक रस बरसाया। गोष्ठी में नयन नीरज नायाब, अजय कुमार, सुभाष कुमार, सीमा रंगा, ललित मोहन जोशी, मनोज डागर, रोहित कुमार, मोनिका शर्मा, मधु शर्मा ‘मधु’, अंजू क्वात्रा, कामना मिश्रा, अजीत अनुराग, पी.के. शायर, प्रवीन गोला, नीलम गुप्ता, इन्द्र जीत सुकुमार, देवेन्द्र शर्मा, जगदीश मीणा और अजय कुमार जैसे चर्चित रचनाकारों ने अपनी-अपनी उत्कृष्ट प्रस्तुतियों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।प्रत्येक रचना में समाज, प्रेम, देशभक्ति, और मानवीय मूल्यों की झलक स्पष्ट रूप से दिखाई दी, जिससे उपस्थित साहित्यप्रेमियों ने भावविभोर होकर वाह-वाह की सराहना दी। कार्यक्रम के अंत में श्री ओमप्रकाश प्रजापति ने मंचासीन अतिथियों, सभी आमंत्रित कवियों, दर्शकों एवं सहयोगियों का हार्दिक आभार व्यक्त करते हुए कहा कि “ऐसे आयोजनों से साहित्यिक प्रवाह और सौहार्द का वातावरण सृजित होता है, जो समाज को संवेदनशील बनाता है।” कार्यक्रम आत्मीयता, सौहार्द एवं साहित्यिक सौंदर्य से भरपूर रहा और सभी प्रतिभागियों व श्रोताओं के मन में लंबे समय तक यादगार बन गया।