यूको बैंक की जी.डी. बिड़ला व्याख्यानमाला बेंगलुरू के माउंट कार्मेल कॉलेज में आयोजित
‘मनुष्य जीवन में जो भी घटित होता है उसे अपने भीतर सहेज लेता है। सर्जना के क्षणों में जीवन का वही वैशिष्ट्य रचनाकार की सृजनात्मक अभिव्यक्ति द्वारा प्रकट होता है। भले ही जीवन कैसा ही क्यों न हो लेकिन उसकी सृजनात्मक अभिव्यक्ति में यथार्थ भी लालित्यात्मक रूप में उभर कर आता है। कहा जाए कि जीवन का लालित्य-बोध है सृजतनात्मकता, तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। यही साहित्य तो जीवन की व्याख्या करता है।’ ये विचार बेंगलुरू की यूको बैंक के क्षेत्रीय केंद्र द्वारा माउंट कार्मेल कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में ‘हिन्दी भाषा में रचनात्मक लेखन का महत्त्व और संभावनाएँ’ विषय पर आयोजित विशेष व्याख्यानमाला के अंतर्गत मुख्य वक्ता के रूप में अपने विचार रखते हुए वरिष्ठ साहित्यकार और दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षाविद प्रो. हरीश अरोड़ा ने कहे। उन्होंने यह भी कहा कि सृजनात्मकता का संबंध किसी भाषा से नहीं होता। प्रत्येक भाषा का रचनाकार अपनी भाषा में अपनी भावनाओं और विचारों को अभिव्यक्ति प्रदान करता है। सबका अपना-अपना लालित्य होता है लेकिन बोध सभी का एकरूप ही होता है। उन्होंने यह भी कहा कि रचनाकार की सृजनात्मक शक्ति ही किसी भी रचनाकार को अमर बनाती है। यूको बैंक के क्षेत्रीय केंद्र द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का आयोजन बेंगलुरू के प्रतिष्ठित माउंट कार्मेल कॉलेज में किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम के अध्यक्ष यूको बैंक के उप महाप्रबंधक एवं अञ्चल प्रमुख राजेश कुमार ने आमंत्रित अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि यूको बैंक द्वारा प्रति वर्ष जी.डी. बिड़ला व्याख्यानमाला का आयोजन विभिन्न विषयों पर किया जाता है। हमारा अञ्चल ऐसी व्याख्यानमाला तथा अन्य आयोजनों द्वारा राजभाषा हिन्दी के प्रचार प्रसार तथा कर्नाटक राज्य की सभी शाखाओं में उसके क्रियान्वयन के लिए संकल्पबद्ध है। इस अवसर पर अनिर्बान कुमार बिश्वास, ई. रमेश तथा रचना मिश्र ने यूको बैंक में राजभाषा हिन्दी के लिए किये जा रहे कार्यों के विषय में विस्तार से बताया।
इस अवसर पर कार्यक्रम में विशिष्ट वक्ता के रूप में अपने विचार रखते हुए वरिष्ठ साहित्यकार जयप्रकाश कर्दम ने कहा कि साहित्य जीवन की सच्चाई को पाठकों के सामने लाता है और पाठक अपने-अपने परिवेश में उस सत्य का बोध करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि साहित्य में वो शक्ति है कि वह समाज में दलाव ला सके।
कार्यक्रम में माउंट कार्मेल कॉलेज के हिन्दी विभाग की अध्यक्ष ने अपने स्वागत वक्तव्य में कहा कि हिन्दी में रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के लिए उसमें अधिक से अधिक कौशल विकास संबंधी योजनाओं को शामिल किया जाना चाहिए। इस अवसर पर यूको बैंक की ओर से एस. रंजीता तथा मानसी मिश्र को यूको बैंक राजभाषा सम्मान से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन राजभाषा अधिकारी बेलोना मैथ्यू ने किया। उन्होंने इस अवसर पर अपने विचार रखते हुए कहा कि इस देश की सभी भाषाएँ हमारी पहचान हैं। बहुभाषी समाज में हिन्दी भाषियों की संख्या अधिक होने के कारण यह सभी भाषाओं का नेतृत्व करती है। इसलिए इसमें सृजनात्मक शक्ति भी अधिक रहती है। कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन महेश कुमार द्वारा किया गया। इस अवसर पर यूको बैंक के अनेक वरिष्ठ अधिकारी, कर्मचारी तथा माउंट कार्मेल कॉलेज के प्राध्यापक एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।